अर्चना कुमारी। करीब 2 साल पहले हुए दिल्ली दंगे में यह आरोपी ने हवलदार रतनलाल की हत्या करने वाले गैंग में शामिल था और पिछले 2 साल से फरार चल रहा था। रत्नलाल के मर्डर केस में शामिल एक आरोपी को अब दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच अलीगढ़ से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान मोहम्मद वसीम उर्फ बबलू के तौर पर हुई जो चांदबाग का रहने वाला है। कोर्ट ने इसे भगौड़ा घोषित कर रखा था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि साल 2020 जनवरी में सीएए और एनआसी के विरोध में मेन वजीराबाद रोड चांद बाग में धरना प्रदर्शन हुआ था।
जबकि मौके पर यहां धारा 144 लगे होने के बावजूद लोग प्रदर्शन कर रहे थे। बताया जाता है कि 24 फरवरी को शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा, एसीपी गोकुलपुरी अनुज कुमार अपने स्टाफ के साथ चांदबाग में लॉ एंड आर्डर को बनाए रखने के लिए मौके पर मौजूद थे। इस बीच दोपहर को अचानक से प्रदर्शनकारी हाथों में डंडा, लाठी, लोहे की रॉड, तलवारें, पत्थर और पैट्रोल बम लेकर वजीराबाद रोड की ओर बढने लगे। वहां पर मौजूद पुलिस अफसरों ने उन्हें वापस सर्विस रोड लौट जाने की हिदायत दी।
लेकिन बात मानने के बजाए प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्होंने पथराव करना शुरु कर दिया। पुलिस के ऊपर भी हमला कर दिया। जिस कारण पचास से ज्यादा पुलिसकर्मी इस घटना में जख्मी हो गए। बताया जाता है कि बेकाबू भीड़ ने सरकारी और निजी वाहनों में आग लगा दी। डीसीपी, एसीपी और हेड कांस्टेबल भीड़ में फंस गए, जिस कारण वह गंभीर रुप से जख्मी हो गए।
बाद में घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के मद्देनजर दयालपुर थाने में हत्या की कोशिश, सरकारी काम में बाधा डालने, दंगा, साजिश आदि धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में इस केस की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर हो गई। इस बीच इलाज के दौरान घायल हेड कांस्टेबल रतनलाल उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। दिल्ली पुलिस का कहना है कि मामले की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज, वीडियो का विश्लेषण और चश्मदीदाें के बयान पर आरोपियों की पहचान की गई।
इसके बाद 22 आरोपियों को मामले में गिरफ्तार किया गया। इस वारदात में शामिल पांच आरोपी फरार थे, जिन्हें कोर्ट ने भगौडा घोषित कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि आरोपी दिल्ली और यूपी में अपने घरों को छोड़ फरार हो गए। लेकिन क्राइम ब्रांच को हाल ही में आरोपी वसीम के बारे में सूचना मिली कि वह अलीगढ़ यूपी में कहीं छिपकर रह रहा है। इस सूचना को पुलिस ने पहले पुख्ता किया और फिर उसकी लोकेशन को ट्रेस कर इसे दबोच लिया। वह दिलशाद की एक छोटी फैक्टरी में काम कर रहा था। दिल्ली पुलिस को
आरोपी ने पूछताछ में बताया वह साल 2010 में दिल्ली आया था और यहां पैृतक घर में रहने लगा। फरवरी 2020 में सीएए के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के दौरान वह अपने दोस्तों के साथ शामिल हुआ था। घटना वाले दिन उसने अपने सहयोगियों के साथ शीशे की बोतल में थीनर भरा और पेट्टी में इन बोतलों को रख घर की छत पर ले गए। इसके बाद उन्हें क्रूड बम के तौर पर हथियार बना दंगों के दौरान पुलिसकर्मियों के ऊपर फेंका । इस घटना के बाद वह अपने मोबाइल को क्षतिग्रस्त कर फरार हो गया था।
बीते दो साल में उसने अपने किसी भी रिश्तेदार से संपर्क भी नहीं किया। आरोपी महज दसवीं कक्षा तक ही पढ़ा है। फरार की दौरान उसने अलीगढ में दिलशाद की एक छोटी फैक्टरी में काम किया। वहीं दंगों से पहले वह दिल्ली के सदर बाजार में सुटकेस की दुकान पर काम करता था। फिलहाल पुलिस वसीम से पूछताछ में जुटी हुई है।