बहुत अधिक गुंडों से डरता , भारत का ये पूरा तंत्र ;
क्या नेता है क्या है अफसर, या फिर वो हो पुलिस का तंत्र।
भ्रष्टाचार है इसका कारण, इसका फैलाव भयानक है ;
झूठे – इतिहास की यही वजह है , कायरता का कारक है ।
ये साजिश गांधी नेहरू की, अबतक उनकी नीति चल रही ;
झूठे- इतिहास को पढ़ने वाले , नेताओं की रीति चल रही ।
कांच के घर में सारे रहते , इसीलिये गुंडों से डरते ;
इनके कांच के घर को तोड़ो , वरना हिंदू यूँ ही मरते ।
कायर और नपुंसक नेता , राष्ट्र का संकट बढ़ा रहा है ;
हर सच्चाई हिंदू जाने , सोशल -मीडिया बता रहा है ।
भ्रष्टाचार हिंदू का दुश्मन , हिंदू को मरवाता है ;
भ्रष्टाचारी हिंदू – नेता , गुंडों को सहलाता है ।
तुष्टीकरण की यही वजह है,अल्पसंख्यकवाद को लाता है ;
भ्रष्टाचार है ऐसा कैंसर , राष्ट्र टूटता जाता है ।
वामी,कामी,जिम्मी,सेक्युलर , जो हैं कायर और मक्कार ;
हिंदू – धर्म के पक्के दुश्मन और राष्ट्र के हैं गद्दार ।
गद्दारों को हर समय बढ़ावा , सरकारें देती हैं चढ़ावा ;
गांधीवाद की ओट में छुपकर , कायर नेता करें दिखावा ।
कायर व कमजोर ये नेता , गांधी की माला जपते ;
हिंदू इनके जाल में फंसकर , बेगुनाह मरते रहते ।
जो भी दल सत्ता में आता , हिंदू को ही मूर्ख बनाता ;
जेहादी से डरकर रहता , उसका गुलाम बनकर रहता ।
चरित्रहीन जितने भी नेता , धर्म – सनातन से घबराते ;
अय्याशी वाले जो मजहब , चरित्रहीन जाकर फंस जाते ।
राष्ट्र से इनको कुछ न मतलब , वासनापूर्ति में रहते हैं ;
जगह-जगह हिंदू मरवाकर , गजवायेहिंद करवाते हैं ।
बहुत बढ़ चुका रोग ये घातक , इससे राष्ट्र बचाना है ;
राष्ट्र तो केवल तभी बचेगा , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
हर हिंदू को यही ठानना , हमको राष्ट्र बचाना है ;
वरना कुछ भी नहीं बचेगा , हिंदू को मिट जाना है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”