कल शकुंतला देवी फिल्म रिलीज हुई। प्रसिद्ध गणितज्ञ और ह्यूमन कंप्यूटर शकुंतला देवी की इस कहानी में बार-बार मातृत्व और औरत के बीच का टकराव दिखाया गया है। और यह साबित करने की कोशिश हुई है कि स्त्री केवल मां नहीं, एक औरत भी है।
मैं यहां फिल्म पर टिप्पणी नहीं कर रहा, बल्कि पटकथा लेखक ने बिना शब्द की समझ के बार-बार एक महिला की अपने अंदर की औरत की तलाश के लिए जो बेचैनी दिखाने की चेष्टा की है, मेरा विरोध उस ‘औरत’ की अपने अंदर खोज से है। आश्चर्य है कि निर्देशक अनु मेनन स्त्री होते हुए भी, स्त्री के लिए सम्मानजनक शब्द का प्रयोग अपने विचारों को प्रकट करने के लिए नहीं कर पाई हैं।
औरत अरबी शब्द है, जो ‘औराह’ धातु से बनी है। इसका अर्थ शरीर को, गुप्तांग को ढंकना है। अरबी मजहब में औरत की यही परिभाषा और सोच है। अतः महिलाओं के लिए शब्द चयन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जैसे-
१) स्त्री- प्रकृति- यह स्वभाव वाचक शब्द है।
2) नारी-देवत्व- यह गुणवाचक शब्द है।
३) महिला-सामाजिक प्रस्थिति-यह अधिकार वाचक शब्द है।
४) औरत-मजहबी- यह उपभोग बोधक शब्द है।
५) मादा-जैविक- यह प्रजनन बोधक शब्द है। अंग्रेजी का female भी इसी संदर्भ में आएगा।
६) Women – पराधीनता- यह wyfmen से बना है, जिसका अर्थ है wife of man. यह पराधीनत बोधक शब्द है।
मेरा इतना ही आशय है कि स्त्रियों के लिए आप जिस भी शब्द का प्रयोग करें, अर्थ जानकर करें। अनजाने में लिखने, बोलने, कहने में स्त्रियों के अपमान की संभावना बनी रहती है।
भारतीय स्त्रियां भी अपने लिए सही शब्द का चयन करें/करवाएं। आपकी सोच और उसकी अभिव्यक्ति ही आपके व्यक्तित्व का दर्पण है। इसे हमेशा ध्यान में रखें।
और हां, यहां दिए सारे शब्द वो हैं जो नारीवादी, स्त्री अस्मिता से जोड़ कर उपयोग में लाती हैं। अतः महिलाओं के अन्य पर्यायवाची शब्दों का उल्लेख यहां नहीं किया गया है।
बहोत ही अच्छा विश्लेषण किया है सही मायनों में यह एक बहोत अच्छा क्रिटिसिज़म है यदि पालन किया जाए तो फिल्मों की गुणवत्ता और भी अधिक बढ़ेगी और दर्शकों को आनंद व संतुष्टि का बोध होगा। आपका कार्य सराहनीय है।
धन्यवाद
बहुत ही अच्छा ज्ञान 😊
Kuchh samajh nhi aaya .