अर्चना कुमारी। देश की राजधानी में हुए दंगों की पीड़ा अब भी लोगों को सालती रहती है और इस दंगे की पीड़ा को झेलते हुए एक ऐसा परिवार है जो अपनी बच्चों के लिए रिश्ता भी तय नहीं कर पा रहा । बताया जाता है कि पति को दंगे में जेल हो गई और रिश्ता खोजने पर भी कोई सामने नहीं आ रहा । दंगे के दर्द को बताते हुए सरोज नामक महिला कहती है कि अच्छा-खासा चलता हमारा ढाबा जला दिया और पूछताछ के लिए पति थाने गए लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें जेल भेज दिया।
करीब 55 साल की सरोज बताती है कि उसका परिवार काफी मुश्किलों से चल रहा है क्योंकि पति जेल में बंद है। उसका कहना था कि नूर-ए-इलाही में अच्छा-खासा चलता ढाबा जला दिया, लाखों रुपए का कर्ज लेकर एसी लगवाया था, वो लूटकर ले गए लेकिन हैरत की बात यह है कि उस सदमे से बाहर आ पाते, उससे पहले पति को जेल हो गई।
उसने आरोप लगाया इसके बाद तो सब बिगड़ता ही चला गया, मैं जानती हूं कि उन्होंने कुछ नहीं किया लेकिन फिर भी पुलिस ने उन्हें जेल में बंद कर दिया। उसका कहना था कि वो तो ढाबा जलने पर जान बचाकर भागे थे, स्टाफ में भी 6 लोग थे,सब किसी तरह बचते हुए घर पहुंच सके लेकिन उनके पति को पूछताछ के बहाने पुलिस ने जेल भेज दिया ।
वह दर्द बताती है कि तीन बेटियों की शादी हो चुकी है, एक बेटी-बेटा बाकी हैं, अब उनके लिए डर लगता है, जेल जा चुके बाप के बच्चों से कौन रिश्ता करेगा और इसी चिंता में वह परेशान रहती है। अब तो शादीशुदा बेटियों के भी ससुरालवाले सवाल करते हैं कि क्या हुआ था??