तमिलनाडु के तूतीकरोन में मारे गये 13 लोगों पर फिर से कांग्रेस ने बोला झूठ! वेदांता ग्रुप के स्टरलाइट प्रोजेक्ट को इजाजत सोनिया की मनमोहन सरकार ने ही दी थी, न कि एनडीए ने! लेकिन राहुल गांधी और अभिषेक मनु सिंघवी आरोप भाजपा पर लगा रहे हैं!
राहुल गांधी यह देख लो कि आपकी माताजी की ‘मनमोहन सरकार’ ने तूतीकोरिन में वेदांता ग्रुप के विवादास्पद स्टरलाइट प्रोजेक्ट को छह बार मंजूरी दी थी, न कि मोदी सरकार ने! इसलिए आरएसएस और भाजपा पर आपका आरोप विकीलिक्स के इस दावे को पुष्ट करता है कि आप मानसिक रूप से कमजोर हैं! आप सच नहीं बोलना चाहते या फिर आपके ‘पीडी पत्रकार’ सच जनता को नहीं बताना चाहते, इसका मतलब यह थोड़े न है कि सच बदल गया! तूतीकोरिन मामले में जानिए कांग्रेस सरकार के काले सच को…
क्या है पूरा मामला
* तमिलनाडु में पुलिस गोलीबारी में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। बंदरगाह शहर तूतीकोरिन में एक स्टरलाइट प्लांट (तांबा गलाने वाले संयंत्र) को स्थायी रूप से बंद कराने की मांग कर रहे हजारों लोग हिंसक प्रर्दशन पर उतर आए। इसी वजह से थूथुकुडी में धारा 144 लागू है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने स्टरलाइट कंपनी के विस्तार पर रोक लगा दी है। इस मामले पर गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा है।
* अंतरराष्ट्रीय खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड की स्टरलाइट कॉपर तांबे को ढालने का काम करती है और तूतीकोरिन स्थित इस प्लांट से सालाना करीब चार लाख टन तांबा ढाला जाता है। मंगलवार को लोग इसी प्लांट को बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। अभी तक तमिलनाडु हिंसा में कुल 13 लोगों के मारे जाने की ख़बर है।
* जानकारी के मुताबिक तूतीकोरिन के स्टरलाइट प्लांट में गुरुवार सुबह 5 बजे से बिजली सप्लाई रोक दी गई है. तमिलनाडु पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (TNPCB) ने इस प्लांट को तुरंत बंद करने का आदेश दिया है, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है. TNPCB ने अपने आदेश में कहा कि निरीक्षण में यह पाया गया कि प्लांट की यह यूनिट अपना प्रोडक्शन ऑपरेशन दोबारा शुरू करने की दिशा में काम कर रही थी. लगातार बढ़ती हिंसा को देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने तूतीकोरिन में इंटरनेट सेवाओं पर बैन लगा दिया है। इसके अलावा इससे सटे तिरुनेलवेलि और कन्याकुमारी जिले में भी इंटरनेट सुविधाएं बंद रहेंगी।
क्यों भड़की हिंसा
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्थित वेदांता यूनिट की कॉपर प्लांट से हो रहे प्रदूषण के कारण ग्राउंड वॉटर प्रदूषित हो रहा है। इलाके में पीने के पानी की समस्या बढ़ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस फैक्ट्री के प्रदूषण के कारण सेहत से जुड़ी गंभीर समस्या का संकट खड़ा हो गया है। हाल ही में इस कंपनी ने शहर में अपनी और यूनिट बढ़ाने की घोषणा की है। इसलिए स्थानीय लोग महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने मौजूदा कॉपर फैक्ट्री को बंद करने और आगे कोई और यूनिट चालू न करने करने की मांग की जा रही है।
* कांग्रेस अध्यक्ष राहुल ने ट्वीट कर कहा, तमिलनाडु में तमिलों की हत्या इसलिए कर दी गई है क्योंकि उन्होंने आरएसएस की विचारधारा और सदस्यता को लेने से मना कर दिया था। मगर हम मोदी और आरएसएस के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे और आपके इस विरोध को वह झुका नहीं पाएंगे। आपको कोई दबा नहीं सकता है, हम आपके साथ हैं।
* भाजपा नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को जवाब देने के लिए कहा है. स्वामी का आरोप है कि चिदंबरम कंपनी के वैतनिक निदेशक थे यानि वह इस पद के लिए पैसे लिया करते थे। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘पी चिंदबरम को स्टरलाइट विरोध प्रदर्शन की घटना पर जवाब देना चाहिए। वह कई वर्षों तक कंपनी के वैतनिक निदेशक थे। मेरे पास इससे संबंधित सभी दस्तावेज मौजूद हैं। अब उन्हें स्टरलाइट की तरफ से इस मामले पर सफाई देनी चाहिए।’
Republic TV EXPOSED TUTICORIN TRUTH
Explosive Documents Prove Congress’ Sanction To Expand Controversial Sterlite Project In Tuticorin. Six separate documents and recorded endorsements, as well as two press releases, make clear that it was the UPA which between the years 2007 and 2012 — spanning two governments — gave its backing to the project despite repeated concerns, once even telling Parliament that there was no need for a public hearing on the matter
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APPROVAL 1 – March 2007
The first approval came on March 30, 2007, when the UPA’s Environment Ministry cleared a proposal for the setting up of a 2×60 MW coal based captive power plant to meet the power requirement of the unit.
APPROVAL 2 – August 2007
The second approval followed just a few months later on August 9, 2007, when the Environment Ministry gave its clearance to an expansion (de-bottlenecking) proposal for the Copper Smelter, writing ‘MoEF accords environmental clearance.’
APPROVAL 3 – January 2009
The third approval came about 1.5 years later on January 1, 2009, when the Ministry gave a fresh Environment clearances to Sterlite for an expansion.
APPROVAL 4 – March 2010
The fourth backing came just a little over a year later on March 10, 2010, when Jairam Ramesh, then MoS in the Environment Ministry, said in response to a question on Pollution in Tuticorin’ in the Lok Sabha that ‘No serious charge has been levelled against Sterlite’.
APPROVAL 5 – August 2010
The fifth backing came on August 11, 2010, when Jairam Ramesh in response to a query in the Lok Sabha asking “whether the Government gave environment clearance to the Sterlite Industries to double its capacity without undertaking any public hearing as is the rule” said that clearance had been given to the unit as per procedure laid out in the Environment Impact Assessment (EIA) Notification, 2006.
APPROVAL 6 – July 2012
The sixth backing came almost two years later on July 7, 2012, when the Environment ministry gave its sanction for additional construction at the plant.
Despite this, the Congress, its president Rahul Gandhi, and its ally in the UPA, the CPI(M), continue to politicise the matter, pinning blame for the events in Tuticorin on the current NDA government.
Courtesy link: http://www.republicworld.com