रावण से ज्यादा मायावी , नेता जो अब्बासी-हिंदू ;
कोई बात सत्य न बोले , पर सच माने देश का हिंदू ।
बिका हुआ भारत का मीडिया , झूठी खबर दिखाता है ;
केवल पैसों के लालच में , महिमामंडन करता है ।
साधुवाद है सोशल- मीडिया , सही बात बतलाता है ;
उसको भी अब्बासी – हिंदू , तरह – तरह अटकाता है ।
पर सत्य कभी न छिपता है , उसको तो ऊपर आना है ;
हिंदू भी सच को समझ रहा है , अब्बासी-हिंदू जाना है ।
पर आसानी से नहीं जायेगा , रावण सा जाल बिछायेगा ;
अब हिंदू भी राम को लायें , तब ये रावण जायेगा ।
एक राम अंकुर शर्मा हैं , “इकजुट-जम्मू” राम की सेना ;
धर्मयुद्ध के ये ही अगुआ , मिटके रहेगी राक्षस सेना ।
इनका सैनिक हर हिंदू हो, “इकजुट-भारत” इसे बनाओ ;
हर युग में ही राम जीतता , देश को हिंदू – राष्ट्र बनाओ ।
एक भी रावण बच न पाये , हर राक्षस का करो सफाया ;
रामराज्य लाकर रहना है , ये हर-हिंदू मन को भाया ।
महासमर आने वाला है , हर-हिंदू कर लो तैयारी ;
शस्त्र-शास्त्र का पूर्ण प्रशिक्षण,हर मक्कार से छोड़ो यारी ।
रावण के घर कई विभीषण , राम-भक्त सब के सब हैं ;
रावण लातें मार रहा है , सभी विभीषण का स्वागत है ।
सभी विभीषण राम भक्त हैं , राम सैन्य में आ जाओ ;
धर्म-युद्ध होने वाला है , धर्म-पक्ष में आ जाओ ।
इतिहास सदा खुद को दोहराता , हम सब इसके साक्षी हैं ;
सदा धर्म की विजय हुयी है, इतिहास भी इसका साक्षी है ।
सर्वश्रेष्ठ है धर्म – सनातन , एकमात्र है धर्म – सनातन ;
दृढ़ता से इसको अपनाओ , अपना रक्षक धर्म – सनातन ।
हर – मानव की रक्षा होगी , धर्म – सनातन अपनाओ ;
‘इकजुट-जम्मू”इकजुट-भारत’ इसकी ही सरकार बनाओ ।
जीवन का उद्देश्य सार्थक , हर – मानव को करना है ;
हिंदू – राष्ट्र बनाकर भारत , राम – राज्य को लाना है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”