दिल्ली दंगे के दौरान जिस राहुल सोलंकी नामक युवक की हत्या की गई थी। इस हत्या में शामिल रहे वांटेड एक दंगाई को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। दबोचे गए आरोपी की पहचान मुस्तकीम उर्फ समीर सैफी के तौर पर हुई। उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस आरोपी की तलाश लंबे समय से थी।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक आरोपी दसवीं तक पढा है और पेशे से कारपेंटर है। दरअसल 24 फरवरी को दयालपुर थाना अंतर्गत शिव विहार इलाके के राजधानी स्कूल के पास राहुल सोलंकी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को इस मामले में एक वीडियो हाथ लगा था, जिसमें आरोपी हेलमेट लगाए नजर आ रहा था।
इस वीडियो के आधार पर आरोपी की पहचान सुनिश्चित की गई और उसे भजनपुरा इलाके से पकड़ लिया गया। पुलिस ने बताया आरोपी ने वारदात के वक्त जो जिंस पैंट, जूते और हेलमेट लगा रखा था, वह भी बरामद हो गया है। साथ ही इसकी निशानदेही पर एक देसी कट्टा और मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है।
पुलिस ने जब इसे हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो इसने अपना गुनाह कुबूल कर लिया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान उसने शुरु से ही हिस्सा लिया था। वह केंद्र सरकार की नीतियों का विरोधी रहा है।
इस खुलासे के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया । दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था लेकिन भीड़ में शामिल मुख्य आरोपी की पुलिस पिछले 6 महीनों से तलाश कर रही थी । इस बीच पुलिस कमिश्नर ने इस आरोपी की पहचान बताने वाले कोे 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी।
राहुल सोलंकी की हत्या को लेकर मामला दयालपुर थाने में दर्ज किया गया जबकि पूर्व में इस मामले को लेकर आरिफ, अनीस, सिराजुदीन, सलमान, सोनू सैफी और इरशाद को पकड़ा गया था। इस मामले में पुलिस ने अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर 6 जून को कड़कड़डूमा अदालत में पेश चार्जशीट में बताया था कि हत्याकांड में 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
मृतक सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद एमसीडी में बतौर कॉन्ट्रेक्टर काम करता था। जांच के दौरान पाया गया कि दंगाइयों ने आसपास के सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए थे। वहीं, जांच के दौरान हिंसक भीड़ की दरिंदगी का खुलासा हुआ। दरअसल, हिंसक भीड़ से बचने के लिए राहुल भागे, लेकिन भीड़ में से किसी ने उन्हें गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था।
चार्जशीट के मुताबिक, 24 फरवरी की शाम को दयालपुर थाना इलाके के बाबू नगर की गली नंबर-5 में रहने वाले राहुल सोलंकी अपने एक दोस्त के साथ शिव विहार तिराहे के करीब कोई सामान लेने जा रहे थे। शाम करीब 5 बजे राहुल सोलंकी दुकान से सामान लेने के लिए घर से निकले ही थे कि वह इस दौरान वह हिंसक भीड़ की चपेट में आए गए, जिसके बाद रास्ते में ही उन्हें गोली मार दी गई। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि शिव विहार तिराहे के पास आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा करने वाले लोगों ने ही इस हत्याकांड का अंजाम दिया था।
घटनाक्रम के मुताबिक, 24 फरवरी को शाम को राहुल सोलंकी के सामने ही उपद्रवियों की भीड़ उत्पात मचाते हुए उनकी तरफ आने लगी। वह तेजी से भागने लगे तो उनकी चप्पल उतर निकल गई। भागने के दौरान एक गोली आकर राहुल की गर्दन में लगी और वही गिर पड़े। बाद में उनकी मौत हो गई थी।
क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने इस मामले में अनुसंधान करते हुए इस हत्याकांड में शामिल अन्य आरोपियों को तो गिरफ्तार कर लिया था लेकिन मुस्तकीम उर्फ समीर सैफी गिरफ्तारी से बचने के लिए इधर-उधर उधर छुप रहा था। आरोपी ओल्ड मुस्तफाबाद का रहने वाला है। उसने अपना अपराध कबूल भी कर लिया है।