अर्चना कुमारी । मध्य प्रदेश स्थित दमोह जिले में पहले तो दलित को लालच देकर ईसाई बनाया गया और अब उसे धमकी देकर प्रताड़ित किया जा रहा है। पीड़ित महिला का दावा है कि उसे और उसके पति को पैसे देकर ईसाई बनाया गया था।
लेकिन, जब उन लोगों ने चर्च जाना बंद कर दिया तो उन्हें धमकी दी जाने लगी। उसका कहना था कि धर्मांतरण के लिए दी गई रकम से चार गुना अधिक पैसे की माँग की जा रही है। शुभी विश्वकर्मा नामक पत्रकार ने इस महिला का वीडियो शेयर करते बताया है कि पीड़ित दलित महिला पादरी अजय लाल और उसके सहयोगियों पर 1 लाख 20 हजार रुपए देकर धर्मांतरण कराने और अब चर्च न जाने पर धमकी देने का आरोप लगा रही है।
पीड़िता ने बताया कि थॉमस, साजन व अन्य लोगों ने चर्च न आने और मूर्ति पूजा करने पर उन्हें कई बार धमकी दी है और प्रताड़ित कर रहे हैं । पीड़िता का कहना है कि ईसाई धर्म अपनाने के लिए उसे जो पैसे दिए गए थे उससे अब चार गुना अधिक पैसे की माँग हो रही है। इतना ही नहीं पीडिता का कहना है कि जब ईसाई मिशनरी के लोगों ने धर्मांतरण के लिए उसे पैसे दिए थे, तब यह नहीं कहा था कि उन्हें पैसे लौटाने होंगे। पीड़िता का दावा है कि दिए गए पैसे में से उसने 90 हजार रुपए लौटा दिए हैं।
बाकी पैसे भी वह वापस देने के लिए तैयार है। सबूत के तौर पर उसके पास डायरी में आरोपियों के हस्ताक्षर भी हैं। दलित महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि ईसाई पादरी और उसके लोगों का कहना है कि यदि चर्च नहीं जाएँगे तो उन्हें ब्याज के तौर पर चार गुना अधिक पैसे देने पड़ेंगे।
पीड़ित दलित महिला का कहना है कि उसे और उसके पति को पानी की टंकी में डुबोकर धर्मांतरण कराया गया था। यही नहीं, उससे कहा गया था कि वह अपने भाइयों को भी चर्च लाए जिसके बाद उन्हें भी धर्मांतरित कर दिया गया। गौरतलब है कि इसी शहर में ईसाई मिशनरी के हॉस्टल में धर्मांतरण का मामला सामने आया था।
इसके बाद 13 नवंबर 2022 को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह देहात थाना में 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इस एफआईआर में उस ईसाई पादरी अजय लाल का भी नाम मौजूद है।