बेटी पैदा होने के बाद महिलाओं पर शारीरीक और मानसिक अत्याचार किया जाता है, जबकि बेटी पैदा होगी या बेटा, यह महिला नहीं बल्कि पुरुष पर निर्भर है। बेटियों को बराबरी का दर्जा मिले, बेटियों का स्वास्थ्य ठीक रहे, बेटियां सम्मान सहित जिंदगी जीयें तथा बेटियां खूब पढ़ें और आगे बढ़ें, इसके लिए तत्काल जनसँख्या नियंत्रण ‘हम दो-हमारे दो’ कानून बनाना बहुत जरूरी है। संयुक्त राष्ट्र संघ प्रत्येक वर्ष 25 नवंबर को महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाता है लेकिन महिलाओं पर हिंसा बढ़ती जा रही है और इसका मुख्य कारण जनसँख्या विस्फोट है।
रविवार को दिल्ली के इंडिया गेट पर ‘हम दो-हमारे दो, तो सबके दो’ अभियान में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। भाजपा प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने इस अवसर पर चीन की तर्ज पर कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग की। इंडिया गेट पर हम दो – हमारे दो अभियान की शुरूआत करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से आगामी संसद सत्र में चीन की तर्ज पर तत्काल एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग किया। उपाध्याय इसके पहले जनसंख्या नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल कर चुके हैं।
देश भर से आये हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उपाध्याय ने कहा कि हमारे देश में 122 करोड़ लोगों के पास आधार है,लगभग 20% अर्थात 25 करोड़ लोग बिना आधार के हैं तथा लगभग 5 करोड़ बंगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये अवैध रूप से भारत में रहते हैं अर्थात हमारे देश की कुल जनसँख्या सवा सौ करोड़ नहीं बल्कि डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा है और हम चीन से बहुत आगे निकल चुके हैं।
उपाध्याय ने कहा कि भारत की 50% समस्याओं का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है। जल जंगल और जमीन की समस्या, रोटी कपड़ा और मकान की समस्या, गरीबी और बेरोजगारी की समस्या,भुखमरी और कुपोषण की समस्या तथा वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण की समस्या का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है। टेम्पो, बस और रेल में भीड़,थाना, तहसील और जेल में भीड़ तथा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भीड़ का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है। चोरी डकैती और झपटमारी, घरेलू हिंसा और महिलाओं पर अत्याचार तथा अलगाववाद,कट्टरवाद और पत्थरबाजी का मूल कारण भी जनसँख्या विस्फोट है।
उन्होंने कहा कि भारत की कृषि योग्य भूमि दुनिया की मात्र 2% है, पीने योग्य पानी मात्र 4% है और जनसँख्या दुनिया की 20% है! यदि चीन से तुलना करें तो भारत का क्षेत्रफल चीन का लगभग एक तिहाई है और जनसँख्या वृद्धि की दर चीन की तीन गुना है। चीन में प्रति मिनट 11 बच्चे पैदा होते हैं और भारत में प्रति मिनट 33 बच्चे पैदा होते हैं! उपाध्याय ने कहा कि अंतराष्ट्रीय रैंकिंग में भारत की दयनीय स्थिति का मुख्य कारण भी जनसँख्या विस्फोट है और उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए ही अटल सरकार द्वारा बनाये गए संविधान समीक्षा आयोग (जस्टिस वेंकटचलैया आयोग) ने2002 में संविधान में आर्टिकल 47A जोड़ने और एक प्रभावी जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था जिसे आजतक लागू नहीं किया गया।
उपाध्याय ने कहा कि अब तक 123 बार संविधान संशोधन हो चुका है, 2 बार सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी बदला जा चुका है, सैकड़ों नए कानून बनाये गए लेकिन देश के लिए सबसे ज्यादा जरुरी जनसँख्या नियंत्रण कानून आज तक नहीं बनाया गया, जबकि इससे देश की 50% समस्याओं का समाधान हो जाएगा। लोगों को संबोधित करते हुए आआपा विधायक कपिल मिश्रा ने कहा कि बम बिस्फोट से भी ज्यादा खतरनाक जनसँख्या विस्फोट है और उन्होंने प्रधानमंत्री से आगामी संसद सत्र में ही चीन की तर्ज पर एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग किया।
समारोह को संबोधित करते हुये टीटी ग्रुप के चेयरमैन रिखभ चंद्र जैन ने कहा कि टैक्स देने वाले हम दो-हमारे दो का पालन कर रहे हैं जबकि मुफ्त का रोटी कपड़ा और मकान लेने वाले जनसँख्या विस्फोट कर रहे हैं इसलिए जनसँख्या नियंत्रण कानून के बिना खुशहाल भारत का निर्माण मुश्किल ही नहीं नामुंकिन है! इस अवसर पर देश भर से आये हजारों लोगों ने 151 फीट लंबा तिरंगा झंडा लेकर राजपथ पर मार्च किया। दिल्ली के विधायक कपिल मिश्रा, प्रसिद्ध वकील प्रशांत पटेल सहित अनेक गणमाण्य लोगों ने भी इस रैली में हिस्सा लिया।
URL:Demand for making strict and effective population control in India!
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