हार की आशंका से ग्रस्त विपक्षी नेताओं और पेटीकोट पत्रकारों और कोर्ट फिक्सरों ने अब एक नया दांव चला है। पहले वे ईवीएम हैकिंग का आरोप लगाते थे, एक्जिट पोल के बाद ईवीएम स्वैपिंग का आरोप लगाने लगे हैं। हद तो यह है कि विपक्ष के 21 दल के नेताओं ने इस पर प्रेसवार्ता का आयोजन भी कर लिया। जबकि चुनाव आयोग बार-बार आश्वस्त कर रहा है कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है।
इस साजिश की शुरुआत कपिल सिब्बल के तिरंगा नेटवर्क से हुई। कपिल सिब्बल के इस नेटवर्क ने इसे अंतरराष्ट्रीय रूप से यह झूठ फैलाया कि नरेंद्र मोदी ने 200 ईवीएम मशीन को स्वैप यानी बदल दिया है। फिर इसे आम आदमी पार्टी ने फैलाया, जिसे प्रशांत भूषण ने उछाला और फिर विपक्ष के लिए यह मुद्दा बन गया। यह साजिश कैसे गढ़ी गई और इसके पीछे की सच्चाई क्या है, यह इस वीडियो से जानिए…..
कपिल सिब्बल के तिरंगा नेटवर्क के झूठ को आम आदमी पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने फैलाया…
इस झूठ को कोर्ट फिक्सर प्रशांत भूषण ने दी हवा….
आम आदमी का मुख पत्र जनता का रिपोर्टर के जेहादी मानसिकता वाले संपादक रिफत जावेद ने तो हद ही कर दी! उसने अपने टवीट से यह जता दिया कि उसे देश के चुनावी प्रक्रिया का कुछ पता नहीं है, बस प्रोपोगंडा फैलाना ही उसका काम है।
कांग्रेसी पत्रकार भी इस झूठ के एजेंडा को बढ़ाने के लिए कूद पड़े…
चुनाव आयोग ने साफ साफ कहा कि सब कुछ सामान्य है…..