विपुल रेगे। सलमान खान की फिल्म ‘किसी का भाई, किसी की जान’ का टीजर रिलीज हुआ है। 59 सेकंड्स के टीजर को देखने के बाद दर्शक और समीक्षक पूछ रहे हैं कि सलमान ने ये क्या बना दिया है। इस टीजर को देखकर बिलकुल समझ नहीं आता कि ‘किसी का भाई, किसी की जान’ कोई फिल्म है या किसी म्यूजिक एल्बम की क्लिप दिखा दी गई है। अब सलमान को लेकर वह शोर नहीं होता, जो दस वर्ष पूर्व हुआ करता था।
सलमान खान की आखिरी हिट फिल्म ‘टाइगर ज़िंदा है’ थी। ये फिल्म सन 2017 में प्रदर्शित हुई थी। इसके बाद से वे लगातार फ्लॉप चल रहे हैं। रेस:3, भारत, दबंग:3, राधे और अंतिम बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फेल रही थी। एक साथ पांच फ़िल्में पिट जाने का असर सलमान की मार्केट वेल्यू पर साफ़ दिखाई देता है। छप्पन वर्ष की आयु में सलमान खान अपना सिंहासन बचाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं।
आज सलमान वहीं खड़े हैं, जहाँ कभी राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन और अनिल कपूर खड़े थे। बॉलीवुड के हर सुपरस्टार के समक्ष ये चुनौती आती है। राजेश खन्ना और अमिताभ ने समझौता किया और चरित्र रोल स्वीकारने शुरु कर दिए। अनिल कपूर ने भी सर्वाइवल के लिए यही किया। उन्होंने सह-अभिनेता बनने में भी गुरेज नहीं किया। हालाँकि सलमान तो चरित्र भूमिकाएं भी नहीं निभा सकते।
वे अब तक अपने ओरा, स्वेग और करिज़्मा से हिट होते आए हैं। सलमान कभी स्वाभाविक अभिनेता नहीं रहे। उनका अभिनय कभी स्टेज से नहीं संवरा। ड्रामा आदि से उनका दूर-दूर तक कोई ताल्लुक नहीं रहा। सलमान ने अपने कॅरियर में कोई चुनौतीपूर्ण किरदार नहीं निभाया। सलमान का समय और भाग्य था, जो स्टाइल के दम पर उन्होंने कई वर्षों तक दूकान चला ली। हालाँकि अब बदले हुए हालात में उनकी दूकान नहीं चल पा रही है।
‘किसी का भाई, किसी की जान’ में भी सलमान स्टाइल दिखाते नज़र आ रहे हैं। इस टीजर से फिल्म की कहानी के बारे में कुछ पता नहीं चल रहा है। निर्माता-निर्देशक को कौन समझाए कि अब केवल स्टाइल से फ़िल्में नहीं चला करती। उल्लेखनीय है कि साजिद नाडियाडवाला की इस फिल्म का नाम पहले ‘कभी ईद कभी दिवाली’ था। फिल्म के शीर्षक को लेकर निर्माता सहमत नहीं थे इसलिए नाम बदल दिया गया।
निर्देशक फरहाद सामजी हैं। निर्देशक के रुप में सामजी के खाते में एक भी हिट फिल्म नहीं है। जब फिल्म की प्रारंभिक रिपोर्ट इतनी उत्साहहीन है तो फिल्म क्या होगी, ये समझ आ रहा है। अब भी समय है। सलमान खान को मुख्य भूमिकाएं निभाने की ज़िद छोड़कर चरित्र भूमिकाओं के लिए प्रयास करना चाहिए। यदि वे ऐसा करते हैं तो कुछ वर्ष की ऑक्सीजन उन्हें और प्राप्त हो सकती है।
यदि सलमान हीरो बनने की ज़िद पर ही अड़े रहते हैं तो अधिक से अधिक दो वर्ष में बाज़ार उन्हें सिंहासन से उठाकर फेंक देगा। बाज़ार बड़ा निर्मम होता है।