अर्चना कुमारी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का मामला चर्चा जोरों पर है। दिल्ली की रॉउज एवन्यू कोर्ट में आज एक गवाह का बयान कोर्ट के समक्ष रिकार्ड किया गया। रॉउज एवन्यू कोर्ट में अब 15 मार्च को होगी मामले में अगली सुनवाई जबकि अदालत का कहना है कि 15 मार्च को कोर्ट में मामले से जुड़े एक और गवाह का बयान रिकॉर्ड किया जाएगा।
दरअसल केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोर्ट में मानहानि का मुकदमा करके अपनी शिकायत में उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत पर आरोप लगाया कि संजीवनी घोटाले से नाम जोड़कर उन्हें बदनाम किया जा रहा है.। पता चला है कि दरअसल संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी को राजस्थान सोसाइटी एक्ट के तहत 2008 में रजिस्टर्ड कराया गया था।
बताया जाता है कि इसके बाद 2010 में ये सोसाइटी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी के रूप में बदल गई. इसमें निवेश करने वालों को अच्छे रिटर्न का लालच दिया गया जबकि दावा किया गया है कि करीब 1लाख से अधिक लोगों ने इस सोसाइटी में लगभग 900 करोड़ रुपये का निवेश किया। सूत्रों का दावा है कि इसके बाद निवेशकों के पैसे को गलत तरीके से लोन पर दिया गया और ब्याज नहीं लिया गया। बताया जाता है कि
देखते ही देखते सोसाइटी ने कई राज्यों में अपनी शाखाएं खोल दीं और फर्जी कंपनियां खोलकर लोन बांटे गए. इस सोसाइटी के पहले मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम सिंह थे, जो घोटाले की जांच में प्रमुख नाम भी हैं। सूत्रों का कहना है कि विक्रम सिंह को ही इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड माना जाता है जिनकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है।