अर्चना कुमारी। देश की राजधानी दिल्ली में स्थित मंदिरों को खतरा है, क्योंकि एक ओर जहां प्रशासन अतिक्रमण के नाम पर मंदिर तोड़ रहा है वही मुस्लिम समाज के लोग मंदिरों पर कब्जा कर रहे हैं। मंगलवार के दिन दिल्ली के संगम विहार c ब्लॉक में प्रगठीश्वर महादेव मंदिर को अतिक्रमण के नाम पर तोड़ दिया गया ।
इस मंदिर को बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने कई घंटों तक हंगामा किया और इसके बावजूद मंदिर को बचाया नहीं जा सका । बताया जाता है कि मंदिर तोड़ने के लिए स्वयं क्षेत्रीय सब डिविजनल मजिस्ट्रेट दल बल के साथ मौके पर सैकड़ों पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचे और स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया लेकिन दर्जनों हिंदुओं को हिरासत में लेते हुए मंदिर को तोड़ दिया गया। भगवान शंकर का यह मंदिर पुराना था लेकिन अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन ने इसे गिरा दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि कोई यह मस्जिद होती तो शायद प्रशासन अतिक्रमण के नाम पर हटाने की सोचता भी नहीं लेकिन हिंदुओं में एकता नहीं है कि वह इस मंदिर को बचा पाए । ऐसा नहीं है कि सिर्फ संगम विहार में ही मंदिरों को खतरा है बल्कि उत्तरी दिल्ली के गुलाबी बाग में जिहादियों द्वारा जबरन कई वर्षों से बने हुए मंदिर पर कब्जा किया जा रहा है ।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर मंदिर को दिवारे बना कर ढका जा रहा है और इस मंदिर पर नई दिवारे बना कर मंदिर को बंद किया जा रहा है । इससे पहले दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में कुछ गैर हिंदू समुदाय के लोगों पर मंदिर में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया गया । दरअसल जहांगीरपुरी ई-ब्लॉक में पिछले कई साल से एक किन्नर रह रहे थे और कुछ दिनों पहले उनकी मौत हो गई थी। उनको गुरुमा बुलाया जाता था, लेकिन कुछ समय बाद एक मुस्लिम प्रॉपर्टी डीलर मंदिर के कागजात फर्जी तैयार करके उस पर कब्जा करना चाहता था ।
कब्जा करने के लिए प्रॉपर्टी डीलर असामाजिक तत्वों के साथ मंदिर में रखी हुई मूर्तियों को हटाने की कोशिश की और मंदिर में तोड़फोड़ कर दी ,जिसके बाद हिंदू वहां जमा हो गए । इसके तनाव को देखते हुए मौके पर पुलिस वालों को बुला लिया गया लेकिन तनाव और वहां बना हुआ है । यह स्थिति तब है जब केंद्र में भाजपा के कथित तौर पर हिंदूवादी सरकार है और दिल्ली में कानून व्यवस्था संचालन की जिम्मेवारी दिल्ली पुलिस के अधीन है।