कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील पर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए डसॉल्ट के सीईओ तक पूर झूठ बोलने का आरोप लगाया था
देश की सड़क से लेकर संसद तक राफेल डील को लेकर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए राहुल गांधी एक से बढ़कर एक झूठ बोलते रहे हैं। इतने झूठ बोल चुके हैं कि उन्हें खुद याद नहीं होगा कि पिछली बार उन्होंने क्या झूठ बोला था। नवंबर महीने की शुरुआत में उन्होंने राफेल जहाज बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर पर सरेआम झूठ बोलने का आरोप लगाया। लेकिन एरिक ने डंके की चोट पर कहा है कि वह कभी झूठ बोलते हैं न ही उन्हें झूठ बोलने की जरूरत है। एरिक ने राफेल डील पर राहुल गांधी के सारे आरोप को झूठ करार दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने पहले के बयान को भी सच बताया है और उस पर कायम रहने की बात कही है। अब सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी एरिक की तरह दावा कर सकते हैं कि उन्होंने कभी झूठ नहीं बोला है?
#WATCH: 'Have long experience with Congress. Our first deal with India was in 1953 during Nehru, later other PMs. We are not working for any party, we are supplying strategic products to IAF and Indian Govt. That’s what is most important' says Dassault CEO Eric Trappier #Rafale pic.twitter.com/9KwqFGsjGK
— ANI (@ANI) November 13, 2018
देश की महत्वपूर्ण न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार के दौरान ट्रैपियर ने कहा कि न तो वे कभी झूठ बोलते हैं न ही डसॉल्ट के सीईओ होने के नाते उन्हें झूठ बोलने की कोई जरूरत है। उन्होंने कहा कि डसॉल्ट कंपनी भारत के साथ पहली बार 1953 में डील किया था जब राहुल गांधी के परदादा जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे। एक प्रकार से ट्रैपियर ने राहुल गांधी को यह बताने का प्रयास किया है कि जब तुम्हारा कोई अता-पता भी नहीं था तभी से यह कंपनी भारत से डील कर रही है। उन्होंने कहा कि डसॉल्ट कंपनी को कांग्रेस के साथ डील करने का अनुभव है लेकिन राहुल गांधी के झूठे बयान ने मुझे ठेस पहुंचाई है।
एएनआई को दिए एक्सक्ल्यूसिव इंटरव्यू के दौरान राहुल गांधी द्वारा झूठ बोलने के लगाए आरोप के बारे में जवाब देते हुए ट्रैपियर ने कहा कि मैं कभी झूठ नहीं बोलता हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे पहले के दिए सारे बयान भी बिल्कुल सच हैं। आगे उन्होंने कहा कि डसॉल्ट कंपनी के सीईओ होने के नाते मुझे झूठ बोलने की कोई जरूरत नहीं हैं।
गौर हो कि राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए केंद्र सरकार पर कई झूठे आरोप लगाने के साथ ही इसी महीने की शुरुआत में डसॉल्ट कंपनी के सीईओ एरिक ट्रैपियर पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने ट्रैपियर पर नरेंद्र मोदी द्वारा अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को तरजीह देने वाले मामले को दबाने तक का आरोप लगाया था। गांधी ने नागपुर में जमीन होने की वजह से अनिल अंबानी की घाटे में चल रही कंपनी में 284 करोड़ रुपये निवेश करने के बारे में भी झूठ बोलने का आरोप लगाया था।
राहुल गांधी के आरोपों को झूठ करार देते हुए ट्रैपियर ने कहा कि डसॉल्ट कंपनी का भारत के साथ डील काफी पुराना है। उन्होंने कहा कि हमारी कंपनी किसी राजनीतिक पार्टी से डील नहीं करती बल्कि उस देश और वहां की सरकार से डील करती है। उन्होंने कहा कि इस राफेल डील के तहत भी हमलोग राफेल विमान जैसे रणनीतिक उत्पाद भारती वायुसेना तथा भारत सरकार के लिए आपूर्ति कर रहे हैं। यही सबसे महत्वपूर्ण है।
ट्रैपियर ने एएनआई से कहा कि जहां तक राफेल विमान की कीमत की बात है तो उसके बारे में बस मैं इतना कह सकता हूं कि वर्तमान विमान पहले की तुलना में 9 प्रतिशत सस्ता है। लेकिन चूंकि यह डील दोनों देशों की सरकारों के बीच हुई थी। इसलिए इसको लेकर कुछ मोल-भाव हुआ था। अंत में हमें पुरानी कीमत से 9 प्रतिशत सस्ता करने को कहा गया और हमे करना पड़ा। उन्होंने कहा कि 126 विमान अनुबंध की तुलना में फ्लाइवे स्थित वाले 36 विमान के अनुबंध के तहत राफेल की कीमत सस्ती है।
#WATCH: ANI editor Smita Prakash interviews CEO Eric Trappier at the Dassault aviation hangar in Istre- Le Tube air… https://t.co/0igomqmE2i
— ANI (@ANI) November 13, 2018
URL: Dassault CEO Trapier said Rahul Gandhi’s allegations on Rafael Deal are false
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