By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
India Speaks DailyIndia Speaks Daily
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • Blog
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • सरकारी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDeo blog
    • Your Story
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • JOIN US
Reading: राममंदिर को लेकर दैनिक भास्कर की एजेंडावादी पत्रकारिता जारी है।
Share
Notification
Latest News
राहुल को सजा, फिर संसद से निलंबन और अब तोड़फोड़ ! 
मुद्दा राजनीतिक खबर
उमेश पाल का ‘दोस्त’ मोहम्मद सजर  था अतीक अहमद का मुखबिर ! 
अपराध
ब्रिटेन में भारतीय दूतावास से तिरंगा उतारने के केस में दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया केस  !
देश-विदेश
मानहानि मामले में सुनवाई टली !   
संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
राहुल गांधी की मुसीबत कम नहीं हो रही है !
मुद्दा राजनीतिक खबर
Aa
Aa
India Speaks DailyIndia Speaks Daily
  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • Blog
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • सरकारी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDeo blog
    • Your Story
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • JOIN US
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Website Design & Developed By: WebNet Creatives
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
India Speaks Daily > Blog > मीडिया > मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म > राममंदिर को लेकर दैनिक भास्कर की एजेंडावादी पत्रकारिता जारी है।
मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म

राममंदिर को लेकर दैनिक भास्कर की एजेंडावादी पत्रकारिता जारी है।

Courtesy Desk
Last updated: 2017/04/15 at 1:13 AM
By Courtesy Desk 237 Views 6 Min Read
Share
6 Min Read
India Speaks Daily - ISD News
SHARE

रामगोपाल। दैनिक भास्कर के 13 अप्रैल, 2017 के अंक में ‘संविधान के अनुकूल नहीं है संघ प्रमुख की दलील’ शीर्षक से संपादकीय पढ़ कर दु:खद आश्चर्य हुआ क्योंकि इसमें उसी एजेंडावादी पत्रकारिता की झलक मिली जिसका विरोध खुद देश का सबसे अग्रणी समाचारपत्र होने का दावा करने वाला यह प्रकाशन करता रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत द्वारा झारखण्ड में दिए गए उद्बोधन को उधृत करते हुए संपादकीय में लिखा गया है कि ‘राम मंदिर के बारे में रांची में दी गई मोहन भागवत की दलील न तो संविधान सम्मत है और न ही सद्भावना सम्मत। यह कहना कि राम मंदिर का विरोध अन्य धर्मों की कट्टरपंथ के नाम पर चलने वाली गुंडागर्दी है। यह अल्पसंख्यकों को धमकाने व बहुसंख्यकों को उकसाने का प्रयास है। संपादकीय में दावा किया गया है कि राम मंदिर हिंदू समाज की नहीं बल्कि एक संगठन की मांग है। अल्पसंख्यक समाज और देश के संविधानवादी लोगों का प्रयास यही है कि देश में आस्था के नाम पर हिंसा की नजीर न कायम हो।

इस संपादकीय में लापरवाहीपूर्ण तरीके से न केवल अदालत द्वारा घोषित बाबरी ढांचे को मस्जिद बता कर अदालत की अवमानना की गई है और इस विवाद के लिए अल्पसंख्यकों को क्लीनचिट देते हुए इसके लिए पूरी तरह बहुसंख्यकों को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास हुआ है। उक्त पंक्तियां लिखते समय संपादक महोदय भूल गए कि यह आंदोलन वर्तमान के हर संगठन व राजनीतिक दल के अस्तित्व में आने से पहले चल रहा है। इसका सीधा अर्थ है कि मंदिर बनाने की इच्छा किसी संगठन की नहीं बल्कि पूरे हिंदू समाज की है। बाबर के सेनापति मीर बाकी से मुकाबला करते हुए और उसके बाद मंदिर की मुक्ति के लिए हुए कई युद्धों में अभी तक लाखों हिंदू बलिदान दे चुके हैं। इस आंदोलन को किसी संगठन मात्र से जोडऩा इसके इतिहास की या तो उपेक्षा या जानकारी का अभाव कही जा सकती है।

बाबरी ढांचे को मस्जिद कह कर संपादक महोदय ने 30 सितंबर, 2010 को अलाहबाद हाईकोर्ट के उस आदेश की अवमानना की है जिसमें अदालत ने इसी स्थान को भगवान श्रीराम का जन्मस्थान बताते हुए संपादक महोदय की कथित बाबरी मस्जिद को ‘बाबरी ढांचा’ बताया था। अदालत में केस भी रामजन्म भूमि बनाम बाबरी ढांचा के शीर्षक से लड़ा जा रहा है। जब देश की अदालत जिस ईमारत को ढांचा बता रही है तो संपादक महोदय ने किस अधिकार या जुर्रत से उसे मस्जिद बताने की जहमत उठाई इसका जवाब तो वह खुद ही दे सकते हैं।

More Read

गुजरात के एक विचारक आरएसएस के हिंदू विरोधी चरित्र पर क्या कह रहे हैं ध्यान से सुनें।
What Does The RSS Mean To The Hindu Society?
Why RSS Is Not A Hindu Organization
अलविदा वैदिक जी।

