उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश तथा हरियाणा के बाद अब दिल्ली में भी फेक न्यूज़ फैलाने वालों के खिलाफ शिकंजा कस दिया गया है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान डीडीयू मार्ग पर ट्रैक्टर पलटने के दौरान एक किसान की मौत के मामले में गलत ट्वीट का आरोप लगाकर एक शख्स ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर व कई पत्रकारों के खिलाफ मध्य दिल्ली के आईपी एस्टेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
जबकि कारवां के लिए काम करने वाले एक स्वतंत्र पत्रकार को एसएचओ अलीपुर के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आईपी एस्टेट थाने के शिकायत में सांसद के अलावा पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, परेशनाथ, अनंतनाथ और विनोद के जोस के नाम शामिल है।
पुलिस ने सभी के खिलाफ धारा-153, 504, 505(1)(b),120b के तहत मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि इनके गलत ट्वीट की वजह से उस दिन दंगा भड़का।
पुलिस अब मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है। पुलिस का कहना है कि कि माता-सुंदरी रोड, डीडीए फ्लैट निवासी चिरंजीव ने आईपी एस्टेट थाने में एक शिकायत दी थी।
चिरंजीव ने आरोप लगाया कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर हादसे में एक किसान की तेज रफ्तार ट्रैक्टर चलाने की वजह से मौत हो गई। लेकिन इन सभी लोगों ने गलत ट्वीट कर लिखा कि पुलिस की गोली से किसान मर गया है।
इसके बाद दिल्ली में दंगा तथा हिंसा हुई। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने जानबूझकर दंगा भड़काने की नियत से ऐसा किया। यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया।
जानबूझकर इन लोगों ने झूठी खबरें वायरल की। जिसके बाद बवाल बढ़ा और बवाल बड़ा हो गया। अपनी में शिकायत में चिरंजीव ने बकायदा सभी के ट्वीट हैंडल और उनके द्वारा किए गए ट्वीट का समय भी बताया।
जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उसके आरोपों को फिलहाल सही पाकर मामला दर्ज करवा दिया है। एक अन्य मामले में सिंधु बॉर्डर पर स्थानीय लोगों ने किसानों को सड़क खाली करने को कहा।
इस पर किसान भड़क गए और दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की होने लगी और बीच बचाव कर दें मौके पर पहुंचे अलीपुर एसएचओ पर तलवार से हमला कर दिया गया।
इस मामले में कई आरोपी दबोचे गए लेकिन एक पत्रकार को भी गिरफ्तार किया गया। बताया जाता है कि मनदीप पुनिया नामक यह पत्रकार घटना केे वक्त सिंघु बॉर्डर पर उपस्थित थे।
आरोप है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के अलीपुर एसएचओ के साथ बदसलूकी की थी। साथ ही कुछ पुलिसकर्मियों को काम करने में भी बाधा पहुंचा रहे थे। बाद में मनदीप पूनिया को दिल्ली के एक कोर्ट में पेश किया गया।
जहां से पूनिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया । पूनिया पर आईपीसी की धारा 186, 332, 353 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है हालांकि कई पत्रकारों ने पुनिया की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए पुलिस मुख्यालय पर धरना दिया।
मनदीप के साथ मौके पर मौजूद धर्मेंद्र नामक एक अन्य पत्रकार को अंडरटेकिंग लेने के बाद छोड़ दिया गया