कालक्रमानुसार भारत के सप्त चिरंजीवियों के नाम इस प्रकार हैं:- राजा बलि, भगवान परशुरामजी, हनुमानजी, विभीषण, महर्षि वेदव्यासजी, कृपाचार्यजी और अश्वत्थामा।
इन सप्त चिरंजीवी के साथ आठवें चिरंजीवी के रूप में ऋषि मार्कण्डेय का नाम भी लिया जाता है, जिन्होंने महामृत्युंजय जैसा अमर मंत्र संसार को दिया है। इन चिरंजीवियों से संबंधित श्लोक है:-
अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनूमांश्च विभीषण:।
कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:॥
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।
जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।
सनातन मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति प्रतिदिन सुबह उठकर इन आठ अमर लोगों (अष्ट चिरंजीवी) के नाम लेता है, उसे कोई व्याधि (बीमारी) नहीं घेरती और वह शतायु (१०० वर्ष की आयु पूरी करने वाला) होता है।
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