2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जींद के जंग को जीत कर कांग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी ठसक दिखाना चाहती थी। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने जींद में अपने राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर को उतार दिया। उस चेहरे को जो कांग्रेस पार्टी के तरफ से टीवी पर सबसे ज्यादा दिखाई देता था ।उस चेहरे को जो हमेशा अहंकार में दांत पीसकर मोदी पर सबसे तीखा प्रहार करता था । कांग्रेस पार्टी भूल गई थी कि अब देश की जनता अहंकार बर्दाश्त नहीं करती। अहंकारी को एक पल भी टिकने नहीं देना चाहती। मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, कपिल ,सिब्बल इसके उदाहरण थे।
अहंकारी को जनता बर्दाश्त नहीं करती यह सिर्फ कांग्रेस पार्टी के लिए ही लागू नहीं होता, मोदी लहर में जब हर खरपतवार जीत गए अहंकारी अरुण जेटली को हराकर जनता संदेश दे चुकी थी। हैसियत जेटली की ही नहीं जनता ने राजीव प्रताप रूडी की भी बताई थी सिर्फ अहंकार के कारण। फिर भी कांग्रेस ने जींद में एक अहंकारी पर अपना दांव खेला । अहंकारी को दूसरे नंबर पर नहीं तीसरे नंबर पर भारी मतों से हराकर जिंद के जंग ने साबित कर दिया कि देश के अंदर कांग्रेस के लिए क्या माहौल है। कांग्रेस भूल गई थी अहंकार के कारण ही मनीष तिवारी और कपिल सिब्बल का पिछले लोकसभा में क्या गत हुआ था ।
वो आनंद शर्मा और रणदीप सुरजेवाला का अहंकार ही था जिसने जनता में यह संदेश दिया की भ्रष्टाचार का आरोप सामने होने और जनता में कांग्रेस को लेकर बढते अहंकार को देख कर भी कांग्रेस के प्रवक्ता सचेत होने के बदले राजा होने के अहंकार में चूर थे। जब देश एक ईमानदार छवि वाले बुजुर्ग अन्ना हजारे की दीवानगी में झूम रहा था। 50 डिग्री के तपा देने वाले दिल्ली की गर्मी में सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से जनता क्रोध में थी। अन्ना के इशारे पर कुछ भी करने को तैयार थी तब कांग्रेस का अहंकारी प्रवक्ता दांच चिपोड़कर अन्ना को अपमानित करते हुए कह रहा था अबे किशन बाबू राव हजारे हम जानते हैं तू जब सिपाही था तो जंग से भाग गया था। अब अन्ना बनकर ईमादारी का ढोंग कर रहा है। जिस बुजुर्ग के सालों की तपस्या से देश उम्मीद की तरफ देख रहा था उसे महज सिपाही बताते हुए उनकी औकात बताने की कोशिश कर अपमानित कर रहे थे सुरजेबाला। अन्ना को अपमानित करने के बाद देश के मूड को देखते हुए मनीष तिवारी ने चुनाव ना लड़ने के लिए बीमारी का बहाना बना लिया।
जींद हरियाणा का एक जाट बहुल लोकसभा क्षेत्र है जहां की आधी आबादी जाटों की है। जींद के सांसद इंडियन नेशनल लोक दल से हरीश चंद्र मिड्ढा थे जिनकी मौत के बाद सीट खाली हुआ था जाट बहुल क्षेत्र में जातिगत कार्ड खेलने के लिए कांग्रेस ने अपने चमकते चेहरे मीडिया कोऑर्डिनेटर रणदीप सुरजेवाला को उम्मीदवार बनाया और जींद के जंग को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया। यदि सुरजेवाला जैसे अहंकारी और कांग्रेस के टीवी चेहरे पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया होता जो जिंदगी ज्यादा चर्चा नहीं होती लेकिन जिंदगी जंग में कांग्रेस की अहंकारी चेहरे को उसकी हैसियत बता कर जींद की जनता ने साफ कर दिया कि वह चाहती क्या है।
कांग्रेस पार्टी और उसका अहंकारी चेहरा ना सिर्फ तीसरे स्थान पर रहा बल्कि गैर जाट चेहरा हरीश चंद्र मिड्ढा के पुत्र कृष्ण मिड्ढा को भारी बहुमत से जीता कर कांग्रेस की उस झूठ को भी बेनकाब कर दिया जो यह कहती थी कि हरियाणा में खट्टर सरकार से जनता अब उठ चुकी है केंद्र कि मोदी सरकार जुमलों की सरकार साबित हो चुकी है। जनता अब दरबारी और अहंकारी नेता को नहीं जमीनी नेता को अपना प्रतिनिधि बनाना चाहती है जो उसकी बात लोकतंत्र के मंदिर में मजबूती से रख सके। जींद की जनता का संदेश अहंकारी सुरजेवाला के माध्यम से लोकतंत्र की हर अहंकारी चेहरे के लिए है।