जिस प्रकार कांग्रेस ने मिशेल को सहायता देने के कोर्ट के आदेश का दुरुपयोग किया है उसी को देखते हुए जस्टिस अरविंद कुमार की कोर्ट ने मिशेल से मिलने वाले वकीलों पर समय के साथ दूरी पर भी बंदिश लगा दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि मिशेल से अब कोई भी वकील प्रतिदिन सुबह और शाम सिर्फ 15-15 मिनट मिल सकते हैं। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि मिलने के समय वकीलों को तीन फीट की दूरी को मेंटेन करना होगा। मालूम हो कि वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीद घोटाले में दलाली लेने के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल द्वारा अपने वकील एल्जो के जोसेफ को एक पर्ची देने से यह खुलासा हुआ है कि उसे कोई बाहरी व्यक्ति पढ़ा रहा है। इसका खुलासा ईडी ने कोर्ट के सामने करते हुए कहा है कि मिशेल ने अपने वकील एल्जो को कागज की एक पर्ची दी थी, जिसमें मिसेज गांधी और राहुल गांधी से जुड़े प्रश्न का ब्योरा था। इससे साफ है कि मिशेल पर बाहरी दबाव बनाया जा रहा है। इसी मामले को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने ट्वीट के सहारे तंज कसते हुए लिखा है कि झंडू बम और टाइगर बम तो सुना था लेकिन ‘फैमिली बम’ पहली बार सुन रहा हूं। शाह ने यह तंज इसलिए कसा है कि मिशेल के वकील ने कहा है कि उन्हें जो पर्टी दी गई थी वह मिशेल की दवा के संदर्भ में थी।
Michel’s lawyer has admitted that the paper was indeed passed on to him. He thought that it was a list of medicines, which could have been transparently given in any case.
We have heard of Zandu Balm and Tiger Balm but what is this ‘Family Balm’ that every middleman wants?
— Amit Shah (@AmitShah) December 31, 2018
Trails of the AgustaWestland Case…the SOS of Christian Michel.
Does anyone know why Christian Michel passed on the details of questioning on Mrs. Gandhi to his Lawyer?
Did he want them to be passed on to Mrs. Gandhi herself? Why?
— Amit Shah (@AmitShah) December 31, 2018
इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ प्रश्न उठाते हुए ट्वीट किया है, उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि क्या किसी को पता है कि क्रिश्चियन मिशेल ने उनके वकील के माध्यम से श्रीमती गांधी को उनके संदर्भ में पूछ जाने वाले प्रश्नों का ब्योरा क्यों भिजवाया? क्या मिशेल स्वयं ही वह ब्योरा श्रीमती गांधी को देना चाहता था ? अगर हां तो फिर सवाल उठता है कि आखिर क्यों?
मालूम हो कि जिस दिन पहली बार दुबई से प्रत्यर्पित कर भारत लाए गए मिशेल को पटियाला हाईकोर्ट में जब सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के सामने पेश किया था कांग्रेस ने अपने तीन वकीलों एल्जो के जोसेफ, विष्ण शंकर तथा श्री राम प्रकट को उसके बचाव में भेजा था। हालांकि बाद में जोसेफ को कांग्रेस ने पार्टी से तो निकाल दिया है लेकिन उस केस से विथड्रॉ नहीं किया है। जबकि इससे पहले कांग्रेस अपने वकीलों को केस से विड्रॉ करती रही है। वह चाहे केरल लॉट्री केस से अभिषेक मनु सिंघवी का विड्रॉ करना रहा है हो या फिर सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि केस मामले से कपिल सिब्बल का विड्रॉ रहा हो। लेकिन इस मामले में कांग्रेस ने जोसेफ को पार्टी से तो निकाल दिया है लेकिन मिशेल के केस से विड्रॉ नहीं किया है। इससे साफ हो जाता है कि कांग्रेस किसी भी सूरत में मिशेल के पास अपना आदमी रखना चाहती है, ताकि उसके ‘गांधी परिवार’ पर कोई आंच न आए।
