सीलिंग/कन्वर्शन का मास्टर प्लान 2021 में प्रावधान तब के कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने 2007 में रखा था। ना सीलिंग की नींव अजय माकन कानून में रखते और ना ही तब और अब सीलिंग होती। और तो और उससे पहले भी 2006 में सीलिंग कांग्रेस ने करवाई क्योंकि तब केंद्र-दिल्ली-MCD तीनो में कांग्रेस की सरकार थी और इन्ही लचर कानूनी प्रावधानों के कारण आज सीलिंग हो रही है।
पहले शीला दीक्षित ने और अब केजरीवाल सरकार ने 351 सड़को को कमर्शियल/MLU करने की फ़ाइल क्यो दबा रखी है?
सुप्रीम कोर्ट ने दिसम्बर 2017 के अपने आदेश से फिर से सीलिंग शुरू करवाई जिसका असली कारण कांग्रेस का बनाया लचर मास्टर प्लान यानी डिजास्टर प्लान है और मॉनिटरिंग कमेटी के सख्त आदेश के कारण ही MCD सीलिंग कर रही है क्योंकि अगर MCD के अफसर सुप्रीम कोर्ट का आदेश नही मानेंगे तो जेल भी जाएंगे और ससपेंड भी होंगे इसलिए MCD के पास कोई चारा नही था। अगर आप MCD के अफसर होते तो क्या करते।
अगर तब कांग्रेस मास्टर प्लान में कानूनी पेचीदगियां नही डालती और केजरीवाल फ़ाइल को दबाकर नही बैठता तो सीलिंग होती ही नही।
अब जनता बताये कि आज इसमें भाजपा कहां से दोषी हुई जबकि भाजपा तो व्यापारियों के साथ हमेशा खड़ी रहती है और आज भी कुटिलधारी केजरीवाल के हाथ खड़ा करने के बाद, भाजपा ही जनता की मदद के लिए समाधान ला रही है।जरा अपनी बुद्धि के कपाट खोल कर सही सोचो-समझो-जानो। हमारी कड़ी मेहनत के बाद अब सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग ने साफ कर दिया है कि स्पेशल एरिया में कोई सीलिंग नही होगी इसलिए आप यहां बिना कोई कन्वर्शन/पार्किंग दिए व्यापार कर सकते है और जिन लोगो ने गलती से भर दिया है वो चाहें तो अपना रिफंड क्लेम कर सकते है।
मॉडल टाउन के जिन व्यापारियों ने LSC के कारण Rs. 22,274/- per sq meter के हिसाब से लाखों-करोड़ों रु, नेताओ के बहकावे/डराने के कारण, कन्वर्शन भरा था उन्हें अपना पैसे का का एक बड़ा amount वापस लेने की तैयारी करनी चाहिए। यही स्थिति कमला नगर की है अगर किसी से भरा है तो। कोल्हापुर रोड के व्यापारियों को कोई कन्वर्शन/पार्किंग चार्ज नही भरना क्योंकि वो स्पेशल एरिया में आते है। अगर बड़ा अमाउंट किसी ने गलती से भर दिया तो चाहे तो वो वापस के लिए अपना दावा ठोक सकता है।
चूंकि कांग्रेस/केजरीवाल सरकार ने जनता को सीलिंग से बचाने के बजाए, उन्हें फँसवाने के बीज बोए और व्यापारियों को गुमराह करते रहे, लिहाज़ा मोदी जी की केंद्र सरकार जल्द ही व्यापारियों के लिए बड़ी राहत ले कर आ रही है जो आप मीडिया में पढ़ भी रहे है। व्यापारी भाइयो को भी चाहिए कि देश के लिए वो अपनी जिम्मेदारी समझे और ना वो खुद करें और ना ही किसी को भी सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करने दे क्योंकि कब्जेदारों के लिए क़ानून में कोई राहत नही है। ये बात व्यावहारिक है कि कानून का तोड़ भी कानून है यानी कागज़ का तोड़ भी कागज़ है जिसका हमने काम किया। जो स्थानीय नेता या उनकी दलाल चौकड़ी क्षेत्र में सिर्फ भाषण पे भाषण फैला कर लोगो को गुमराह कर रहे थे और बेअकलौ की तरह सिर्फ नेतागिरी झाड़ रहे थे पर उन्होंने किया कुछ नही।
अब जनता को उन नेताओ को पकड़ कर अब ना सिर्फ अपने पैसे मांगने चाहिए वरन उनका जलूस निकाल कर सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए। इन अनपढ़-भ्रष्ट नेताओं ने ही व्यापारियों को बचाने के नाम पर सिर्फ गुमराह किया-लूटा।
साभार: विवेक गर्ग, एडवोकेट