द हिंदू अखबार भारत सरकार के खिलाफ प्रोपोगैंडा करने के मामले में कई बार सुर्खियों में रहा है. और इस बार उसने भारत डेनमार्क की 2 दिन पहले ही संपन्न हुई वर्चुयल द्विपक्षीय बैठक के बारे में फेक न्यूज़ छापी है.
द हिंदू ने न्यूज़ में लिखा है कि डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने भारत में कोरोना वायरस की जो दशा है, उसे लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि कोरोना वायरस को लेकर भारत बहुत ही मुश्किल हालात में है. दिलचस्प बात तो यह है कि पूरी न्यूज़ में द हिंदू ने कोरोना वायरस को लेकर डैनिश प्रधानमंत्री के कथन का सिर्फ एक वाक्य कोट किया है जिसमे वे कोरोना वायरास के संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी से कह रही हैं कि आप लोगों के लिये इस समय हालात बहुत मुश्किल हैं.
द हिंदू के लिये सबसे ज़्यादा शर्मनाक बात तो यह है कि भारत के डैनिश राजदूत Freddy Svane ने ट्वीट कर द हिंदू इस खबर का खंडन किया है और उसे फेक न्यूज़ बताया है
और फिर आगे द हिन्दू की खुद की न्यूज़ में फिर इस मुद्दे को लेकर कोई विस्तार नहीं किया गया है. आगे की न्यूज़ में भारत और डेनमार्क के बीच जो भी वार्ता हुई, जो समझौते हुए, उसका उल्लेख है. लेकिन सनसनी फैलाने के उद्देश्य से न्यूज़ के शुरुआत में इतनी चालाकी से डैनिश प्रधानमंत्री की कोरोना वायरस टिप्पणी की बात कही गयी है जिससे पाठक को यह लगे कि डेनमार्क कोरोना वायरस को लेकर जो भारत सरकार की नीति है, उससे उबरने के लिये उसकी जो तैयारियां हैं, उन्हे लेकर खुश नहीं है और सरकार की एक प्रकार से निंदा कर् रहा है.
न्यूज़ की हेडलाइन भी यही है कि डैनिश प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर भारत में स्थिति बहुत ही गम्भीर है, बेहद मुश्किल है. जबकि, जैसा कि हमने पहले भी कहा, शुरुआत के अलावा आगे पूरी न्यूज़ में कहीं भी इस हेडलाइन का विस्तार नही है. तो मंशा स्पष्ट है. ऐसी भ्रामक न्यूज़ के ज़रिये हिंदू सिर्फ भारतीय सरकार के खिलाफ प्रोपोगैंडा कर रहा है.
जब पाठक आमतौर पर न्यूज़ पढते हैं तो वो पूरी खबर कम ही पढ्ते हैं. सबसे पहले ध्यान आकर्षित करती है हेडलाइन. हेडलाइन में ही पूरी खबर का सार होता है, उसे देखते ही पाठक किसी विषय के बारे में अपनी धारणा बनाता है और फिर बस थोड़ी सी शुरुआती न्यूज़ पढता. यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है. बस यहीं पर द हिंदू के प्रोपोगैंडा ने खेल कर डाला. अधिकतर न्यूज़ में कोरोना वायरस की कोई बात ही नही है. न्यूज़ भारत और डेनमार्क की द्विपक्षीय वार्ता के बारे में है. लेकिन द हिंदू ने डैनिश प्रधानमंत्री द्वारा कहे गये एक वाक्य को संदर्भ से बाहर, तोड़ मरोड़ कर हेडलाइन और इंट्रो बना पाठक को यह इम्प्रेशन दे डाला कि कोरोना वायरस को लेकर विश्व भर मे भारत सरकार की निंदा हो रही है.
This once again proves the faking nature of THE HINDU .These lousy newspaper editors and owners should be boycotted for all that they are worth .They should not be given any importance .The commies have usurped the newspaper .IT SHOULD BE BOYCOTTEDFOR SIMPLY ITS FAKE NEWS .