डा. भागवत जी ने ठीक ही कहा है कि न तो इस्लाम और न ही इसाईयत यहां मंदिर बनाने के विरोध में है। मंदिर का विरोध तो इस्लाम व इसाईयत के नाम पर चलने वाली राजनीति, कट्टरपंथ व गुंडागर्दी कर रही है। यहां बताना जरूरी है कि मुस्लिम बंधओं में राम मंदिर का विरोधी नहीं है। सन 1857 में प्रथम राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय हिंदू-मुस्लिम एकता का परिचय देते हुए मुस्लिम पक्ष ने यहां मंदिर बनाना स्वीकार कर लिया था परंतु फूट डालो राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों ने उन हिंदू-मुस्लिम विद्वानों को फांसी पर लटका दिया ताकि विवाद का निपटारा होने से देश में हिंदू-मुस्लिम एकता न स्थापित हो सके।

आज अंग्रेजों की उसी नीति पर देश के कथित सैक्यूलर दल, अप्रसांगिक हो चुके कुछ बुद्धिजीवी, मीडिया का एक वर्ग चलता नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट की द्वारा दोनों पक्षों को आपसी विमर्श के बाद विवाद सुलझाने के सुझाव के बाद देखने में आ रहा है कि बहुत से मुस्लिम विद्वान भी इस बात के लिए तैयार हैं कि यहां पर राममंदिर का निर्माण हो परंतु ऐसे में ‘दैनिक भास्कर’ जैसे जिम्मेवार समाचारपत्र का उक्त संपादकीय पढ़ कर दु:खद संकेत मिला है कि इसके संपादक महोदय चाहते हैं कि एक पक्ष को उकसा कर विवाद की पेचिदगियों को उलझाया जाए। इस तरह का कृत्य किसी संपादक का नहीं बल्कि किसी षड्यंत्रवादी राजनीतिज्ञ का ही हो सकता है।

संपादक महोदय को यह नहीं भूलना चाहिए कि 1992 में बाबरी ढांचे का उन्मूलन व वहां पर अस्थाई राममंदिर की स्थापना संपूर्ण हिंदू समाज की सदियों पुरानी इच्छा थी। संगठन ने समाज की इच्छा को फलीभूत करने के लिए देश में वातावरण बनाने, समाज को लामबंद करने, स्वतंत्रता के बाद से लेकर आज तक वैधानिक लड़ाई लडऩे का काम किया है। प्रेरक बात तो यह है कि संगठन ने कभी इसका श्रेय लेने का भी प्रयास नहीं किया। संगठन ने न तो कभी इस आंदोलन के लिए संविधान की मर्यादा का उल्लंघन किया और न ही कानून को हाथ में लिया। अपने उद्बोधन में डा. भागवत ने न तो संविधान की भावना का उल्लंघन किया और न ही किसी वर्ग को उकसाया, डराया या भड़काया है।

लेखक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पंजाब प्रांत के प्रचार प्रमुख हैं।

नोट: यह लेखक के निजी विचार हैं। IndiaSpeaksDaily इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति उत्तरदायी नहीं है।

Related

TAGGED: Ayodhya dispute, Babri Masjid, Ramjanmabhoomi- Babri Masjid, RSS
Courtesy Desk April 15, 2017
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram Print
Previous Article India Speaks Daily - ISD News AAP का मतलब है अवैध आमदनी पार्टी !
Next Article India Speaks Daily - ISD News गुंडागर्दी मुस्लिम राजनीति का एक स्थापित तरीका बन गया है: बाबा साहब अंबेडकर
Leave a comment Leave a comment

Share your Comment Cancel reply

Stay Connected

Facebook Like
Twitter Follow
Instagram Follow
Youtube Subscribe
Telegram Follow
- Advertisement -
Ad image

Latest News

राहुल को सजा, फिर संसद से निलंबन और अब तोड़फोड़ ! 
उमेश पाल का ‘दोस्त’ मोहम्मद सजर  था अतीक अहमद का मुखबिर ! 
ब्रिटेन में भारतीय दूतावास से तिरंगा उतारने के केस में दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया केस  !
मानहानि मामले में सुनवाई टली !   

You Might Also Like

ISD Podcast

गुजरात के एक विचारक आरएसएस के हिंदू विरोधी चरित्र पर क्या कह रहे हैं ध्यान से सुनें।

March 18, 2023
English contentसंघवाद

What Does The RSS Mean To The Hindu Society?

March 15, 2023
English contentसंघवाद

Why RSS Is Not A Hindu Organization

March 15, 2023
मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म

अलविदा वैदिक जी।

March 15, 2023
//

India Speaks Daily is a leading Views portal in Bharat, motivating and influencing thousands of Sanatanis, and the number is rising.

Popular Categories

  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US

Quick Links

  • Refund & Cancellation Policy
  • Privacy Policy
  • Advertise Contact
  • Terms of Service
  • Advertise With ISD
- Download App -
Ad image

Copyright © 2015 - 2023 - Kapot Media Network LLP.All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?