अर्चना कुमारी । गुजरात के आंनद जिले के खम्भात में रामनवमी के दिन हुई हिंसा देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में बैठकर सोशल मीडिया के जरिये की गई । इसकी आशंका गुजरात पुलिस ने की है और पुलिस का दावा है खंभात दंगा एक सुनियोजित साजिश थी।
पुलिस के अनुसार 3 मौलवी औऱ 2 शक्श ने पहले से की थी साजिश। इनमें से मुस्तकीम मौलवी,मतीन,मोहसिन साजिश के बड़े किरदार साबित हुए हैं। सूत्रों का दावा है कि जिस दिन शोभायात्रा को अनुमति मिली उसी दिन साजिश रची गयी। आतंक की इस वारदात को अंजाम देने खंभात से बाहर से बुलाये लोग और सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिया गया ।
बताया जाता है कि रविवार को शोभा यात्रा थी,जबकि शनिवार रात तक सभी उपद्रवियों को इकठ्ठा किया गया। पत्थर और जरूरी बाकी सामान जिससे ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचे वह इकठ्ठा किया गया। मस्जिद के पास जब शोभायात्रा निकले तब ही पथराव करने की साजिश सबको बताई गई । रविवार को शोभायात्रा मस्जिद तक पहुचते ही तय प्लानिंग के मुताबिक पहले पथराव और फिर आगजनी की गई। पथराव,आगजनी के लिए आये लोगो को भरोसा दिया कि उन्हें कुछ नही होने दिया जायेगा। इसके अलावा पकड़े जाने पर उन्हें हर संभव कानूनी मदद भी दी जाएगी। पुलिस का कहना है कि इस मामले को लेकर विदेशी फंडिंग की भी जांच की जा रही है ।
गौरतलब है कि रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान पहले पथराव किया गया और फिर दुकानों में आग लगा दी गई। खंभात हिंसा को लेकर पकड़े गए मौलवियों से पूछताछ में पता चला है कि शोभा यात्रा में बवाल करने के लिए इन लोगों ने पहले की योजना बना ली थी। हिंसा को अंजाम देने के लिए मौलवियों ने भरूच और अहमदाबाद से लोगों को खंभात बुलाया था और उनके यहाँ रहने-खाने की व्यवस्था की थी।
आरोपी रजाक अयूब, हुसैन हशमाशा दीवान भीड़ को पथराव करने के लिए उकसाने में शामिल थे। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए हैं। पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि कथित अत्याचारों से लड़ने के नाम पर लोगों से चंदा वसूले कर धन इकट्ठा किए गए। इस मामले को लेकर धन के विभिन्न स्रोतों की भी जाँच की जा रही है।
ज्ञात हो कि रामनवमी पर आनंद जिले के खंभात क्षेत्र में हिंदुओं द्वारा प्रभु राम के जन्मदिन पर शोभा यात्रा निकाली गई थी। जब शोभा यात्रा एक मस्जिद के पास से गुजरी तो जुलूस पर पथराव कर दिया गया। इस दौरान उपद्रवियों ने लगभग 7-8 दुकानों में आग भी लगा दी। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत और कई अन्य लोग घायल हो गए थे। ऐसी ही घटना को राज्य के हिम्मतनगर में भी अंजाम दिया गया।
वहाँ रामनवमी के जुलूस पर पथराव किया गया। इसके अलावा रामनवमी के जुलूस पर पथराव और हिंसा की घटनाएँ पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों में भी हुई थी और ऐसा लगता है कि सभी जगह सुनियोजित तरीके से दंगे कराए गए थे