पिछले कई सालों से पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के षडंयत्रों और परेशान करने से आजिज आकर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह का दर्द आखिर छलक ही आया। उन्होंने एक पत्र लिखकर पी चिदंबरम पर उनका जीवन नरक करने का आरोप लगया है। उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्तीय सलाहकार हसमुख अधिया पर आरोप लगाया है कि चार अधिकारियों का एक गैंग बनाकर अधिया पी चिदंबरम को बचाने में लगा हुआ है, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को पलीता लगा रहा है। स्वामी ने अधिया गैंग पर मोदी सरकार को अस्थिर करने का भी आरोप लगाया है। स्वामी ने कहा कि चिदंबरम को बचाने के लिए अधिया गैंग राजेश्वर सिंह की नौकरी छीनने तक का प्रयास कर चुका है। उन्होंने कहा कि राजेश्वर सिंह जैसे ईमानदार अधिकारी पर आईएसआई एजेंट होने तक का आरोप लगाया गया है।
मुख्य बिंदु
* शायद ही दूसरा कोई केंद्रीय वित्त मंत्री हो जिसपर पी चिदंबरम जितना भ्रष्टाचार का आरोप लगा हो
* स्वामी ने अधिया और उसके गैंग पर लगाया मजानत पर बाहर घूम रहे पी चिदंबरम को बचाने का आरोप
पी चिदंबरम द्वारा किए जा रहे परेशान से आजिज आकर प्रवर्तन निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी राजेश्वर सिंह ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी। राजेश्वर सिंह वही ईडी अधिकारी हैं जो पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच कर रहे हैं। उन्होंने एक सनसनीखेज पत्र लिखकर पी चिदंबरम पर आरोप लगाया है कि जब से दोनों बा-बेटे पर लगे भ्रष्टाचार मामले की जांच शुरू हुई है तब से चिदंबरम ने उनका जीवन बिल्कुल नरक बना दिया है। राजेश्वर सिंह द्वारा लिखा पत्र रिपब्लिक टीवी के हाथ लगा है। राजेश्वर सिंह का वह पत्र अब हमारे पास भी है जो हम अपनी इस रिपोर्ट में प्रकाशित भी करने जा रहे हैं। राजेश्वर सिंह ने तो यहां तक लिखा है कि एक बार तो उन्हें इस जांच से भी निकलवाने का प्रयास किया गया। चिदंबरम ने उन्हें सरेआम धमकी तक दी थी।
पी चिदंबरम की मुश्किलें तब बढ़नी शुरू हो गई थी जब पहली बार 2014 में एयसेल-मैक्सिस घोटाले में उनका नाम आया था। उन पर भ्रष्टाचार का आरोप कोई और नहीं बल्कि यूपीए सरकार में टेलीकॉम मंत्री रहे दयानिधि मारन ने लगाया था। सीबीआई जांच के दौरान मारन समेत अन्य आरोपियों ने सीबीआई को बताया था कि पूर्व वित्त मंत्री ने अपने बेटे कार्ति चिदंबरम को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए एक विदेशी कंपनी को फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मंजूरी दिलवाई थी। इसी आरोप के तहत सीबीआई ने फरवरी में कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार किया था। अभी वह जमानत पर है और उसके खिलाफ आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच चल रही है।
इसी महीने प्रवर्तन निदेशालय ने कार्ति चिदंबरम के खिलाप साढ़े चार हजार पन्ने का आरोपपत्र दाखिल किया है। इसी आरोप पत्र में पी चिदंबरम की भूमिका को भी रेखांकित किया गया है कि किस प्रकार उन्होंने अपने बेटे को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का बेजा इस्तेमाल किया।
प्रवर्तन निदेशालय का कोई वरिष्ठ अधिकारी, जो उस जाचं से जुड़ा हो, अगर उन्होंने इस प्रकार की चिट्ठी लिखी है, तो उसकी गंभीरता का सहज अंदाजा हो सकता है। अगर उनका लिखा सही है तो इसका मतलब है कि इस पूरी जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए पी चिदंबरम एड़ी चोटी का जोर लगाए होंगे। ऐसे में राजेश्वर सिंह के भय और दर्द को आसानी से समझा जा सकता है। इतना ही नहीं राजेश्वर सिंह ने अपनी चिट्ठी में अपने बॉस पर
भ्रष्टाचार और घोटाले में फंसे लोगों को बचाने का आरोप लगाया है।
तभी तो सुब्रहमण्यम स्वामी ने वित्तीय सलाहकार हसमुख अधिया और उसके चार अधिकारियों के गैंग पर भ्रष्टाचार में लिप्त पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को बचाने तथा राजेश्वर सिंह जैसे ईमानदार अधिकारी को बदनाम कर उनकी छवि धूमिल करने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है।
URL: ED officer Rajeshwar Singh alleged P Chidambaram in a letter to made his life hell
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