अर्चना कुमारी । वृत्तचित्र फिल्म काली को लेकर विवाद गहराता जा रहा है और फिल्म ‘काली’ का पोस्टर जारी होते ही पूरे देश में मामले ने तूल पकड़ लिया है। हिंदू समुदाय के लोगों का कहना है कि पोस्टर के कंटेंट हिंदू विरोधी है और इस फिल्म के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगाना चाहिए । काली को लेकर हिंदू संगठन और आम लोग विरोध करते हुए दिल्ली में प्रदर्शन किया ।
इसी क्रम में काली का स्वरुप बनकर विरोध प्रदर्शन किया गया । प्रदर्शन करने वाले लोगों का कहना है कि इस फिल्म की निर्माता व निर्देशक लीना मणिमेकलाई के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और फिल्म पर बैन लगा देना चाहिए। इस वृत्तचित्र के खिलाफ दिल्ली के आईटीओ पर दिल्ली प्रदेश हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों की संख्या में शामिल होकर विरोध जताया ।
बताया जाता है कि दिल्ली हिंदू युवा वाहिनी प्रदेश अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल के आह्वान पर आईटीओ पर मां काली का स्वरूप लेकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मां काली के स्वरूप में अपने पैरों के नीचे टीएमसी पार्टी सांसद महुआ मोइत्रा और लीला की फाेटो को कुचला । इस मौके पर हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे कि हिंदू देवी देवताओं का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।
भारत सरकार से हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता कनाडा से लीना को भारत लाये जाने की मांग कर रहे थे ताकि उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जा सके । प्रदर्शन करने वाले लोगों का कहना था कि कोई भी इस तरह की हरकत दोबारा ना कर सके, इसके लिए सख्त कानून बनाए जाने की आवश्यकता है। हिंदू युवा वाहिनी ने लीना और महुआ मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि डायरेक्टर लीना ने ‘शिव-पार्वती’ को सिगरेट पीते दिखाया जो कि बिल्कुल गलत है।
इससे पहले भी फिल्मों में हिंदू देवी देवताओं का मजाक बनता रहा है लेकिन तब हम चुप थे। अब हिंदू जाग चुका है। मौके पर मौजूद दिल्ली हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल ने बताया कि इस पोस्टर में हिंदू धर्म की देवी माता काली का संपूर्ण वेश बनाने के बाद हाथ में सिगरेट जलाकर पीते हुए दिखाया गया । उन्होंने आरोप लगाया है कि इस पोस्टर पर माता काली को अपमानित करने के उद्देश्य से स्वांग रचा गया है, जिससे हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की आस्था को गहरी ठेस पहुंची है और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।