Archana Kumari. पूरे देश को पता है कि वैश्विक महामारी करोना से निपटने में अरविंद केजरीवाल सरकार अक्षम साबित हुई। दिल्ली में करोना को लेकर दयनीय हालत को देखते हुए यदि गृहमंत्री अमित शाह खुद मोर्चा ना संभालते तो शायद विकट स्थिति पैदा हो जाती।
अब जबकि करोना कमोबेश नियंत्रण में है लेकिन राजधानी में कोरोना नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ़ चालान काटने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा तैनात किए गए सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को लेकर तकरार शुरू हो गया है।
आरोप है कि सिविल डिफेंस कर्मी चालान के नाम पर उगाही कर रहे हैं और केजरीवाल सरकार द्वारा इसको संरक्षण हासिल है। दरअसल कई शिकायत मिलने के बाद अब इस मसले पर दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया है कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को कोरोना नियमों के खिलाफ़ किसी भी तरह का चालान काटने की पावर नही दी गयी है
जबकि दिल्ली पुलिस के इस बयान के सामने आते ही आम आदमी पार्टी ने भी कुतर्क करते हुए पलटवार किया है। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर लिखा “दिल्ली पुलिस को ज्ञात हुआ है कि दिल्ली सिविल डिफेंस वालंटियर्स कोविड नियमों की अवहेलना के चालान कर रहे हैं
जबकि इनके पास अभियोजन का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। अक्सर इन्हें दिल्ली पुलिसकर्मी समझ लिया जाता है और इनके कुछ कुकृत्य दिल्ली पुलिस के समझ लिए जाते हैं। जिस वजह से सतर्क रहें ।
अगले ट्वीट में वजह बताते हुए दिल्ली पुलिस ने लिखा ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि इन वालंटियर्स को पुलिस से मिलती जुलती वर्दी मिलती है। कई शिकायत मिलने पर ऐसे मामलों का संज्ञान लेते हुए कुछ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं और अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है।
जनता से अपील है ऐसे किसी भी चालान को स्वीकार करने के पहले चालान-कर्ता की सही पहचान अवश्य कर लें। इसके जवाब में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज दिल्ली पुलिस पर बरसते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस और रेवेन्यू डिपार्टमेंट इस मामले में आपस में बातचीत कर सकते हैं।
मेरा मानना है कि आईपीएस ट्रेनिंग में उन्हें कानून की पढ़ाई कराई जाती है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस जो चालान करती है उसका पावर भी दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और दिल्ली पुलिस के पास नहीं है, वह पावर दिल्ली सरकार की पावर है, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की पावर है।
दिल्ली सरकार इसे दिल्ली पुलिस को डेलीगेट करती है कि आप हमारी पावर का इस्तेमाल करके चालान काटें। सौरभ भारद्वाज यहीं नहीं रुके और उन्होंनेेे आरोप लगाया चालान काटने के नाम पर दिल्ली पुलिस कितना चालान करती है और कितनी अपनी जेब में भर्ती है,
यह बात दिल्ली वाले जानते हैं। यह जानना जरूरी है कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने स्वास्थ्य, राजस्व और पुलिस अधिकारियों को कोविड-19 नियमों के उल्लंघन के लिए 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का अधिकार दिया था,
जिसमें क्वारंटाइन नियमों का पालन न करना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करना, सार्वजनिक या कार्य स्थलों पर फेस मास्क न लगाना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना और सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटखा और तंबाकू का सेवन शामिल है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिल्ली में कोरोना के नियमों की अवहेलना को लेकर सिविल डिफेंस वालंटियर्स लोगों के चालान काट रहे हैं, जबकि उनके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है।
ज्ञात हो कि दिल्ली में सिविल डिफेंस पूरी तरह से दिल्ली सरकार के अधीन है, जबकि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन काम करती है। नियम कानून की बात करें तो दिल्ली सिविल डिफेंस के कार्यकर्ताओं को कोरोना नियमों का उलंघन करने वाले लोगों के चालान काटने का अधिकार नहीं है
जबकि दिल्ली सरकार कई बार अपने कार्यक्रमों में दिल्ली सिविल डिफेंस की तैनाती करती है और उसे कुछ अधिकार भी दिए गए हैं, लेकिन दिल्ली में कानून व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की ही है और चालान काटने का अधिकार भी दिल्ली पुलिस को ही है।
पुलिस प्रवक्ता चिन्मय बिश्वाल ने बताया कि चालान काटने को लेकर इस तरह की शिकायतें आये दिन मिल रही हैं और दिल्ली पुलिस इन सभी शिकायतों पर संज्ञान ले रही है । इसके बाद उन्होंने साेशल मीडिया के जरिये आमजन को भी अवगत कराया