चित्रांश सक्सेना, दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अकेले वाहन चालक के लिए भी मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया। अदालत ने तर्क दिया कि यदि वाहन सार्वजनिक स्थान से गुजरता है तो हो सकता हैं कि वायरस के संक्रमण से अन्य लोग भी संक्रमित हो जाएं। आदेश में यह भी कहा गया कि वाहन मास्क या गमछा पहनना, एक या एक से अधिक व्यक्ति के लिए भी कोविड-19 अधिनियम के तहत अनिवार्य है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा हेम सिंह की एकल जज बेंच ने फैसला सुनाया कि वह लोग जो अपनी कार या स्कूटर समेत किसी भी वाहन में यदि अकेले वाहन चलाते समय मास्क नहीं पहन रहे उन पर कार्यवाही की जाएगी। इस मामले में दर्ज की गई चार याचिकाओं को माननीय उच्च न्यायालय ने अयोग्य मानते हुए खारिज कर दिया और कहा “कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए एक मास्क सुरक्षा कवच की तरह है। कोविड से बचे रहने के लिए कम से कम हम इतना तो कर सकते हैं।”
उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते समय कहा कि यह इतना संक्रामक है कि यदि कार किसी सिग्नल पर रूकती है तब चालक को कई बार शीशा नीचे करना पड़ता हैं, उस समय यह किसी को भी हो सकता है।
उच्च न्यायालय ने कहा, कोविड-19 में मास्क के संदर्भ में कार या निजी वाहन भी सार्वजनिक स्थान माना जाएगा। यानि किसी वाहन में बैठे चालक ने मास्क ना पहन कर नियम का उल्लंघन किया तो वह भी सार्वजनिक स्थान पर मास्क ना पहनने के जुर्म में जुर्माना राशि देने के लिए बाध्य होगा। इस मामले में रखी दलीलों में अहम बहस यह भी थी कि “सार्वजनिक स्थान” क्या है? संविधान में किसी सार्वजनिक स्थान के लिए परिभाषाएं अलग-अलग हैं। क्योंकि वाहन या कार में यात्रा करते समय भी कोविड से संक्रमित होने की कई संभावनाएं हैं। इसी कारणवश न्यायालय ने निजी वाहनों को सार्वजनिक स्थान मना है।
न्यायालय ने कहा “मास्क एक सुरक्षा कवच है जो कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से मदद करता है। इस महामारी के आरंभ से मास्क पहनने से लाखों लोगों का जीवन बच पाया है।”
Covid-19 के बढ़ते प्रकोप के कारण 8 अप्रैल को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने निम्नलिखित उपायों को जनता के लिए निर्देशित किया, था, जिसके विरोध में अदालत में चार याचिकाएं डाली गई थी।
DDMA ने पूर्व में लॉकडाउन घोषित करते समय कहा था कि जनहित में यह अनिवार्य हो गया है कि किसी भी व्यक्ति का सर्वजनिक स्थान पर मास्क पहनना अनिवार्य है। केंद्र ने महामारी अधिनियम-2020 के तहत एक बार फिर सभी के लिए मास्क पहनना कोविड़ संक्रमण रोकने के लिए अनिवार्य किया। आगे यह भी कहा कि “कोई भी व्यक्ति अपने निजी और आधिकारिक वाहन में इधर-उधर घूम रहा हो उसे अनिवार्य रूप से मास्क पहनना चाहिए”। विवाद तब शुरू हुआ जब दिल्ली उच्च न्यायालय में मास्क ना पहनने पर जुर्माना के विरोध में चार याचिकाएं दर्ज की गईं।
जब इंडिया स्पीक्स डेली ने जनता से बात की तो उनका मानना था कि ड्राइव करते व्यक्ति को मास्क पहनना अनिवार्य होना चाहिए, यह सभी सुरक्षा के लिए प्रशंसनीय कदम है। यदि लोग इसका सख्ती से पालन करते हैं और प्रशासन इसमें सख्ती बरतें तो कोविड-19 तेजी से फैलते मामले जल्द रोकने में सहायता होगी।
कुछ व्यक्तियों का मानना यह भी है कि वाहन चलाते एक व्यक्ति को मास्क की क्या आवश्यकता हो सकती है? यदि वे अकेले वाहन में बैठे हो तो संक्रमण की संभावना ना के बराबर है। कुछ मोटरसाइकिल सवारों ने कहा कि बाइक चलाते समय मास्क पहनते हैं तो उसकी भाप चश्मे या हेलमेट के शीशे पर जम जाती है और देखने में दिक्कत देती है। ऐसे में दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। उनका मानना है कि इस नियम से दो-पहिया वाहन चालकों को बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।