संदीप देव। संगम में भगदड़ से कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। यह अत्यंत दुखद है। परमात्मा उन सभी की आत्मा को मोक्ष प्रदान करें।
India Speaks Daily की रिपोर्टर सुजाता सैनी ने आज सुबह का आंखों देखा दृश्य महाकुंभ से बताया है, जो वीडियो में है।
मैंने कल ही Live… में ग्राउंड से अपने दोनों रिपोर्टरों को जोड़ते हुए प्रयागराज का दृश्य दिखाया था और लोगों से अपील की थी कि यदि 3 फरवरी तक लोग अपने घरों में रुक सकते हैं तो रुक जाएं। 3-12 के बीच और फिर 13-26 फरवरी के बीच आराम से स्नान हो सकता है। लेकिन लोग मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी जैसी तिथि को छोड़ना नहीं चाहते, जबकि पूरे कुंभ महीने आप कभी भी प्रयागराज जाकर स्नान करें, पुण्य ही मिलेगा।
हमारी टीम ने शंकराचार्य जी से बयान लेकर लोगों के लिए जारी किया था कि शास्त्रों में मानसिक पूजा की भी व्यवस्था है, जो भौतिक पूजा से कहीं अधिक कल्याणकारी है। जो जहां हैं, वहीं से मानसिक कुंभ स्नान कर लें।
एक मीडिया संस्थान के रूप में ग्राउंड से हमारी टीम ने सारे प्रयास किए लोगों को जागरूक करने के। यही हम कर सकते थे।
महाकुंभ में VIP कल्चर ने भी इस भीड़ को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। नेता से लेकर अधिकारी तक VIP हो चुके हैं, जिसके कारण जगह-जगह बैरिकेडिंग से लोगों को 10-10 KM पैदल चलना पड़ रहा है। कभी भी पीपा पुल बंद कर दिया जाता है, जिससे लोग एक तरफ फंसे रह जाते हैं और भीड़ बढ़ जाती है। पुलिसकर्मी VIP के पर्सनल गार्ड बन कर रह गये हैं, इसकी भी रिपोर्टिंग हमारी टीम ने की।
होना यह चाहिए था कि देश भर के सभी VIP के लिए दो-पांच दिन निर्धारित कर यह कह दिया जाता कि इस दिन आम जनता नहीं, सारे वीआईपी आकर स्नान कर लें। देश में कितने VIP होंगे, 5000 से अधिक तो नहीं? इससे प्रशासन और सरकार को भी भीड़ नियंत्रित करने में मदद मिल जाती।
प्रयागराज से लेकर अयोध्या और काशी तक भीड़ उमड़ पड़ी है। जो लोग कुंभ आए हैं वो सोचते हैं कि अयोध्या और काशी का भी दर्शन कर लें। परसों अयोध्या में ऐसी भीड़ उमड़ी कि एक महिला सहित दो लोगों की दम घुटने और हार्ट अटैक से मौत हो गई। कुंभ स्नान के लिए गये कई परिवार हाई-वे पर सड़क दुर्घटना में मारे जा चुके हैं।
पिछले एक सप्ताह में प्रयागराज-अयोध्या हाईवे पर सड़क दुर्घटना में मौत की कई खबरें आई हैं। एक खबर में 45 श्रद्धालुओं वाली एक बस की स्कार्पियो से टक्कर हो गई, जिसमें 3 लोगों की मौत और 10 लोग घायल हो गये। इससे पहले एक ट्रक और कार की टक्कर में दो लोगों की मौत और ११ लोग घायल हो गये थे। इससे पूर्व एक कार की डंपर में टक्कर से एक नायब तहसीलदार पिता-पुत्री की मौत हुई है।


आदि शंकराचार्य के शिष्य पद्मपाद तीर्थाटन करने जा रहे थे। आदि शंकराचार्य ने उन्हें तीर्थाटन करने से रोकना चाहा और कहा कि तीर्थ की भीड़-भाड़ में मानसिक शांति नहीं मिलती। ईश्वर का साक्षात्कार जितना एकांतवास में हो सकता है, तीर्थ में नहीं हो सकता। पद्मपाद ज्ञानी थे, फिर ही गुरु की बात नहीं मानें और तीर्थ यात्रा में मुसीबत में फंस गये।
योग वासिष्ठ भी यही कहते हैं कि मन ही सबकुछ है। यदि आप मन को तीर्थ में लगा लीजिए तो घर बैठे तीर्थ का लाभ मिल जाएगा। अतः अफरातफरी न करें, विशेष तिथि की चाह छोड़ कर अन्य दिन स्नान कर लें और यदि दूर हैं तो वहीं से तीर्थराज प्रयाग का ध्यान करते हुए मानसिक स्नान कर लें!
मुझे शंकराचार्य जी ने एक महीने तक कुंभ में रहने का आदेश दिया था। वहां मेरे लिए व्यवस्था भी थी, लेकिन मैं क्षमा प्रार्थना करते हुए अभी तक नहीं गया हूं, परंतु उनके आदेश को मानते हुए उनका आशीर्वाद लेने अवश्य जाऊंगा, परंतु सामान्य दिनों में। मैंने प्रयागराज में अपनी टीम के लिए भीड़ से अलग शहर में फ्लैट बुक किया है। टीम वहीं से काम कर रही है।
मुझे मेरे घर की पूजा-अर्चना और ध्यान में जो शांति मिलती है, वह तीर्थ की भीड़ में नहीं मिलती! मैं तीर्थ भी ऐसे समय जाता हूं, जब भीड़ न हो! परमात्मा अपनी आत्मा में डुबकी लगाने से मिलेंगे, शास्त्रों के इस कथन के मर्म को समझें। धन्यवाद 🙏