अति सुरक्षित माने जाने वाली राजधानी से दिल्ली सरकार में सूचना एवं प्रसार निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर नलिन चौहान अचानक लापता हो गए हैं। पुलिस का कहना है कि यह वरिष्ठ अधिकारी परिवार के साथ सिविल लाइन्स इलाके में रहते हैं। जांच कार्रवाई में पता चला है कि पिछले कुछ दिनों से उन्हें बुखार और खांसी की शिकायत थी। बाद में उन्होंने कोरोना की आरटीपीसीआर जांच कराई थी और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर वह मानसिक तनाव में आ गए।
इसके बाद वह अचानक फोन घर पर ही छोड़कर निकल गए। देर शाम तक घर नहीं लौटने पर उनकी खोजबीन शुरू की गई। बाद में कहीं पता नहीं चलने पर परिजन ने सिविल लाइंस थाने में एफआईआर कराई है। पुलिस का कहना है कि फोन साथ न होने के कारण पुलिस को उनकी लोकेशन का पता नहीं लग पा रहा है। वह दिल्ली के उपराज्यपाल के सूचना अधिकारी भी रह चुके हैं।
पुलिस ने जांच कार्रवाई के दौरान दिल्ली के अस्पतालों से भी संपर्क किया है। साथ ही पुलिस इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का भी सहारा ले रही है। लेकिन 24 घंटे से ज्यादा समय तक लापता होने के कारण, पुलिस ने उनकी गुमशुदगी की शिकायत को अपहरण में दर्ज कर लिया है। अधिकारी का परिवार भी सोशल मीडिया के जरिये लोगों से उनके बारे में जानकारी देने की अपील कर रहा है।
पुलिस का कहना है कि सूचना एवं प्रचार निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर नलिन चौहान बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे से लापता हैं और वह कुछ दिन पहले वह कोरोना पॉजिटिव हो गए थे लेकिन कोरोना से संक्रमित होने के बाद ठीक भी हो गए थे। परिवार के लोगों ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट लिखाई है और पुलिस ने इस मामले में किडनैपिंग का केस दर्ज कर लिया है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड निकलवा कर मामले की जांच की जा रही है और जांच टीम को नलिन के घर से थोड़ी दूरी पर उनके जाने का एक सीसीटीवी फुटेज भी मिला है। यह भी पता चला है कि वह अपनी डायरी में यह लिखकर गए हैं कि डिस्टर्ब हूं, कहीं जा रहा हूं जबकि ढूंढने की कोशिश न करें, वो डायरी घर से मिली है। या अभी पता चला है कि उनके अकाउंट से 40,45,000 रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।
पुलिस सूत्रों का दावा है दिल्ली सरकार की सूचना एवं प्रसार निदेशालय के उप निदेशक नलिन चौहान संदिग्ध परिस्थिति में लापता हैं। उनके सिविल लाइंस स्थित राजपुर रोड, लुडलो कैसल के पास सरकारी आवास में रहने वाले परिजन बेहाल है । उनके एक रिश्तेदार ने बताया कि कुछ दिन पहले नलिन चौहान कोरोना संक्रमित हुए थे। उसके बाद 23 नवंबर को उन्हें लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया। कुछ दिन वह आईसीयू में भी रहे।
तबीयत बिगड़ने पर उन्हें प्लाज्मा दिया गया था। उसके बाद उनकी तबियत ठीक हो गयी। पांच दिसंबर को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह घर आ गये थे। डॉक्टरों ने उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी थी। मधुमेह की बीमारी की वजह से वह तनाव में थे। रिश्तेदार के मुताबिक देश की राजधानी में यदि कोई वरिष्ठ अधिकारी इस तरह लापता हो जाए तो हैरानी होती है जबकि अभी तक पुलिस उनकी तलाश नहीं कर पाई है।
नलिन के परिवार में पत्नी, 13 साल का बेटा और 15 साल की बेटी के अलावा माता-पिता हैं। उनके वेतन रिश्तेदार का कहना है कि पांच दिसंबर को अस्पताल के बाद घर आने के बाद परिवार वालों ने सरकारी आवास के पास ही खाली फ्लैट में उनके रहने और खाने पीने का इंतजाम कर दिया था। उनकी पत्नी लगातार उनके खाने, दवाई, कपड़े और अन्य सामान का ख्याल रख रही थीं। लेकिन इस बीच
गुरुवार सुबह करीब 11 बजे सुबह नलिन बिना किसी को बताये घर से निकल गये। कुछ देर बाद उनकी पत्नी जब कमरे में पहुंची तो वह नहीं मिले। उसके बाद उनकी पत्नी ने चौकीदार से नलिन के बारे में पूछा। चौकीदार ने बताया साहब दो मिनट में आने की बात कहकर बाहर गये हैं। उसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं है। उनका मोबाइल घर पर ही है।
शाम तक परिचितों के घरों में तलाश करने के बाद परिवार वालों ने सिविल लाइंस थाने में उनकी गुमशुदगी की शिकायत की। गुमशुदगी की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दिल्ली के तमाम अस्पतालों से जानकारी हासिल की है लेकिन उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। मोबाइल नहीं होने की वजह से पुलिस को तकनीकी जांच में दिक्कत आ रही है। हालांकि पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच में वह तीसहजारी अदालत के रास्ते की ओर जाते दिखे हैं। पुलिस आगे की फुटेज की जांच में जुटी है। लेकिन नलिन चौहान का कुछ भी अता पता नहीं लग पाया है।