अर्चना कुमारी। आप नेता एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम एक धर्मांतरण कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए। उन्होंने अपना लिखित बयान दिया और उनसे करीब 3 घंटे तक पूछताछ की गई। इस कार्यक्रम में देवी-देवताओं की कथित तौर पर आलोचना की गयी थी और प्रदेश भाजपा की ओर से इसकी शिकायत पुलिस में की गई थी। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम पहाड़गंज थाने में जांच में शामिल हुए और उन्होंने अपना बयान दिया।
अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर उन्होंने सफाई भी पेश की । इससे पहले राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा मुझे मंगलवार को नोटिस मिला और मैं पुलिस के साथ जांच में सहयोग करूंगा। इसको लेकर उन्होंने ट्वीट किया हम बाबासाहेब अम्बेडकर और भारतीय संविधान को मानने वाले लोग हैं। ज्ञात हो कि सोमवार को पुलिस ने इस धर्मांतरण कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति के सिलसिले में उनसे उनके निवास पर पूछताछ की थी। बाद में उन्हें मंगलवार को पहाड़गंज थाने में अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए औपचारिक नोटिस दिया गया।
सूत्रों का दावा है कि पुलिस की नोटिस के अनुसार पांच अक्टूबर को गौतम ने अंबेडकर भवन में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। जहां कुछ ऐसे शब्द सार्वजनिक रूप से कहे गये जिससे आम लोगों में नाराजगी है इसको लेकर ही उन्हें नोटिस दिया गया। नोटिस में कहा गया है, इस संबंध में लिखित शिकायतें मिली हैं।
जांच के दौरान कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई तय करने के लिए आपकी मौजूदगी जरूरी है। नोटिस में कहा गया है, आपको सभी दस्तावेजों के साथ पहाड़गंज थाने में पेश होने का अनुरोध किया जाता है साथ ही निर्देश दिया जाता है, यदि आप पेश नहीं होते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि आपको अपनी ओर से कुछ कहना या सफाई देना नहीं है तथा फिर कानून के मुताबिक इस मामले पर निर्णय लिया जाएगा।
इसके बाद पूर्व मंत्री अपनों वकील के साथ पहाड़गंज थाने पहुंचकर अपना लिखित बयान दर्ज कराया सोमवार को पुलिस पूछताछ के बाद गौतम ने कहा था, उन्होंने मुझसे कार्यक्रम की प्रकृति के बारे में पूछा और यह भी सवाल किया कि इसका आयोजन कैसे किया गया। उस समय मैंने पुलिस को बताया था कि मैं कानून का पालन करता हूं और यदि मैंने कोई गुनाह किया है तो आप मामला दर्ज कर मुझे गिरफ्तार कर सकते हैं। यदि मैंने कोई गुनाह नहीं किया है तो आप मुझसे पूछताछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा था, यदि मुझे गिरफ्तार किया जाता है तो मैं शिकायतकर्ता को मिठाइयां खिलाऊंगा।
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री गौतम ने इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पर उठे विवाद के कारण रविवार को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान आप मुख्यमंत्री केजरीवाल को निशाना बनाने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया था और उनपर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया था। ट्विटर पर साझा किये गये एक पत्र में गौतम ने कहा कि वह निजी हैसियत से इस कार्यक्रम में गये थे तथा इसका उनकी पार्टी या सरकार से कोई लेना-देना नहीं था।
उन्होंने केजरीवाल और आप को निशाना बनाने के लिए भी भाजपा की निंदा की थी और आरोप लगाया कि भाजपा इस मुद्दे पर गंदी राजनीति कर रही है। दिल्ली सरकार में समाज कल्याण, अनुसूचित जाति जनजाति मंत्री रहे गौतम ने कहा था कि वह मंत्रिपद से इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि वह नहीं चाहते हैं कि उनकी वजह से उनके नेता या आप किसी संकट में फंसे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पूर्व मंत्री कानून के पचड़े में फंस गए हैं और उन्हें अभी क्लीनचिट नहीं दिया गया है ।