सुपर कॉप कहे जाने वाले 1953 बैच के वरिष्ठ आईपीएस रहे जूलियो रिबेरो पर कथित सेकुलरिज्म का भूत सवार है। हालांकि दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने दिल्ली दंगों की जांच पर सवाल उठाने वाले मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त जूलियो रिबेरो के झूठ का पर्दाफाश करते हुए माकूल जवाब दिया है।
पूर्व पुलिस आयुक्त ने आगे लिखा सच्चे देशभक्तों को आपराधिक मामलों में घसीटा जा रहा है। पंजाब से आतंकवाद का खात्मा करने का दावा करने वाले पूर्व पुलिस अधिकारी यहीं नहीं रुके और दिल्ली पुलिस पर हमला करते हुए कहा कि मैं आपको भारी मन से लिख रहा हूँ। एक सच्चे देशभक्त और भारतीय पुलिस सेवा के एक पूर्व सदस्य के रूप में, मैं आपसे अपील करता हूँ कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ दर्ज 753 एफ़आईआर की निष्पक्ष जाँच सुनिश्चित करें।
ऐसा नहीं है कि दिल्ली दंगों को लेकर कोई पहली बार जूलियो रिबेरो ने अपना मुंह खोला है बल्कि इससे पहले भी वह कई बार टीवी डिबेट तथा लेख के जरिए कथित दुख जताया था कि देश में नफ़रत का जो माहौल बनाया जा रहा है, उससे देश की विविधता के ख़त्म होने का ख़तरा है।
वैसे दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों की जांच पर जूलियो रिबेरो के आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताते हुए उनके द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों को खारिज कर दिया।
दिल्ली पुलिस आयुक्त सच्चिदानंद श्रीवास्तव ने पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त के झूठ का पर्दाफाश करते हुए कहा कि हमारी जांच सिर्फ तथ्यों और सबूतों पर आधारित होती है। हम किसी भी मामले को पेशेवर तरीके से जांच करते हैं और कोई भी जांच व्यक्तित्व या प्रतिष्ठा से प्रभावित नहीं होती। पूर्व आईपीएस अधिकारी जूलियो रिबेरो के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने न केवल ट्वीट किया बल्कि जवाबी मेल भेजते हुए कहा कि दंगे के सिलसिले में अब तक 1,571 लोग गिरफ्तार हुए, इनमें दोनों समुदायों के लोग शामिल है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने दिल्ली दंगों की जांच पर सवाल उठाने वाले मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त को जवाब देते हुए आगेे बताया उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की बिना किसी जाति व धर्म को देखे निष्पक्षता से जांच की जा रही है। अब तक दिल्ली पुलिस ने अल्पसंख्यक समुदाय की शिकायत पर 751 में से 410 एफआईआर दर्ज की हैं। जबकि हिंदू पक्ष की शिकायत पर कुल 190 प्राथमिकी दर्ज किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने अपने जवाब कहा कि पुलिस आयुक्त के नाते मेरा कर्तव्य है कि चीजों को सही परिप्रेक्ष्य में रखा जाए। दिल्ली दंगों के मामले कोर्ट में विचाराधीन है। इस कारण आप व अन्य लोगों के पास सीमित जानकारी है। पूर्व पुलिस आयुक्त को भेजे गए जवाब में दिल्ली पुलिस ने ट्वीट में केन्द्रीय गृहमंत्री व दिल्ली के उपराज्यपाल को भी टैग किया है।
आपको बताता चलूं की जूलियो फ्रांसिस रिबेरो एक एजेंडा के तहत काम कर रहे हैं और उन पर देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर केंद्र के मोदी सरकार को टारगेट किए जाने का आरोप लगता रहा है । यह वही शख्स है जिन्होंने पंजाब उग्रवाद के समय में पंजाब पुलिस का नेतृत्व किया। साल 1987 में, उन्हें उनकी सेवाओं के लिए भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। यह व्यक्ति साल 1953 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए और 1982 से 1986 तक मुंबई पुलिस के आयुक्त रहने के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक तथा गुजरात के महानिदेशक बनाए गए थे ।
कांग्रेस कार्यकाल में मलाई खाने वाले इस पूर्व पुलिस अधिकारी को जब मोदी सरकार ने तरजीह नहीं दी तो यह शख्स उनके विरोध में कथित सेकुलरिज्म का चेहरा बन गया जबकि इस शख्स को कांग्रेस कार्यकाल में गृह मंत्रालय में भारत सरकार के विशेष सचिव और पंजाब के राज्यपाल के सलाहकार जैसे पद दिए गए थे। इसके अलावा उसे साल 1989 से 1993 तक रोमानिया में भारतीय राजदूत का भी महत्वपूर्ण पद सौंपा गया था।