यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी नियंत्रित पूर्व यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए घोटाले की सूची इतनी लंबी है कि अभी तक उसका खुलासा हो रहा है। यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान भारतीय वायु सेना के लिए खरीदे गए 43 विमान में भी घोटाला सामने आया है। इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने यूपीए सरकार के तत्कालीन सिविल एविएशन मंत्री को समन भेजा है। इस मामले में जिस एयरबस इंडस्ट्री से 43 विमान खरीदे गए थे ईडी ने उसे भी नोटिस भेजा है। आरोप है कि भारत सरकार से विमान खरीद के लिए हुए समझौते का उसने सम्मान नहीं किया। इस घोटाला मामले में तत्कालीन सिविल एविएशन मंत्री प्रफुल्ल पटेल तथा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम जांच के घेरे में हैं।
मुख्य बिंदु
* यूपीए सरकार के तत्कालीन सिविल एविएशन मंत्री पर एयरबस इंडस्ट्री को 175 मिलियन डॉलर का लाभ पहुंचाने का आरोप
* ईडी ने विमान खरीद डील की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए एयरबस इंडस्ट्री को भी भेजा नोटिस, इसी कंपनी से खरीदे गए थे 43 विमान
@dir_ed has found that Airbus Industrie didn't honour the contract conditions. It got an undue benefit of 175 Milion Dollars. Airbus industrie was to invest 175miilion US$ for training centre but it didn't invest . Deal to buy 43 aircrafts for @airindiain was okayed by UPA .
— Pramod Kumar Singh (@SinghPramod2784) December 6, 2018
इस मामले की जानकारी वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह ने अपने ट्वीट में दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी लिखा है कि इस खरीद घोटाले की हुई जांच के दौरान ईडी ने पाया है कि एयरबस इंडस्ट्री ने विमान खरीद समझौते के तहत जो शर्तें तय की गई थी उसका सम्मान नहीं किया। ईडी का कहना है कि एयरबस इंडस्ट्री ने विमान खरीद समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है। समझौते से इनकार करने के लिए ईडी ने उसे भी नोटिस जारी कर दिया है । ईडी का कहना है कि इस विमान खरीद में उस कंपनी को 175 मिलियन का लाभ पहुंचाया गया है।
ईडी के मुताबिक विमान खरीद समझौते के तहत एयरबस इंडस्ट्री को प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए 175 मिलियन डॉलर निवेश करना था, लेकिन उन्होंने न तो को प्रशिक्षण केंद्र खोला न ही शर्तों के अनुसार 175 मिलियन डॉलर का निवेश किया।
Being the Finance Minister, he was the one who gave FIPB clearance, hence faces heat as skeletons arec tumbling out of UPA era.
— Pramod Kumar Singh (@SinghPramod2784) December 6, 2018
मालूम हो कि भारतीय वायु सेना के लिए 43 विमान खरीदने के लिए इस डील को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने ही मंजूरी दी थी। इतना ही नहीं वित्त मंत्री होने के नाते एफआईपीबी की मंजूरी पी चिदंबरम ने दी थी।
URL : ED to summon former UPA ministers in aircraft purchase scam!
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