विपुल रेगे। ऐसे अभिनेता कम हैं, जो निर्देशक की कुर्सी पर बैठे हो और उनका कार्य सराहा जाए। इस ट्रेक पर अधिक असफलताएं देखने को मिलती है। अभिनेता अजय देवगन के निर्देशन में बनी तीसरी फिल्म रनवे 34 को देखकर कहा जा सकता है कि निर्देशन के रनवे पर देवगन का विमान कुछ झटके खाने के बाद सफलतापूर्वक दर्शक के मन में लैंड कर जाता है। ये एक अलग मिज़ाज़ की फिल्म है। एविएशन पर बनी एक संजीदा फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कितना अच्छा कर पाती है, ये जल्द ही मालूम होगा।
रनवे 34 की कहानी कई वास्तविक एविएशन दुर्घटनाओं और रस्क्यू अभियानों से मिलाजुला कर ली गई है। कैप्टन विक्रांत खन्ना एक अनुभवी पायलट है और अपनी कुशलता के कारण उसे सेलेब्रेटी का दर्जा मिला हुआ है। वह दुबई से कोचीन की उड़ान में डेढ़ सौ यात्रियों को ले जाता है। उसकी सह-पॉयलट तान्या कम अनुभवी है। क्रू को कोचीन के पास आकर पता चलता है कि वह लैंडिंग नहीं की जा सकती।
एक प्रयास असफल होने के बाद कैप्टन विमान को त्रिवेंद्रम की ओर मोड़ देता है। विमान में ईंधन कम है, इसलिए उन्हें जल्दी ही लैंडिंग का निर्णय लेना है और तूफ़ान का वेग बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में विक्रांत बड़ा ही जोखिम भरा निर्णय ले लेता है। इस फिल्म के प्रभाव को दो भागों में बांटा जा सकता है। पहला भाग बहुत तेज़ गति से भागता है और रोमांच भी भरपूर देता है।
दूसरा भाग एकदम शिथिल सा लगता है। हालांकि इस भाग में अमिताभ बच्चन की प्रभावी भूमिका देखने को मिलती है। अमिताभ बच्चन इस फिल्म में नारायण वेदांत की भूमिका में दिखाई देते हैं। बहुत वर्षों बाद बच्चन की कमान से अचूक तीर निकला है। अजय देवगन के निर्देशन में अमिताभ को इतना प्रभावी देखना आश्चर्यजनक है। अमिताभ से उनके स्तर का काम निकलवाना निर्देशक के लिए बड़ा कठिन होता है।
ये एक ऐसी भूमिका है, जिसने बच्चन को बॉक्स ऑफिस पर एक नई ऑक्सीजन दे दी है। अजय देवगन ने सरस अभिनय किया है। अमिताभ के साथ वाले दृश्यों में वे आत्मविश्वास से भरे दिखाई दिए हैं। रकुल प्रीत कौर अब एक अनुभवी अभिनेत्री बन चुकी हैं। उनको इस किरदार में देखना सुखद लगता है। फिल्म एविएशन के पेशे की समस्याओं और उलझनों को गहराई से बताती है।
जैसा कि मैंने शुरुआत में लिखा कि ये एक संजीदा फिल्म है। फिल्म मेकिंग में पारंगत हो चुके अजय देवगन ने दूसरे भाग के लिए अधिक रोमांच नहीं बचाया, ये उनकी एक महत्वपूर्ण गलती रही है। यदि वे अदालत वाले दृश्य पहले रखकर रोमांच वाले दृश्यों को फ्लैशबैक में ले जाते तो कमाल ही हो जाता। ऐसा प्रयोग कई निर्देशकों ने किया है। बॉक्स ऑफिस पर आर आर आर के बाद अब केजीएफ की हवा बह रही है।
इस बवंडरनुमा हवा में अजय देवगन का विमान बॉक्स ऑफिस के रनवे पर लैंडिंग का प्रयास कर रहा है। अजय देवगन जानते हैं कि विपरीत हवा में विमान को लैंड करना बुद्धिमानी नहीं है लेकिन उनका स्वभाव ही हवा के विपरीत बहना है। शुक्रवार की कहानी ये है कि रनवे 34 और हीरोपंती 2 बहुत ही कम ओपनिंग दिखा रही हैं। दक्षिण अब बॉलीवुड की अच्छी फिल्मों पर भी हावी हो चला है। शाहिद कपूर के उत्कृष्ट अभिनय वाली जर्सी को दर्शक ही नहीं मिल रहे। ये वह बिंदु है, जहाँ से बॉलीवुड को सोचना शुरु करना होगा।