Archana Kumari. एंटीलिया और मनसुख मौत मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं । ऐसा लगता है कि जांच एजेंसी दोनों केस की गुत्थी सुलझाने के समीप पहुंच गई है। पुलिस सूत्रों की माने तो सुशांत सिंह राजपूत संदिग्ध मौत मामले की जांच कर चुके सचिन वझे को शायद इसी केस से अपने फर्जी आधार कार्ड पर अपना नाम सचिन वझे से बदलकर सुशांत रखने का विचार आया था ।
इसीलिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जब मुंबई पुलिस के इस सबसे बदनाम पुलिस अधिकारी वझे की लग्जरी लाइफ स्टाइल की पड़ताल की , तो दक्षिण मुंबई के विभिन्न होटलों के रजिस्टर में इसका नाम सचिन वझे नहीं , बल्कि सुशांत सदाशिव खामकर दर्ज दिखाई दिया ।
दावा किया गया है उसके ऑफिस से मिले सामानों में वझे का यह फर्जी आधार कार्ड भी मिला था , जिसके बाद उसके खिलाफ शिकंजा और भी कस गया । लेकिन दोनों मामलों की जांच कर रही जांच एजेंसी एनआईए को मुंबई एटीएस सहयोग नहीं कर रही है।
खासकर मनसुख से जुड़े सबूत एनआईए को सौंपी नहीं गए हैं और इसी के चलते एनआईए ने विशेष अदालत में लगाया आरोप एटीएस नहीं दे रहा है एनआईए को दस्तावेज, जिससे खुलासे में खासी देरी हो रही है।
मुंबई पुलिस सूत्रों का कहना है कि किसी तरह सचिन को मुंबई पुलिस हिरासत में लेना चाहती है ताकि मामले को गोल मटोल किया जा सके सूत्रों का कहना है एनआईए को इस केस में बहुत बड़ी सफलता तब मिली जब मुकेश अंबानी के नाम जो धमकी भरा पत्र था, उस पत्र को सचिन के साथी सस्पेंडेड पुलिस कांस्टेबल विनायक शिंदे के घर पर टाइप करने वाला प्रिंटर मिल गया।
दावा किया गया है कि यह अपने आप में बहुत बड़ा सबूत है क्योंकि फॉरेंसिक जांच मे प्रिंटर एक बहुत बड़े सुबूत का काम करेगा। राष्ट्रीय जांच एजेंसी को एक और कार सचिन के एक दोस्त के दमन की फैक्ट्री में मिली और यह भी वॉल्वो कार है।
आशंका है इसी कार में मनसुख हिरेन को समुंद्र ले जाकर फेंका गया फिर दमन में सचिन के एक दोस्त की फैक्ट्री में कार को छुपा दिया गया था ।सूत्रों के मुताबिक इस वॉल्वो गाड़ी का असली मालिक अभिषेक नाथानी उर्फ अभिषेक अग्रवाल है, इसके अलावा डायरी मिला है जिसमें लिखे गए पैसों का कोड भाषा में जिक्र है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी कोड को डिकोड करने में जुटी है।
तकनीक का माहिर होने के बावजूद वझे सीक्रेट बातों का ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं रखता था, बल्कि डायरी में दर्ज करता था। यह डायरी ऑफिस में छिपाकर रखी थी। सूत्रों के मुताबिक, इस डायरी में पैसों के लेन-देन के सबूत मिले हैं।
इनमें से ज्यादातर कैश ट्रांसफर के हैं। इस बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला से मिले हैं और बुधवार को भाजपाई प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने वाले हैं। इधर विवादित गृह मंत्री अनिल देशमुख उद्धव ठाकरे से मिलकर अपना पक्ष रखा है जिस पर उद्धव ठाकरे को निर्णय लेना है।
पिछले कुछ दिनों से शिवसेना का मुखपत्र सामना अनिल देशमुख के बचाव में लगातार लेख प्रकाशित कर रहा है। सनद रहे कि इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी एक चिट्ठी में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर धन उगाही के आरोप लगाए, जिसके बाद महाराष्ट्र में भूचाल आ गया।
परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और सभी आरोपों की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया है और इस पर सुनवाई बाकी है।याचिका सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ के समक्ष आएगी और बुधवार को न्यायालय इस पर निर्णय लेगी।
परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ याचिका में अपने ही बैच की आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला का जिक्र किया। वहीं मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि रशिम शुक्ला देशमुख के सारे राज जानती हैं। परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में कहा, रश्मि शुक्ला ने कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
इस बारे में पक्की जानकारी है कि टेलीफोन पर हुई बातचीत सुनने के बाद, तब स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट की कमिश्नर रहीं रश्मि शुक्ला ने ट्रांसफर-पोस्टिंग में अनिल देशमुख की हरकतों की जानकारी पुलिस महानिदेशक को दी थी।
उन्होंने यह बात महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव को बताई। सिंह ने दावा किया कि देशमुख के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय रश्मि शुक्ला को पद से हटा दिया गया। इसी मामले को लेकर देवेंद्र फडणवीस केंद्रीय गृह सचिव को शिकायत करने पहुंचे थे।
उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें इस मसले पर उद्धव सरकार को घेरा इसके साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने एक चिट्ठी का जिक्र किया, जिसमें राज्य में चल रही ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट का आरोप लगाया।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत का बयान भी आया है और कहा है कि आप कागज लेकर घूमते रहिए लेकिन जब तक हमारे पास बहुमत है, आप हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकते।
इस बीच मुंबई क्राइम ब्रांच में भारी तबादला किया गया है और पहले से जमे अधिकारियों को अन्यत्र ट्रांसफर किया है। शायद मुंबई पुलिस के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि मुंबई क्राइम ब्रांच पूरी तरह से साफ कर दी गई है ।
नए पुलिस कमिश्नर ने एक दिन में 80 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर किए हैं । इनमें 65 क्राइम ब्रांच के हैं । क्राइम ब्रांच के लगभग सभी सीनियर इंस्पेक्टरों के तबादले कर दिए गए ।
उधर अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने शिवसेना पर आरोप लगाया है कि वह उन पर एसिड अटैक करके मारना चाहती है लेकिन वह डरने वाली नहीं है उन्होंने इससे पहले शिवसेना सांसद अरविंद सावंत के खिलाफ भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र दिया था