अर्चना कुमारी। ट्विटर विवाद में रविशंकर प्रसाद को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी और अब भाजपा नेता संबित पात्रा के ट्वीट किए गए टूलकिट मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल बंद करने जा रही है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि इस मामले में कांग्रेस पार्टी के नेताओं की तरफ से पुलिस को शिकायत दी गई थी। करीब दो महीने की जांच के बावजूद पुलिस को कोई खास जानकारी व साक्ष्य नहीं मिला।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि कांग्रेस पार्टी इस प्रकरण को लेकर छत्तीसगढ़ में प्राथमिकी दर्ज करा चुकी है और छत्तीसगढ़ पुलिस इस मामले को लेकर जांच भी कर रही है ,ऐसे में दिल्ली पुलिस का एक ही मुद्दे पर जांच करना सही नहीं होगा। इसलिए दिल्ली पुलिस राजधानी में जांच को आगे नहीं बढ़ाना चाहती।
इस तरह के हाई प्रोफाइल मामले को लेकर दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के बीच एक बैठक भी हुई है जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि स्पेशल सेल को इस मामले को लेकर जांच अब बंद कर देना चाहिए । गौरतलब है कि भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक टूलकिट ट्वीट किया था।
इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि प्रधानमंत्री को बदनाम करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने यह टूलकिट बनाया है। उनके बाद भाजपा के कुछ अन्य नेताओं ने भी इसे री-ट्वीट किया था। बाद में ट्वीटर द्वारा इन ट्वीट पर मेनिपुलेटेड का टैग लगा दिया गया था। जबकि कांग्रेस पार्टी ने इस ट्वीट पर आपत्ति जताते हुए भाजपा नेता के खिलाफ दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी।
इसके बाद इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस से लेकर स्पेशल सेल को सौंप दी गई थी। स्पेशल सेल ने अब तक ट्विटर को नोटिस दिए जाने के अलावा कांग्रेसी नेताओं का बयान दर्ज कर चुकी है। स्पेशल सेल ने ट्विटर को उनके दिल्ली और गुरुग्राम स्थित ऑफिस पर छापा मारा। इतना ही नहीं बेंगलुरु जाकर ट्विटर के अधिकारी से पूछताछ की, लेकिन इस जांच से उनके समक्ष ऐसे कोई तथ्य सामने नहीं आये ,जिस पर एफआईआर दर्ज की जा सके।
इस मामले को लेकर ट्विटर पर भी जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया गया था जबकि पूर्व कानून मंत्री ने ट्विटर पर भारत का कानून मानने की नसीहत दी थी बाद में उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया गया लेकिन अब तक इस मुद्दे पर कोई भी निष्कर्ष नहीं निकल पाया