ध्यान रहे कि कांग्रेस पार्टी ने अपनी ‘गांधी फैमिली’ को बचाने के लिए जिन तीन वकीलों को नियुक्त किया है वे हैं एल्जो के जोसेफ, विष्णु शंकर तथा श्रीराम प्रकट। मालूम हो कि जोसेफ कांग्रेस के नेशनल लीगल शेल के हेड रहे हैं। वहीं विष्ण शंकर केरल के बड़े कांग्रेस नेता चित्तरा मदु के बेटे हैं। मदु केरल काग्रेस प्रदेश केमेटी के कार्यकारी सदस्य है। वे केरल के कुलाम के रहने वाले हैं। इसी प्रकार श्री राम प्रकट भी पुराने कांग्रेस रहे हैं। मिशेल के बचाव में आए ये तीनों कांग्रेस वकील कांग्रेस के ही दिग्गज नेता और वकील सलमान खुर्शीद, पी चिदंबरम तथा कपिल सिब्बल के अंदर प्रैक्टिस कर चुके हैं। इससे साफ जाहिर है कि कांग्रेस ने भले ही मिशेल को बचाने के लिए अपेक्षाकृत इन तीन छोटे वकीलों को मैदान में उतारा हो लेकिन पीछे से वकीलों की पूरी फौज खड़ी कर चुकी है।
जब पहली बार सीबीआई ने मिशेल को दिल्ली के पटियाला कोर्ट में पेश किया था तब जोसेफ ने मिशेल के वकील बनने की इजाजत मांगी थी। उस समय मिशेल के बचाव में आए कांग्रेसी वकीलों ने मिशेल के सीबीआई रिमांड का विरोध किया था। उनका कहना था कि उसे पूछताछ करने के लिए रिमांड पर देने की कोई जरूरत नहीं है। इसके साथ ही पूछताछ के दौरान मिशेल की सहायता के लिए वकीलों की मौजदगी को अनिवार्य बताया था। कोर्ट ने भी मिशेल से पूछताछ के दौरान सुबह 10 से 11 बजे तथा शाम को 5 से छह बजे तक वकीलों की मौजूदकी की मंजूरी दे दी थी। लेकिन कांग्रेस के वकीलो अदालत के इस निर्देश का मिशेल पर दबाव बढ़ाने और षड्यंत्र रचने का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया।
जब ईडी ने कोर्ट में मिशेल और उनके वकीलों के माध्यम से कांग्रेस के साथ साठगांठ का खुलासा किया तो कोर्ट ने मिशेल पर कुछ बंदीशें लगा दी। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अब मिशेल से उनका वकील एक घंटे की जगह महज 15 मिनट मिलेंगे। इसके साथ ही मिलने के दौरान दोनों की बीच की दूरी कम से कम तीन फीट होगी।
प्वाइंट वाइज समझिए
मिशेल, वकील और कांग्रेस के बीच साठगांठ
* क्रिश्चियन मिशेल को बचाने के लिए कांग्रेस ने उतारी वकीलों की फौज
* मिशेल को सहायता के लिए कोर्ट के निर्देश को कांग्रेस ने किया दुरुपयोग
* जोसेफ को मिसेज गांधी तथा राहुल गांधी से जुड़े प्रश्न का सौंपा ब्यौरा
* ईडी ने वकील जोसेफ को मिशेल द्वारा सौंपी गई पर्ची से किया यह खुलासा
* ईडी के वकील एलडी सिंह ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार को दी यह जानकारी
* ईडी ने कोर्ट से कहा है कि मिशेल पर डाला जा रहा है विशेष दबाव
* ईडी ने मिशेल पर लगाया ‘बाहर’ से पढाए जाने का आरोप
URL : ED tells court that Christian Michel being tutored from outside !
Keyword : cbi, ed , agusta scam, agusta westland case, christian michel, अगस्ता वेस्टलैंड, क्रिश्चियन मिशेल, दुबई, सीबीआई