झूठ: SC/ST एक्ट पर तुरंत गिरफ्तारी होगी।
जवाब: यह बिल्कुल झूठ है। सबसे पहले आपके ऊपर FIR ही तुरंत नही होगी। यदि कोई व्यक्ति आपके ऊपर झूठा आरोप लगाता है और प्रथमदृष्टया वह फ़र्ज़ी/गलत पाया जाता है तो थानाध्यक्ष को पूरे अधिकार हैं आपको बाइज़्ज़त बरी करने के। तदोपरांत आप यदि चाहें तो धारा – 189 के अंतर्गत झूठा आरोप लगाने वाले पर केस भी कर सकते हैं।
झूठ: SC/ST एक्ट में जाँच अधिकारी एक दलित ही होगा।
जवाब: यह पूरी तरह से एक झूठ है। भारत के कानून के अंतर्गत कोई भी केस किसी तथाकथित जाति/धर्म के व्यक्ति को नहीं दिया जाता। आपके केस की जाँच आपके इलाके का थानाध्यक्ष ही करेगा।
झूठ: SC/ST एक्ट में सुनवाई एक दलित न्यायाधीश ही करेगा।
जवाब: जब आप कोई भी केस लड़ते हैं तो आपके वकील के हाथ में पड़ी फ़ाइल पर किसी भी जज का नाम नहीं लिखा होता। वहाँ कोर्ट का कमरा नंबर और केस नंबर लिखा होता है। इसी से साफ समझ जाइये कि यह एक झूठ है। ऐसा कोई भी प्रावधान इस कानून में सरकार ने नहीं बनाया है।
झूठ: SC/ST एक्ट में 6 महीने तक ज़मानत नहीं मिलेगी।
जवाब: पहली बात तो यह कि आपकी गिरफ्तारी तब होती है जब आपके ऊपर FIR होती है। आपके ऊपर FIR तब होगी जब प्रथमदृष्टया मामला सही पाया गया। FIR का भी मतलब यह नहीं होता है कि आपको गिरफ़्तार किया ही जायेगा। गिरफ्तारी का मामला तब आता है जब पुलिस यह पाती है कि आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है या फिर पीड़ित को जान से मार सकता है। यह भी एक कोरा झूठ है। आपकी गिरफ्तारी यदि हो भी गयी, उसके पश्चात भी आप धारा 482 के अंतर्गत FIR की कॉपी ले जा कर एक घण्टे के अंदर ज़िला अदालत से जमानत पा सकते हैं। आप चाहें तो इसको हाई कोर्ट तक ले जा सकते हैं और उसी दिन ज़मानत पा सकते हैं। यह ज़मानत भी सामान्य ज़मानत होगी। अंतरिम जमानत की तरह आपको भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ेगी।
झूठ: मोदी ने SC/ST एक्ट बदल दिया है।
जवाब: यह भी कोरा झूठ है। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने यह बिल 1989 के अधिनियम के अंतर्गत ही रखा है। इसमें सिर्फ 2 बदलाव हुए हैं। जो भी व्यक्ति यह बता रहा है कि इसमें 40 नई धाराएँ जुड़ी हैं,वह बहुत बड़ा झूठ बोल रहा है।
झूठ: झूठा आरोप लगाने वाले पर आप कार्यवाही नहीं कर सकते।
जवाब: पूरा झूठ! झूठा आरोप लगाने वाले पर आप धारा – 189 के अंतर्गत केस ठोक सकते हैं। कानून में पहले से ही प्रावधान है। इस धारा के अंतर्गत ही नहीं बल्कि कई अन्य धाराएँ भी हैं जिनका इस्तेमाल आप कर सकते हैं। इसके अलावा मानहानि की धारा तो आपके हाथ में है ही भाई।
झूठ: शिवराज सिंह चौहान पर SC/ST एक्ट नहीं लगा क्योंकि वो मुख्यमंत्री थे।
जवाब: पहली बात तो ये कि आरोप लगाने वाली ही अपनी बात से पलट गई। उसने सीधा आरोप सूबे के मुख्यमंत्री पर लगाया था कि उन्होंने उसके खिलाफ जातिसूचक शब्द का प्रयोग किया जब वो मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही थी। FIR कराते समय उसने अपना बयान बदल दिया और यह कहा कि मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मियों ने उसके खिलाफ जातिसूचक शब्दोँ का प्रयोग किया। FIR तक न हो पाई क्योंकि प्रथमदृष्टया केस फ़र्ज़ी साबित हुआ। दूसरी बात, महिला कांग्रेस महिला कमेटी की सदस्या है और लगातार भाजपा और सूबे के मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करती रहती है। उसके ख़िलाफ़ मुख्यमंत्री ने कोई केस पलट कर नहीं किया (ताकि उनको यह बताने का मौका ही न मिलें कि शिवराज के खिलाफ एक दलित ने आवाज़ उठाई तो उसको जेल जाना पड़ा)
झूठ: प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सिर्फ दलितों और मुसलमानों को घर बांटे जा रहे हैं।
जवाब: यह इस सदी का सबसे बड़ा झूठ है। आप प्रधानमंत्री आवास योजना का फॉर्म खुद पढ़ कर देखें। लकी ड्रा के अंतर्गत आपको घर अलॉट किये जा रहे हैं। जिनको अपना घर खुद बनाना है सरकार उनको कर्ज़े पे 2।8 लाख रुपये सब्सिडी भी दे रही है घर बनाने के लिए। इसके साथ ही इस एक योजना ने कांग्रेस की चूलें हिला कर रख दी हैं।मैंने स्वयं इसका लाभ लिया है और मैं सामान्य वर्ग से हूँ|
