पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम का हर तरफ शोर मचाकर प्रवर्तन निदेशालय पर परेशान करने के आरोप लगाने का शिगूफा भी अब काम आने वाला नहीं है। ED कार्ति चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती हैं, लेकिन मार्ग की सबसे बड़ी बाधा तो अदालतें हैं! लेकिन इसके बावजूद प्रवर्तन निदेशालय ने एयरसेल तथा मैक्सिस मामले में कार्ति चिदंबरम पर शिकंजा कस दिया है। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में पूछताछ करने के लिए कोर्ट से कार्ति चिदंबरम को हिरासत में लेने की मांग की है। प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को 2 जी स्पेशल कोर्ट में विस्तृत आवेदन में कार्ति चिदंबरम पर कोर्ट के आदेश के बाद भी जवाब देने में आनाकानी करने तथा ईडी अधिकारी के सामने पेश होने में बेवजह देर लगाने का आरोप लगाया है। प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी याचिका में कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कई साक्ष्य प्रस्तुत किए। जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह किस प्रकार अदालत से मिली अंतरिम जमानत का दुरुपयोग कर रहा है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूछताछ के लिए कार्ति चिदंबरम की हिरासत में लेने की मांग की। सुनवाई पूरी होने के बाद विशेष न्यायधीश ओ पी सैनी ने कार्ति चिदंबरम को 18 सितंबर तक जवाब देने का आदेश दिया है।
मुख्य बिंदु
* शोर मचाकर प्रवर्तन निदेशालय को बदनाम करने का शिगूफा कार्ति चिदंबरम को अब नहीं बचा पाएगा
* ईडी ने कार्ति चिदंबरम को हिरासत में लेने की मांग की, कोर्ट ने 18 सितंबर तक जवाब देने का दिया आदेश
* अतिरिक्त सालिसिटर जेनरल तुषार मेहता ने कार्ति चिदंबरम पर लगाया अंतरिम जमानत का दुरुपयोग करने का आरोप
इस मामले की सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जेनरल तुषार मेहता ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ 26 पृष्ठों का अपना काला चिट्ठा कोर्ट के सामने रखा। अपने विस्तृत याचिक में मेहता ने विशेष न्यायधीश ओ पी सैनी के सामने कई ऐसी घटनाओं का दृष्टांत दिया जिससे साबित होता है कि पूछताछ के दौरान आक्रामक रवैया दिखाकर बेवजह जांच पूरी करने में देर करते हैं। इसलिए अब ईडी को उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की बेहद जरूरत। मेहता ने सैनी को बताया कि कार्ति अपनी अंतरिम जमानत का पूरा दुरुपयोग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कार्ति चिदंबरम के असहयोगात्मक रवैये के कारण ही जांच एजेंसी को एक बार फिर इस मामले की जांच पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्च से अतिरिक्त समय देने की मांग करनी पड़ रही है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को किसी भी सूरत में इस मामले की जांच 12 सितंबर तक पूरी करने को कहा था। मेहता ने कहा है कि कार्ति चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की शख्त जरूरत है। क्योंकि वे सामान्य प्रश्न का भी टालमटोल वाला जवाब देते है। उन्होंने कहा कि ईमेल भेजने को लेकर पूछे गए सामान्य सवालों का भी वे सही से जवाब नहीं देते। मेहता ने दोबारा कोर्ट को बताया कि वे अपनी अंतरिम जमानत का नाजाय फायदा उठा रहे हैं। ईडी ने कहा है कि कार्ति को जब भी दस्तावेजों का सामना करता पड़ता है तो वह गुस्सा कर उठता है और जवाब देने की बजाय दूसरी बातों पर बहस करने लगता है। मेहता ने कोर्ट को बताया कि इस संबंध में जांच एजेंसी अपनी कठिनाइयों के बारे में सुप्रीम कोर्ट की 2 जी बेंच को सूचित करती आ रही है।
हालांकि मंजिल अभी दूर है क्योंकि वामपंथियों और कोंग्रेसियों के लिए अदालतें पहले से बेल लेकर खड़ी प्रतीत होती हैं! चाहे वो पी चिदंबरम हो, तीस्ता सीतलवाड़ हो,नंदिनी सुंदर हो अथवा हाल ही में पुणे में पकडे गए पांच शहरी नक्सल। देश की सर्वोच्च न्यायालयों ने जिस तरह का वीआईपी ट्रीटमेंट इन लोगो को दिया है देश की एक भी आम जनता को 70 सालों में आज तक नसीब नहीं हुआ।
URL: Enforcement Directorate asks court to cancel Karti Chidambaram’s interim bail
Keywords: chidambaram, aircel maxis case, aircel, karti chidambaram, Enforcement Directorate, पी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम, एयरसेल-मैक्सिस केस , प्रवर्तन निदेशालय