उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी माह में हुए दंगे के हर मामले पर निगरानी रखने के लिए एक नई दंगा सेल का गठन किया गया है, जो दंगे से संबंधित मामलों का निष्पादन करेगी।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि दंगे में हुई सभी हत्या के तथा अन्य संवेदनशील मामलों की जांच क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) कर रही है, जबकि दंगे के साधारण मामलों, तोडफ़ोड़, आगजनी , जानलेवा हमला, लूटपाट व मारपीट आदि मामले की तफ्तीश के लिए जिले की टीम गठित की गई है।
दंगा सेल से कहा गया है कि वह सभी मामलों की तफ्तीश की जानकारी रखेगी और मामले को लेकर अदालतों में चल रही सुनवाई व उनकी वर्तमान स्थिति पर भी नियमित नजर रखेगी।
बेहद संवेदनशील मामला होने के कारण दंगे से संबंधित हर मामले की सूचना गृह मंत्रालय को भी देनी होती है। इन सब को देखते हुए सेल का गठन किया गया है, जो केंद्रीय सेल की तरह काम करेगी।
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे में पहली बार इस तरह की सेल का गठन किया गया था। इसके बाद यह दूसरा मौका है जब दिल्ली में दंगे के लिए अलग सेल बनाई गई है।
उत्तर-पूर्वी जिले के डीसीपी कार्यालय में इस नई दंगा सेल का गठन किया गया है। इस सेल का प्रभारी इंस्पेक्टर तनवीर अशरफ को बनाया गया है। वैसे सेल पर विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच प्रवीर रंजन, संयुक्त आयुक्त पूर्वी रेंज आलोक कुमार, डीसीपी उत्तर-पूर्वी जिला वेद प्रकाश सूर्या की नजर रहेगी।
सूत्रों का कहना है कि दंगे की तफ्तीश पर सीधे गृह मंत्रालय की नजर है। मंत्रालय कह चुका है कि दंगे के मामले में एक भी बेगुनाह को न फंसाया जाए और एक भी गुनहगार को छोड़ा भी न जाए ताकि दंगाइयों को सबक सिखाया जा सके।
पुलिस की कोशिश है कि दंगे में शामिल सभी आरोपियों को सख्त सजा मिले ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके। इसलिए पुलिस ने सुनवाई के लिए चार विशेष कोर्ट का गठन कराने से लेकर 11 विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति कराई। अब पुलिस छह विधि अधिकारियों की नियुक्ति भी जल्द कराने की कोशिश में जुट गई है।
उधर दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों को मुआवजे के रूप में 18.67 करोड़ रुपये दिए हैं। एक हलफनामे में सरकार ने कहा है कि उसे अभी कुल 3,041 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1,526 को मुआवजे के लिए मंजूरी दे दी गई है।
दिल्ली सरकार ने हिंसा में मरने वालों के परिजनों को मिले मुआवजे की डिटेल:-
• 10 लाख रुपये तक का मुआवजा
• स्थायी रूप से अक्षमता के लिए 5 लाख रुपये
• गंभीर चोटों के लिए 2 लाख रुपये
• मामूली चोटों के लिए 20,000 रुपये
- पशुओं के नुकसान के लिए 5,000 रुपये
- आवासीय इकाइयों को पूर्ण क्षति के लिए 5 लाख रुपये
- पर्याप्त नुकसान के मामले में 2.5 लाख रुपये
- बिना लाइसेंस के वाणिज्यिक इकाइयों के मामले में 5 लाख रुपये देने की घोषणा।
मरने वाले कुल 53 लोगों में से केवल 41 लोगों के परिवारों से ही अभी तक दावे मिले हैं। हलफनामे में कहा गया है कि तीन परिवारों के दावे या तो खारिज कर दिए गए हैं या अपर्याप्त दस्तावेजों के कारण अभी लंबित हैं।