केवल हिंदू-वादी सत्ता , हिंदू- धर्म बचा पाएगी ;
वरना अब्बासी – हिंदू की सत्ता , हिंदू – धर्म मिटाएगी ।
अज्ञान- मूर्खता में डूबा है , अब – तक भारत का हिंदू ;
धर्म – सनातन से दूर हो रहा , पाखंडों में फंसा है हिंदू ।
गांधी – नेहरू की साजिश से , हिंदू जड़ से कटता जाता ;
अब आया अब्बासी- हिंदू , हिंदू- जड़ें खोदता जाता ।
परम – स्वार्थी हिंदू जो है , वो सरकारी – हिंदू है ;
सबसे बड़ा शत्रु हिंदू का , वो अब्बासी – हिंदू है ।
दो वर्ष का समय बचा है , हिंदू जागो या सो जाओ ;
जगकर अपना धर्म बचाओ,या मौत की नींद में सो जाओ ।
अज्ञान की निद्रा से जगना है , धर्म – जागरण पाना है ;
धर्म – सनातन की शिक्षा से , तुझको जीवन पाना है ।
घर-घर में हो धर्म की शिक्षा,शस्त्र-शास्त्र का पूर्ण प्रशिक्षण ;
धन – दौलत सब धरी रहेगी , यदि न होगा जीवन-रक्षण ।
सबसे पहले पूर्ण – सुरक्षा , हिंदू को स्वयं ही करना है ;
हिंदू – नेता बने नपुंसक , उनसे कुछ न होना है ।
ऐसे नेताओं को करो किनारे , नया साहसी लाना है ;
परम – साहसी , चरित्रवान – नेता ही , हमको पाना है ।
सारे दल बन गए हैं दल – दल , एक नया दल लाना है ;
धर्मनिष्ट हो , राष्ट्रभक्त हो , ऐसा ही दल पाना है ।
ऐसा ही दल उदय हो रहा , अंधियारा जाने वाला है ;
“इकजुट-जम्मू” ऐसा ही दल , भारत में छाने वाला है ।
“इकजुट-जम्मू” का सूर्योदय,अब भारत पूर्ण प्रकाशित होगा
जम्मू में प्रारम्भ हुआ है , “इकजुट- भारत” अब होगा ।
हर – हिंदू की जिम्मेदारी , इसको हाथों – हाथ उठाओ ;
“इकजुट-जम्मू” को सत्ता देकर, देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
सारे हिंदू चौकन्ने रहना , आंख-कान सब खुले ही रखना ;
अब्बासी – हिंदू मायावी , इसके मायाजाल से बचना ।
शिक्षा ,मीडिया, राजनीति में , अब्बासी – हिंदू का कब्जा ;
झूठा-प्रचार इस तरह करेगा , बना रहे इसका कब्जा ।
केवल हिंदू की जागरूकता , हिंदू- धर्म बचा पाएगी ;
वरना अब्बासी-हिंदू की माया , कच्चा तुझे चबा जाएगी ।
अंतिम – मौका है बचने का , इस मौके को गंवा न देना ;
“इकजुट-भारत” की शक्ति से , भारत – राष्ट्र बचा लेना ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”