दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज के इतिहास विभाग ने एक पूरा दिन मेरे और @IndiaSpeaksISD के नाम किया। मेरे विरुद्ध कमेटी का निर्माण कर VC को भेजा गया है कि संदीप देव पर FIR कराया जाए। वजह, कॉलेज का इतिहास विभाग संघ व ABVP से जुड़े छात्र-छात्राओं को जो टॉर्चर करता है, उसे मेरे द्वारा एक्सपोज करना।
आश्चर्य यह कि संघी छात्रों को टॉर्चर करने वाले कांगी-वामी कुछ प्रोफेसर की भर्ती इसी मोदी सरकार के अंतर्गत हुई है। और हद देखिए, ये प्रोफेसर वेबनार कर मोदी सरकार को गरिया भी खूब रहे हैं और ताज्जुब यह कि सरकार इन्हें अपने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रमोट भी कर रही है!
सरकार के इसी शह के कारण ये पत्रकारों पर भी अब केस करने लगे हैं ताकि कोई इन्हें एक्सपोज करने की हिम्मत न करे। अखिर इनके ‘सैंया कोतवाल’ (सरकार) हैं, तो फिर डर काहे का?
कमेटी की इस रिपोर्ट को देखिए, मुझ पर हमला करने के लिए प्रधानमंत्री के नाम का सहारा भी लिया गया है! अब इन्होंने जो प्रधानमंत्री के विरुद्ध वेबनार करवाया है, वो सारे वीडियो जारी कर दूं क्या?
संघियों से ज्यादा कांग्रेसी-वामपंथियों पर भरोसा करने की सरकार की इसी हीनभावना के कारण आज हिंदुओं से नफरत करने और फेक न्यूज फैलाने वाले अल्ट न्यूज वाले जुबैर को नोबल पुरस्कार मिलने वालों की संभावित सूची में टाइम्स पत्रिका ने छापा है।
पॉस्को एक्ट में जुबैर को क्लीन चिट भी गृहमंत्रालय की दिल्ली पुलिस ने ही पहले दिया था। बाद में सोशल मीडिया पर हिंदुओं के उबलने पर एक पुराने व कमजोर मामले में गिरफ्तार कर उसे तिहाड़ जेल में दामाद बनाकर रखा गया, जहां से वह छूट गया। आज सर पर चढ़ कर नाच रहा है।
मोदी सरकार को अपनों से ज्यादा ‘उनके ईको सिस्टम’ पर भरोसा है, इसीलिए अभी भी सब जगह कांगी-वामी भरे और संघी प्रताड़ित किए जा रहे हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में संघी छात्रों की प्रताड़ना का मामला कोई उठाने को तैयार नहीं था, मैंने उठा दिया, अब मुकदमा झेलेंगे!