काश ऐसा होता , कानून का शासन होता ;
तब भ्रष्टाचार न होता , कोई अत्याचार न होता ।
न कोई रिश्वत लेता , देश भी फिर न बिकता ;
चरित्रवान ही नेता होते , न्याय सभी को मिलता ।
कोई तुष्टीकरण न होता , तब गुंडाराज न होता ;
सब एक बराबर होते , अल्पसंख्यकवाद न होता ।
कोई नेता चोर न होता , पैसा विदेश न जाता ;
सरकार न मंदिर लूटे व जजिया भी न बंटता ।
पुलिस के कोई – हाथ न बंधते , दंगा कहीं न होता ;
गद्दार कभी न सत्ता पाते , झूठा – इतिहास न होता ।
गंदा – जातिवाद न होता , आरक्षण भी न होता ;
कोई गरीब न होता , संरक्षण सबका होता ।
डेमोक्रेसी न होती , जनतंत्र फूलता फलता ;
डेमोक्रेसी है डेमनक्रेसी , शैतानी – राज है लाता ।
धर्म के दुश्मन जितने मजहब , डेमोक्रेसी लाये ;
वोट – बैंक का खेल बनाकर , अपना एजेंडा लाये ।
इनके मजहब का ये एजेंडा , धर्म नष्ट हो जाये ;
चरित्रहीन नेता को फांसकर , एजेंडा बढ़ता जाये ।
चरित्रहीन नेता के बल पर , धर्मांतरण का खेल चल रहा ;
जगह-जगह मंदिर को तोड़कर,गलियारा निर्माण चल रहा ।
डेमोक्रेसी ठीक से समझो , मजहब का एजेंडा है ;
भारत की आजादी झूठी , अंग्रेजों का डंडा है ।
ज्यादातर नेता महाभ्रष्ट हैं , चरित्रहीन मक्कार हैं ;
मुट्ठी – भर हैं अच्छे – नेता , जिनको घेरे गद्दार हैं ।
बहुत बड़ा दायित्व हमारा , हमको राष्ट्र बचाना है ;
सारे – हिंदू होश में आयें , हमको धर्म बचाना है ।
सच्चा – जनतंत्र हमें पाना है , धर्म का शासन लाना है ;
चरित्रवान नेता को लाकर , कानून का शासन पाना है ।
हिंदू का दुर्भाग्य छंट रहा , यूपी – आसाम में सूर्योदय ;
तत्क्षण ही योगी पीएम हों , तब भारत भर में सूर्योदय ।
योगी जैसा पीएम ही , अब भारत राष्ट्र बचा पायेगा ;
योगी लायें कानून का शासन , तब ही भारत बच पायेगा ।
सच्चा – जनतंत्र तभी आयेगा , डेमनक्रेसी जायेगा ;
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , विश्व शांति पायेगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”