अर्चना कुमारी। नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी से आज फिर होगी पूछताछ। इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी सत्याग्रह आंदोलन करेंगी जबकि प्रवर्तन निदेशालय मंगलवार को सोनिया गांधी से करीब 6 घंटे तक पूछे थे सवाल। सवाल-जवाब के दौर में सोनिया गांधी बेहद मायूस नजर आई और वह अधिकतर सवालों का गोल मटोल जवाब दे रही थी।। ईडी ने मंगलवार को उनसे दो दौर में पूछताछ की और पूछताछ करने वाले अधिकारी उनके जवाब से कतई संतुष्ट नहीं दिखे। पहले दौर में करीब तीन घंटे सवाल-जवाब हुए।
इससे पहले भी सोनिया गांधी तथा उनके बेटे राहुल गांधी से इस बाबत पूछताछ की गई थी और प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि दोनों की भूमिका संदिग्ध है और दोनों सवालों से बचने का प्रयास किया था । सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ को लेकर कांग्रेस एक बार फिर सड़क पर उतरी और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान राहुल गांधी समेत कई अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया और करीब 7 घंटे बाद उन्हें रिहा किया गया। सोनिया गांधी के समर्थन में आए कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस में तैनात कर्मियों के द्वारा बाल खींचे गए ।
इस पर दिल्ली पुलिस की ओर से सफाई दी गई है कि आरोपी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी हालांकि उनकी पहचान नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि है करीब 10 साल पुराने मामले में सोनिया और राहुल गांधी दोनों 2015 से जमानत पर हैं। इसी मामले में ईडी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से पूछताछ की थी। नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली कंपनी एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को पहले कांग्रेस पार्टी की ओर से 90 करोड़ रुपये का लोन देने और बाद में उसे यंग इंडिया को बेचे जाने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जांच चल रही है।
इस बारे में सुब्रमण्यम स्वामी ने सबसे पहले 2012 में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में निजी शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने 2000 करोड़ रुपये की कंपनी को महज 50 लाख रुपये में खरीदे जाने को अवैध करार देते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत मामले से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी। इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, आस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपी बनाए गए।
मोतीलाल वोरा व आस्कर फर्नांडिस का निधन हो चुका है। अब यह मामला वर्तमान में राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत में चल रहा है। इस मामले मे वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत पर स्वत: संज्ञान लेते हुए ईडी ने 2014 में एक मामला दर्ज किया था। ईडी ने सिर्फ यह देखने के लिए जांच शुरू की थी कि इस मामले में क्या कोई मनी लॉन्ड्रिंग हुई है, इस दौरान साल 2019 में ईडी ने केस से जुड़ी 64 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली थीं।
इस मामले में आयकर विभाग ने सोनिया और राहुल गांधी समेत अन्य आरोपितों को पुनर्मूल्यांकन नोटिस दिया था। इसको चुनौती देने वाली सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य की याचिकाओं पर वर्तमान में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में एक याचिका हाई कोर्ट द्वारा नौ सितंबर 2018 को खारिज कर दी थी, जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जहां कोर्ट ने आयकर विभाग की जांच को जारी रखा था तथा जांच पूरी होने तक कोई भी आदेश पारित नहीं करने का निर्देश दिया था।