हिंदू जब तक बंटा रहेगा , गला सदा ही कटा रहेगा ;
सरकारें भी जेब काटतीं , टैक्स – बोझ में दबा रहेगा ।
डेमोक्रेसी है डेमनक्रेसी , गिरोहबंद सत्ता पा जाते ;
अलग-थलग सब भले लोग हैं , गुंडों के गिरोह बन जाते ।
चारों ओर घिरा अंधियारा , न्याय का सूरज डूब रहा है ;
जागो हिंदू ! अब तो जागो , तेरा सब कुछ टूट रहा है ।
तेरे मंदिर टूट रहे हैं , धर्म तुम्हारा तोड़ा जाता ;
झूठे-इतिहास की शिक्षा देकर , तेरी जड़ों को काटा जाता ।
देश की पूरी शिक्षा गंदी , बंधुआ मजदूर बनाती है ;
जर – खरीद हिंदू – जनता है , सत्ता लूट मचाती है ।
गांधी का षड़यंत्र यही था , सत्ता में हो अब्बासी – हिंदू ;
अंतिम परिणति यही है इसकी , भारत से मिट जाये हिंदू ।
गांधी पूरा अब्राहमिक था , केवल नाम का हिंदू था ;
गाजी गयासुद्दीन का पोता , नेहरू पूरा जेहादी था ।
इन दोनों ने रची थी साजिश , हिंदू – धर्म मिटाने को ;
अभी भी इनका चेला बैठा , साजिश पूर्ण कराने को ।
हिंदू के आगे मौत की खाई , पर हिंदू अंधा बना हुआ है ;
एक कदम भी गलत पड़ा तो,समझो सबकुछ खत्म हुआ है।
हिंदू अभी भी बच सकता है , एक मार्ग है बचने का ;
हिंदू एक शक्ति बन जाओ , तब दुश्मन तुझसे डरने का ।
पर सबसे बड़ी समस्या ये है , हिंदू कैसे एक बनेगा ?
केवल धर्म – सनातन से ही , देश का हिंदू एक बनेगा ।
हर हिंदू गीता को पढ़ना , रामायण , महाभारत पढ़ना ;
पूरा प्रयत्न कर तीनों पढ़ना , एक ग्रंथ अनिवार्य है पढ़ना ।
पास में जो भी हिंदू-मंदिर , हर हालत में नियमित जाना ;
न्यूनतम तीस मिनट हिंदू को, आपस में मिलजुलके बैठना ।
आपस में संवाद करो सब , किसी मंत्र का जाप भी करना ;
एक-दूजे के पूरक बनकर , हिंदू- एकता विकसित करना ।
घर-घर में हो धर्म की शिक्षा,शस्त्र-शास्त्र का पूर्ण प्रशिक्षण ;
हिंदू-शक्ति का पूर्ण जागरण , हमको करना अपना रक्षण ।
हिंदू-रक्षण , धर्म का रक्षण , राष्ट्र का रक्षण हो जायेगा ;
हिंदू का ब्रह्मास्त्र है “नोटा”, “हिंदू-राष्ट्र” भी बन जायेगा ।
“नोटा” की ताकत से हमको, कट्टर-हिंदू सरकार बनाना है ;
“हिंदू-राष्ट्र” बनाकर भारत , हमको “राम-राज्य” लाना है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”