विपुल रेगे। सेम रैमी के कॅरियर की शुरुआत एक हॉरर फिल्म से हुई थी। हॉरर और सेम रैमी का चोली-दामन का साथ है। हॉरर उनकी फिल्मों में स्थायी तत्व की तरह होता है। डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ़ मैडनेस में भी हॉरर तत्व मौजूद है। बस फर्क इतना है कि इस बार हॉरर तत्व मुखरता के साथ प्रस्तुत है। इस बार मार्वल की फिल्म में परकाया प्रवेश देखने को मिला है। डर की हल्की सी छुअन के साथ डॉक्टर स्ट्रेंज पुनः उपस्थित हुआ है और बहुत सी प्रशंसा लूट ले गया है।
डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ़ मैडनेस की प्रतीक्षा विश्वभर के मार्वल प्रशंसक कर रहे थे। हर बार की तरह उनकी अपेक्षाएं मार्वल से पूरी होती दिखाई दे रही है। फिल्म के शीर्षक में मैडनेस है तो दर्शकों में भी वही मैडनेस दिखाई पड़ रही है। सुबह सात बजे के शो हॉउसफुल होना संकेत दे रहा है कि फिल्म का भारतीय संस्करण बहुत बड़ी सफलता लेकर आ सकता है।
प्रथम दिन फिल्म ने भारत में तीस करोड़ से अधिक का कलेक्शन कर बॉलीवुड और टॉलीवुड को कड़ी चुनौती दे दी है। सेम रैमी ने अपने अंदाज में फिल्म बनाई है। कभी एवेंजर्स की साथी रही वांडा को एक नकारात्मक काली शक्ति मिल जाती है। इसके बाद वह नकारात्मक हो जाती है और अन्य ब्रम्हाण्डों में घुसपैठ की कोशिश करती है। डॉक्टर स्ट्रेंज उसे रोक नहीं सकता क्योकि वांडा अब बहुत शक्तिशाली हो चुकी है।
एक लड़की किसी अन्य ब्रम्हांड से भटक कर यहाँ आ गई है। उस लड़की के पास मल्टीवर्स में यात्रा करने की शक्ति है। वह ब्रम्हाण्डों के बीच का पोर्टल खोल सकती है। वांडा उसे मारकर उसकी शक्तियां लेना चाहती है। जब सेम रैमी जैसा सिद्धहस्त निर्देशक मार्वल जैसे विराट प्रोडक्शन के साथ जुड़ता है, तो परदे पर चमत्कार घटित होता है।
मार्वल अपनी हर नई फिल्म के साथ कुछ न कुछ नयापन लेकर आता है और बॉक्स ऑफिस पर उसकी बादशाहत का यही कारण भी है। डॉक्टर स्ट्रेंज का परकाया प्रवेश दर्शकों को खूब भाया है। एक से बढ़कर एक एक्शन सीक्वेंस, उच्च तकनीक से लैस वीएफएक्स, सुंदर अभिनय, सरस कथानक इस फिल्म के प्राण हैं। सेम रैमी की फिल्मों में कैमरे की फ्रेमिंग की एक अलग ही शब्दावली होती है।
फिल्म में कैमरे की सुंदर कलाकारी देखने को मिलती है। डॉक्टर स्ट्रेंज का किरदार बेनेडिक्ट कंबरबेच पहली फिल्म से ही निभाते आ रहे हैं। अब तो वे और डॉक्टर स्ट्रेंज एक दूसरे में विलीन हो गए हैं। उन्होंने बहुत ही सुंदर अदाकारी दिखाई है। वांडा की नकारात्मक भूमिका को एलिजाबेथ ओल्सेन ने जीवंत कर दिया है। सेम रैमी ने उन्हें बहुत सशक्त भूमिका दी है। पूरी फिल्म में उनका खौफ़ छाया रहता है।
सोचिल गोमेज नई कलाकार हैं और उन्होंने अपने काम को बेहतर ढंग से किया है। बहुत से दृश्य यादगार हैं और लंबे समय तक दर्शक की स्मृति में बने रहने वाले हैं। जैसे अमेरिका शावेज और स्ट्रेंज कई ब्रम्हांडों को पार करते हुए निकल रहे हैं। अलग-अलग ब्रम्हांडों के अलग-अलग प्रभाव उनके शरीर पर पड़ते हैं। परकाया प्रवेश वाले सीक्वेंस भी बड़े दिलचस्प हैं।
फिल्म का समग्र प्रभाव ये है कि ये कथा को जारी रखते हुए सुखद मनोरंजन प्रदान करती है। मार्वल एक बार फिर बॉक्स ऑफिस के बेलगाम घोड़े को साधने में सफल रहा है। यदि आप मार्वल फैन हैं तो इसी सप्ताहांत आपको ब्रम्हांडों की सैर पर निकल जाना चाहिए। सिनेमा की शक्ति की सार्थकता इसमें ही है कि दर्शक थियेटर से तनाव मुक्त मुस्कराता हुआ बाहर निकले और सेम रैमी ने ये कर दिखाया है।