
दिल्ली दंगा आईएसआई के शह पर इस्लामिक खालिस्तानी गठजोड़ का नतीजा!
दिल्ली दंगा को लेकर दिल्ली पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के कहने पर भारत में सक्रिय इस्लामिक तथा खालिस्तानी चरमपंथियों ने दिल्ली दंगे की साजिश रची थी ।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल इन दंगों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और इस्लामिक -खालिस्तानियों के कनेक्शन की जांच मे जुटी हुई है। दिल्ली पुलिस का कहना है
कि पिछले साल फरवरी में हुए दंगे मामले की जांच कर रही स्पेशल सेल को इस बारे में अहम सुराग मिले हैं और आने वाले समय में इसका जिक्र कोर्ट में पेश किए जाने वाले आरोप पत्र में भी किया जाएगा।
स्पेशल सेल द्वारा तैयार किए जा रहे आरोप पत्र के डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में आरोपियों के बयान दर्ज किए गए हैं और इसमें यह खुलासा किया गया है कि दिल्ली दंगों में खालिस्तान- इस्लामी चरमपंथियों और आईएसआई के एजेंटों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के कहने पर इस्लामिक तथा खालिस्तानी चरमपंथियों ने नागरिक कानून के विरोध में दिल्ली दंगों से पहले दिल्ली के विभिन्न इलाकों में चल रहे प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
इस बात का भी उल्लेख है कि आईएसआई के इशारे पर कुछ खालिस्तानी समर्थक पंजाब से दिल्ली आए थे और काफी दिनों तक शाहीन बाग आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। जबकि इस्लामिक चरमपंथी पहले से प्रदर्शन मौजूद रहे थे। सनद रहे कि
शाहीन बाग आंदोलन में सक्रिय रहे खालिस्तान समर्थक लवप्रीत सिंह को स्पेशल सेल ने पिछले साल जून महीने में गिरफ्तार किया था, जब लवप्रीत टारगेट किलिंग को अंजाम देकर पड़ोसी देश में ट्रेनिंग लेने जा रहा था।
जांच कार्रवाई में पता चला कि लवप्रीत और बगीचा सिंह पंजाब से आए कई लोगों के साथ शहीन बाग में रुके हुए थे और इसके अलावा कुछ खालिस्तानी समर्थक दिल्ली के चांद बाग इलाके में भी गए थे ,
जहां उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था। जिसके बाद यहां दंगा भड़का था । गौरतलब हो कि इस तरह का खुलासा यूएपीए के तहत गिरफ्तार अतहर खान ने ने भी किया था ।
आरोपी अख्तर खान ने दिल्ली पुलिस को कहा कि उसके एक परिचित रिजवान सिद्दीकी ने 10-11 फरवरी को उसे और अन्य लोगों को बताया कि वह शाहीन बाग विरोध स्थल पर खालिस्तान आंदोलन समर्थक बागीचा सिंह और लवप्रीत सिंह से मिला था,
जो भारत के खिलाफ चलाए जा रहे मिशन के लिए काम करते थे। अतहर खान बताया, बागीचा सिंह और लवप्रीत सिंह ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन पाने का दावा किया और उन लोगों से कहा कि एजेंसी आईएसआई ने संदेश दिया है
कि खालिस्तान समर्थकों को सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करना चाहिए और केंद्र सरकार के खिलाफ उनकी लड़ाई में लोगों की मदद करनी चाहिए। रिजवान ने हमें बताया कि इन खालिस्तान आंदोलन समर्थकों ने हमें दंगों का समर्थन देने का वादा किया
और कहा अपने एक आदमी को हमारे विरोध स्थल पर भेजेंगे। करीब 8-10 दिनों के बाद एक जबरजंग सिंह नामक व्यक्ति चांद बाग विरोध स्थल पर आया और कहा कि उसे बागीचा सिंह ने भेजा है। उसने सरकार के खिलाफ भाषण भी दिया।
दिल्ली के चांद बाग़ इलाके में रहने वाले अतहर ख़ान भी दंगों के भड़काने में आगे रहे थे और उन्हें दंगों के पीछे साजिश रचने से संबंधित मामले में 2 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
दिल्ली पुलिस ने जो पिछले दिनों अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है उसमें भी इस बात की चर्चा की गई है लेकिन इस बारेेे में विस्तृत जानकारी वाला आरोपपत्र कोर्ट में पेश किया जा सकता है।
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