दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने दो चार्जशीट दायर की है. इनमे से एक चार्जशीट आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ दायर की गयी है. ताहिर हुसैन पर दिल्ली के चांद बाग में हुए दंगों के लिये धन उपलब्ध कराने का आरोप है. चार्जशीट बहुत से सबूतों के आधार पर यह बात स्थापित करती है कि दिल्ली में हुए हिंदी विरोधी दंगों को योजनाबद्ध और कार्यांवित करने में ताहिर हुसैन का बड़ा हाथ था. इसमे विस्तार से उन चीज़ों का ब्यौरा दिया जाता है जो हुसैन के खजूरी खास स्थित घर से बरामद हुईं.
चार्जशीट इस बात पर भी रोशनी डालती है कि किस प्रकार दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में लम्बे समय तक चले नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के पीछे भी ताहिर हुसैन का ही हाथ था. ताहिर हुसैन के घर पर अक्सर शाहीन बाग में हुए प्रदर्शनों से संबंधित बैठकें होती थीं. कमसकम 50 से 60 लोग इन बैठकों में सम्मिलित होते थे. और फिर गाड़ियों में भर भर के इन्हे शाहीन बाग के प्रदर्शन स्थल पर ले जाया जाता था.
ताहिर हुसैन उमर खालिद से भी जुड़ा हुआ था, वही उमर खालिद जो कि उस बड़े ग्रुप का हिस्सा था जो नियमित तौर पर दिल्ली में दंगे और धरने प्रदर्शन कराते थे. उमर खालिद के अलावा ताहिर हुसैन खालिद सैफी से भी जुड़े हुए थे जिन्होने दंगे कराने के लिये उन्हे रुपये पैसे भी दिये.
दूसरी चार्जशीट पिंजरा तोडं ग्रुप की संस्थापक सदस्य नताशा नरवाल और देवांगना कलिता के खिलाफ दायर की गयी है. इनपे जाफराबाद दंगों को उकसाने का आरोप है. ये उमर खालिद और ‘इंडिया अगेंस्ट हेट’ ग्रुप के साथ जुड़ी हुई थीं. नताशा को गैर – कानूनी गतिविधियां ( रोकथाम ) अधिनियम 1967 के तहत जाफराबाद्द दंगों को भड़काने में उनकी भूमिका को लेकर बुक किया गया है. इस बात के प्रमाण दोनों आरोपियों में से एक के फोन में से बरामद हुए जिसमे इस प्रकार के मेसेज मिले जिनसे साफ पता चलता है कि दंगे किस हद तक पूर्व नियोजित थे और इन्हे भड़काने के लिये किस प्रकार की तैयारियां की गयी थीं. ‘घर में गरम खौलते हुए पानी और तेल / आंयल का इंतज़ाम करें’, ‘तेज़ाब की बोतलें घर में रखें’, ” बैलकनी/ टेरेस पर ईंट और पत्थर रखें’, ”लोहे के दरवाज़ों में स्विच से करेंट का इस्तेमाल करें’, ‘कार / बाइक्स से पेट्रोल निकाल कर रखें’, इस प्रकार के भड़्काउ मेसेजेज़ पुलिस को जांच पड़ताल के दौरान दोनों आरोपियों में से एक के फोन से मिले.
22 फरवरी की शाम को पिंजरा तोड़ ग्रुप के सदस्यों ने जाफरबाद के लोगों को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिये जुटाया था और उन सब को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन में इकट्ठा होने के लिये कहा था.