अर्चना कुमारी, दिल्ली। देश इस समय करोना महामारी की चुनौतियों से निपट रहा है लेकिन हरे टिड्डे आपदा में अवसर की तलाश करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए नक़ली नोट सप्लाई करने में जुटे हैं।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक ऐसे ही तस्कर को गिरफ्तार किया , जो बंग्लादेश से नकली नोट की खेप लाकर दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में इसकी सप्लाई करते थे।
तस्कर की पहचान मालदा, पश्चिम बंगाल निवासी 29 साल के अब्दूल रहीम के तौर पर की गई है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इसकी निशानदेही पर पुलिस ने आठ लाख रूपए के भारतीय जाली नोट जब्त किए हैं, जो कि 500 और 2000 रूपए मूल्य के हैं।
पुलिस का दावा है कि अब्दूल को पुलिस की टीम ने आनंद विहार रेलवे स्टेशन के पास से उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वह दिल्ली में अपने गुर्गे को जाली नोटों की आपूर्ति करने के लिए 16 अप्रैल को आया था।
दिल्ली पुलिस के समक्ष पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह बंग्लादेश आते-जाते रहता है। इसी दौरान उसकी मुलाकात तस्करों से हुई और उसने जल्दी अमीर बनने की चाह में नोटों की तस्करी करनी शुरू कर दी।
दिल्ली पुलिस ने रविवार को बताया कि स्पेशल सेल टीम को सूचना मिली थी कि 16 अप्रैल को एक शख्स जाली नोटों के साथ दिल्ली में आने वाला है। इस तरह की सूचना के आधार पर पुलिस की एक टीम आंनद विहार रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई।
इसी बीच टीम को निकासी के गेट के पास किसी का इंतजार कर रहे एक शख्स पर शक हुआ। बाद में पुलिस टीम ने उसे हिरासत में लिया और जब बैग की तलाशी ली तो उसमें 500-2000 रूपए के जाली नोट मिले।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह मालदा का रहने वाला है और उसका नाम अब्दूल रहीम है। दिल्ली पुलिस के पूछताछ में पता चला कि वह अपने गांव में कपड़ों की दुकान चलाता था।
इस सिलसिले में वह अकसर बाॅर्डर के रास्ते कपड़े लाने के लिए बंग्लादेश जाया करता था। अब उसकी पत्नी कपड़ों की दुकान चलाती है। पुलिस उपायुक्त संजीव यादव ने बताया कि आगे की पूछताछ में अब्दूल ने बताया कि साल 2018 में जल्दी पैसे कमाने के लिए उसने राज मिस्त्री का काम शुरू किया।
इसी दौरान उसकी मुलाकात नसरूद्दीन नामक एक शख्स से हुई, जो कि नोटों की तस्करी करता था। इसके बाद उसके संपर्क में आने के बाद उसने तस्करी करनी शुरू कर दी। उसे मोटा कमिशन मिलने लगा।
उसके बाद वह बंग्लादेश में एक अन्य शख्स टिकू के संपर्क में आया। उसके बाद वह लगतार नोटों को दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में खपाने लगा। पिछले साल लॉकडाउन पूर्णबंदी की वजह से वह तस्करी नहीं कर पा रहा था।
जबकि वह इस साल करोना महामारी के समय भी नकली नोट की सप्लाई कर कमाने चला था। आरोपी यदि आठ लाख की आपूर्ति कर पाने में सफल रहता तो उसे एक लाख रूपए बतौर कमीशन मिल जाते।
फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटा रही है। पुलिस ने आशंका जताई है कि पकड़ा गया तस्कर पूर्व में कई नकली नोटों की खेप विभिन्न राज्य में सप्लाई कर चुका है जबकि पुलिस इस रैकेट में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।