तेरा जाना बहुत जरूरी , तभी राष्ट्र बच पायेगा ;
कुछ दिन और रह गया गर तू , गजवायेहिंद हो जायेगा ।
एक-एक दिन है बहुत ही भारी , अब वर्षों की बात नहीं ;
दो – वर्षों का समय बहुत है , कोई भी अब घात नहीं ।
हमें चाहिए योगी जैसा , परम – साहसी राष्ट्रभक्त हो ;
या फिर हेमंता जैसा हो , साहस – शौर्य से युक्त हो ।
हिंदू साफ-साफ बतला दें , अभी तुरंत योगी को लाओ ;
वरना तथाकथित हिंदूवादीदल,तुम सब अपनी खैर मनाओ।
कोई हिंदू वोट न देगा , केवल प्रत्याशी देखेगा ;
चरित्रवान हो किसी भी दल का , वो प्रत्याशी जीतेगा ।
जहां नहीं अच्छा प्रत्याशी, तब “नोटा” का बटन दबाना ;
चाहे कोई भी स्थिति हो , गंदा-प्रत्याशी नहीं जिताना ।
नोटा की घातक मार – मारके , हर चुनाव तक रद्द कराओ ;
चाहे कुछ भी हो जाये पर , जिम्मी- नेता नहीं जिताओ ।
जितने भी प्रत्याशी जीतें , हिंदूवादी राष्ट्रभक्त हों ;
मिल – जुलकर सरकार बनायें , हर सांसद संयुक्त हो ।
एक – धर्म है एक- देश है , हिंदू- राष्ट्र बनाना है ;
हर हालत में हम सबको अब , हिंदू – धर्म बचाना है ।
धर्म बचेगा हम भी बचेंगे , मानवता बच जायेगी ;
वरना वर्तमान नेतृत्व के चलते , मानवता मर जायेगी ।
आठ – साल में भेद खुल गया , ये सौभाग्य हमारा है ;
रोता – नेता कितना घातक है ? ये यमराज हमारा है ।
यदि हमको जीवित रहना है , तो यमराज भगाना है ;
हर हालत में अभी तुरंत ही , योगी-हेमंत को लाना है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”