अर्चना कुमारी । महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खास रहे शिवसेना सांसद संजय राउत को आखिरकार प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के बाद संजय राउत के भाई और शिवसेना विधायक सुनील राउत ने दावा किया है कि उनके भाई के घर से जो नोट बरामद हुए, उनमें से 10 लाख वाले बंडल पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिखा है और उन्होंने एकनाथ शिंदे पर कई गंभीर आरोप लगाए ।
हालांकि एकनाथ शिंदे ने संजय राउत को भोपू करार दिया।राज्यसभा सांसद संजय राउत की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तंज कसा और कहा अब रोज सुबह आठ बजने वाला भोंपू तो अंदर चला गया। अब सुबह-सुबह भोंपू सुनने को नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि ईडी अपना काम कर रही है।
अगर आप ईमानदार हैं तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। शिंदे ने कहा कि जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने संजय राउत के घर से 11 लाख 50 हजार रुपये की राशि बरामद की । संजय राऊत इन नोटों के बारे में कुछ स्पष्ट तौर पर बता नहीं पाए जबकि उनके भाई तथा शिवसेना विधायक सुनील रावत ने मुख्यमंत्री शिंदे पर कई आरोप लगाए और ऐसे में इस एंगल से भी जांच की संभावना है।
सूत्रों का कहना है कि पात्रा चॉल मामले में भांडुप स्थित संजय राउत के मैत्री बंगले पर छापेमारी शुरू की थी और करीब नौ घंटे के बाद संजय राउत को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय लाया गया था। जहां पर उनके द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं देने पर राउत को गिरफ्तार कर लिया गया । तलाशी के दौरान करीब 11 लाख 50 हजार नकद मिले। इस बीच उनके भाई द्वारा दावा किया गया कि इनमें से एक 10 लाख का बंडल मिला, जिस पर एकनाथ शिंदे का नाम लिखा था।
सुनील राउत का कहना था कि संजय राउत के खिलाफ झूठे दस्तावेज तैयार कर गिरफ्तारी दिखाई गई, क्योंकि ‘संजय राउत से भाजपा डरती है। उन्होंने कहा कि ये राशि शिवसैनिकों के अयोध्या दौरे के लिए रखी गई थी। नोटों के बंडल पर एकनाथ शिंदे भी लिखा था। जो पैसा मिला, वह उन विधायकों के लिए था ,जो अयोध्या गए थे।
हालांकि सुनील के दावे को प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा पुष्टि नहीं किया गया है जबकि अब सवाल यह उठता है कि यदि नोट अयोध्या दौरे से संबंधित था और इसे खर्च नहीं किया गया तब पार्टी कोष में वापस क्यों नहीं रखा गया। सवाल यह भी उठता है कि यदि नोट रिश्वत की थी तो इस वजह से ही संजय राउत ने इसे अपने घर पर रखा ।
इसके अलावा उनका भाई कहीं जानबूझकर तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर आरोप नहीं लगा रहा है। ऐसे में सुनील राऊत भी प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर आ सकते हैं।