भ्रम: रुपया नीचे गिर रहा है।
जवाब: दरअसल बात यह है कि दुनिया की सारी करेंसियाँ लगातार गिर रही हैं। भारत का रुपया 9% गिरा है। वहीं यूरो 14% गिरा है। चीन का युआन भी गिर रहा है। इस पूरी परिस्थिति में सिर्फ डॉलर बाकियों की तुलना में अधिक मजबूत हुआ है क्योंकि ट्रम्प ने इस समय पूरी दुनिया में टैक्स के जाल लगा एक ट्रेड वॉर छेड़ा हुआ है। बताने वाले आपको बस इतना ही बताएंगे कि रुपया गिर रहा है ताकि आपकी भावनाएं भड़के। जबकि पूरी सच्चाई कुछ और ही है। इसके साथ ही यह स्थिति अभी कुछ समय बनी रहेगी जब तक विश्व का व्यापार पटरी पर नहीं लौटता।
नोट: उपरोक्त किसी भी जवाब को यदि आप झूठ सिद्ध कर देवें तो आपका स्वागत है
सुझाव: इस बार की लड़ाई किसी जाति बनाम जाति की नहीं है। इस बार की लड़ाई है देशभक्त बनाम देशद्रोहियों की। यह जितने नोटा वाले दिखाई दे रहे हैं, इनमें से 99% कांग्रेस के ही पिट्ठू हैं जिनके जाल में सामान्य नागरिक भी फँस रहा है। यह भ्रम फैलाएंगे। झूठ बोलेंगे। बर्गलाएँगे। इनको भी पता है कि पिछली बार सवर्णों और दलितों ने भाजपा के लिए जम कर वोटिंग की थी। यही कारण था कि मायावती को 0 सीटें मिली थीं।
यह पूरा काम कैम्ब्रिज अनालिटिका द्वारा किया जा रहा है। फ़र्ज़ी ब्राम्हणों, क्षत्रियों, वैश्यों इत्यादि के एकाउंट बना आपको मोदी के खिलाफ भड़काने का प्रयास है। मोदी को हराएंगे जो बोल रहा है वो तो पक्का एक ब्रेनवाश किया जा चुका व्यक्ति है। उससे जितनी दूरी बना सकते हैं बनाएं। कांग्रेस अकेली नहीं है बल्कि वामपंथियों का भी पूरा झुंड इस समय उनके साथ है क्योंकि मोदी जी से इन सबका अस्तित्व खतरे में है जो 10 साल तक कांग्रेस के साथ सत्ता की मलाई चाटते आ रहे हैं।
असल में कुछ समय पहले ये दलितों के मसीहा बन रहे थें रोहित वेमुला के नाम पे, फिर दाल नहीं गली तो व्यापारियों के साथ हो लिए जहां कुछ खास इनके हाथ लगा नहीं। अब ये सवर्णों के हितैषी बन रहे हैं।
कुछ दिन पहले राहुल गाँधी ने यह अफवाह फैलाने का प्रयास किया था कि सरकार ने आरक्षण खत्म कर दिया है और SC/ST एक्ट खत्म कर दिया है। ऐसा कुछ भी नहीं था। खेल समझने का प्रयास कीजिये। एक तरफ ये दलितों को कह रहे हैं कि भाजपा वालों ने SC/ST एक्ट खत्म कर दिया मारो सवर्णों को, वहीं दूसरी तरफ सवर्णों को यह बता रहे हैं कि मोदी ने तुम्हारा गला घोंट दिया, मारो दलितों को। ताकि 80% वोट शक्ति रखने वाला हिंदू टूट कर फिर बिखर जाए और इनका जाति का खेल फिर से ये शुरू कर सकें।
असल में उनकी सामर्थ्य नहीं है कि अपने नेता के लिए वोट मांग पाए। उनकी सामर्थ्य नहीं है कि खुलकर लड़ाई के मैदान में उतर आएँ। उनकी सामर्थ्य नहीं है कि सच्चाई आपके सामने रख पाएँ। उनकी सामर्थ्य नहीं है कि मोदी के किसी भी कार्य को गलत सिद्ध कर पाएँ। अतः अब झूठ, फरेब और भावनाएं भड़काने के उनके पुराने धंधे फिर शुरू हो चुके हैं। पर्चे बांटे जा रहे हैं। आपको जानकारी के लिए बता दूं कि बिना किसी नाम के किसी भी पर्चे पर विश्वास न करें। बिना नाम के आप पर्चे छपवा ही नहीं सकते। यह कानूनी अपराध है। मध्य प्रदेश में यही किया गया
सावधान रहिये ऐसे नोटा के सिपाहियों और कांग्रेसी एकाउंट्स से, 2019 मोदी जी का ही है वो भी प्रचंड बहुमत के साथ, यह देश की जरूरत है, सोशल मीडिया पर भुगतान पर लिखने वालों की एक लंबी-चौड़ी जमात है, उनसे सावधान रहिए, इंडिया फर्स्ट और नेशन फर्स्ट को लेकर चलिए, सनातन संस्कृति की जड़ों को मजबूत करने के लिए अभी कुछ और वर्षों तक मोदी जी का प्रधानमंत्री बने रहना देश के लिए अनिवार्य है! सारा जोर संगठित सामूहिक-शक्ति को तोड़ने की है! इसे समझिए,इनके सुनियोजित जाल में मत फंसिए!
और,यदि ठीक लगे तो इसे अधिक-से-अधिक साझा कीजिए;भाजपा या मोदी के लिए नहीं,इस राष्ट्र और उसकी चिर पुरातन-चिर नवीन अस्मिता के लिए।
साभार: प्रणय कुमार के फेसबुक वाल से
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