आखिरकार एएनआई के मुख्य संपादक स्मिता प्रकाश की आलोचना करने को लेकर राहुल गांधी पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष शेखर गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया दे ही दी। एडिटर्स गिल्ड की जारी प्रतिक्रिया से तो यही लगता है कि शेखर गुप्ता दूसरों के पाप गिनाकर राहुल गांधी को और अधिक पाप करने को उकसा रहे हैं। उनसे यही उम्मीद भी थी, क्योंकि कोई भी अपने पालक को सीख नहीं दे सकता है, हां उसे एक दरबारी की भांति उकसा जरूर सकता है। तभी तो अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने पत्रकारों को तो सीख दी है लेकिन राहुल गांधी की कहीं आलोचना नहीं की है, क्योंक वे ऐसा कर भी नहीं सकते हैं, नहीं तो अगले ही दिन राज दरवार जाने पर बंदिश लग जाएगी। हो न हो जिस हैसियत से आज वे पत्रकारों को सीख दे रहे हैं वहां तक पहुंचाने में फैमिली दरबार का हाथ हो।
तभी तो एडिटर्स गिल्ड ने स्मिता प्रकाश के मामले के जरिए सीख देते हुए लिखा है पत्रकारों को स्वस्थ और सभ्य आलोचना से कभी भी बचने का प्रयास या दावा नहीं करना चाहिए। अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने लिखा है कि भाजपा और आप के कुछ नेताओं ने तो पत्रकारों के कई पर्यायवाची शब्द तक गढ़ डाले। जैसा कि हमलोग अपने राजनीतिक वर्ग को जानते हैं, उस आधार पर यही कहा जा सकता है कि वे लोग पत्रकारों को एक संस्था के हिस्सा के रूप में अविश्वसनीय और अवैध ठहराकर उन्हें डराना चाहते हैं। लेकिन पत्रकारों को अपनी चमड़ी मोटी कर अनवरत रूप से अपना काम करते रहना चाहिए और उन्हें डराने का अवसर नहीं देना चाहिए। शेखर गुप्ता ने पराकांतर से पत्रकारों को ही डराने की कोशिश की है।
पत्रकारों को इस प्रकार की सीख देने वाले यह शेखर गुप्ता हैं जिनकी गिनती कांग्रेस खासकर गांधी फैमिली के दरवारी पत्रकारों में होती है। इन्ही करतूतों के कारण इनलोगों को पेटीकोट पत्रकार तक का तमगा दिया जा चुका है। शेखर गुप्ता को समझना चाहिए कि आज की पत्रकारिता बदल गई है जिसे उन जैसे पेटीकोट पत्रकारों की नसीहत की कोई आवश्यकता नहीं है। जिस प्रकार अबुझ नेता के रूप में ख्यात प्राप्त राहुल गांधी जैसे अज्ञानी नेता के खिलाफ शख्त प्रतिक्रिया देने में हिचक सामने आई है, उससे शेखर गुप्ता ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया जैसी संस्था की साख पर ही बट्टा लगाया है। तभी तो एडिटर्स गिल्ड की प्रतिक्रिया के खिलाफ कई प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं।
https://twitter.com/gvalaS/status/1080830054857355265?s=19&fbclid=IwAR1sPT6Se1juCZP59gjvBR_z-6rj0Po9lKGsw8WJQC4X5kAs2xZHOo2M758
संजय नाम के एक शख्स ने अपने ट्वीट में लिखा है कि राहुल गांधी अगर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करे तो वह आलोचना और अगर भाजपा या आप के नेता आलोचना भी करे तो वह गाली बन जाती है। उन्होंने ऐसी प्रतिक्रिया देने वालों को दल्ले से संबोधन किया है और यह भी लिखा है कि ये कभी बदलेंगें नहीं।
Really? Just 2 lines for Rahul & rest of statements for others. This looks more like 'tenant trying to soft scold landlord's spoilt kid by thrashing other kids in compound'. Editors Guild is a joke @ShekharGupta
— Jiten Gajaria (@jitengajaria) January 3, 2019
जितेन गजारिया, जो एक नेता है, ने लिखा है कि एडिटर्स गिल्ड ने स्मिता प्रकाश की आलोचना करने को लेकर राहुल गांधी की अमर्यादित टिप्पणी पर जो बयान जारी किया है उसमें महज दो लाइने राहुल के लिए हैं बल्कि शेष लाइने तो दूसरों को नसीहते देने वाली है। एडिटर्स गिल्ड की यह प्रतिक्रिया उस चालाक किरायेदार की तरह है जो कंपाउंड में खेल रहे दूसरे बच्चों को डांटकर अपने मकान मालिक के बिगड़ैल बच्चे को साधने का प्रयास किया हो। ऐसा कर एडिटर्स गिल्ड खुद मजाक बन गया है।
इसको पढ़ कर ऐसा लग रहा है कि BJP ने बोला है…
इसमे भी BJP और AAP को घसीट लिया। वाह रे editor guild
— Deepak🇮🇳 (@deepak_v21) January 3, 2019
एडिटर्स गिल्ड की इस प्रतिक्रिया को देखकर पेशे से इंजीनियर रहे दीपक ने अपने ट्वीट में लिखा है कि उसने ऐसी प्रतिक्रिया दी है जैसे राहुल गांधी ने नहीं बल्कि भाजपा ने अमर्यादित शब्द का उपयोग किया हो। एडिटर्स गिल्ड को राहुल गांधी की आलोचना करनी चाहिए थी जबकि उसने इस मामले में भी भाजपा और आप को ही घसीट लिया है।
👉🏻-“ has noted with concern the words used by Rahul Gandhi” ? Is this some joke? Would you call it criticism of Rahul Gandhi what he said about Smita Prakash? This reply looks more like shaming BJP & APP politicians rather than criticising Rahul Gandhi! Biased reply. Shame. Shame
— Sun.beam☀️🌺💫 (@SatChitAnand_) January 3, 2019
वरिष्ठ पत्रकार स्मिता प्रकाश के बारे में राहुल गांधी के घटिया बयान को आलोचना बताने को लेकर हिंदू होने पर गर्व करने वाली अंजलिका को एडिटर्स गिल्ड पर शर्म आती है। एडिटर्स गिल्ड ने तो इस प्रकार की प्रतिक्रिया जाहिर कर अपना ही मजाक बना लिया है। उनका कहना है कि एडिटर्स गिल्ड के बयान को देखकर तो यही लगता है कि उसने राहुल गांधी की आलोचना करने की बजाय भाजपा और आप के नेताओं को शर्मसार किया है। उन्होंने एडिटर्स गिल्ड के इस बयान को भेदभावपूर्ण बताया है।
Dear @IndEditorsGuild this is the reason everyone calls you names because you show no spine. When this should have been an unequivocal statement about @RahulGandhi instead you brought in BJP and generalised it. https://t.co/5ZPbFrTj6h
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 3, 2019
वहीं फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने अपने ट्वीट में लिखा है कि यही कारण है कि एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष शेखर गुप्ता को लोग गाली देते हैं, क्योंकि उनके पास कोई रीढ़ है ही नहीं। इस मामले में जहां सिर्फ और सिर्फ राहुल गांधी के खिलाफ बयान दिया जाना चाहिए था वहीं शेखर गुप्ता ने इस मामले में भाजपा को घसीट कर इस मामले को ही सामान्य बना दिया। शेखर गुप्ता और कर ही क्या सकता था, क्योंकि वह तो पूरी जिंदगी ही कांग्रेस और गांधी फैमिली की सेवा करते हुए गुजारी है।
URL : everyone calls shekhar gupta names because he has no spine !
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