एक समय था जब बॉलीवुड के बड़े सितारों की फ़िल्में रिलीज के पहले दिन ही करोड़ों की ओपनिंग के नए कीर्तिमान बनाती रहती थी। आज ये समय है कि बहिष्कार से सहमा बॉलीवुड 23 साल की जान्हवी कपूर के भरोसे पर तगड़ी ओपनिंग की उम्मीद लगाए बैठा है। शुक्रवार को जान्हवी कपूर की फिल्म ‘रुही’ प्रदर्शित होने जा रही है। एक वर्ष से हिन्दी फिल्म उद्योग मुश्किलों का सामना कर रहा है। पहले कोरोना और उसके बाद सुशांत, बॉलीवुड ड्रग्स कनेक्शन के चलते दर्शक का मन थियेटर में जाकर फिल्म देखने से टूटने लगा। थियेटर खाली पड़े हैं। जान्हवी के भरोसे नई शुरुआत का ये स्वप्न साकार होता नहीं दिखाई दे रहा है।
फिल्म उद्योग गहरे संकट में है। पहले से तैयार फिल्मों को प्रदर्शित करने से निर्माता डर रहे हैं। थियेटर खुलने के बाद रिलीज हुई फ़िल्में बुरी तरह पिट गई। यदि शुक्रवार को रुही की ओपनिंग निम्न स्तर की रहती है तो बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं को इसे बड़े संकट का संकेत मान लेना चाहिए।
बुरी खबर ये भी है कि रोहित शेट्टी की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सूर्यवंशी’ की रिलीज डेट फिर से टाल दी गई है। रिलायंस एंटरटेनमेंट पर इस फिल्म की लागत का बोझ बढ़ता ही चला जा रहा है। ‘लक्ष्मी’ फिल्म के कमज़ोर प्रदर्शन के बाद अक्षय कुमार की मार्केट वेल्यू पर भी प्रश्नचिन्ह लगे हुए हैं।
फिल्मों से होने वाली कमाई में हिस्सेदारी को लेकर सिनेमाघर मालिकों और फिल्म निर्माताओं के बीच विवाद अब तक सुलझ नहीं पाया है। रिलायंस एंटरटेनमेंट तय कर चुका है कि इस प्रोजेक्ट को अगले वित्तीय वर्ष के खाते में न डाला जाए। लिहाजा फिल्म को ओटीटी पर प्रदर्शित करने के आसार दिखाई दे रहे हैं।
शुक्रवार को प्रदर्शित ‘रुही’ एक हॉरर जॉनर की फिल्म है। इसमें जान्हवी कपूर के साथ राजकुमार राव, वरुण शर्मा और पंकज त्रिपाठी मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म के निर्देशक हार्दिक मेहता ने चार फ़िल्में बनाई है। अब तक उनके खाते में एक भी सफल फिल्म नहीं है। जान्हवी कपूर उभरती कलाकार हैं और उन्होंने अब तक स्टार स्टेटस नहीं पाया है।
उनकी पिछली फिल्म ‘गुंजन सक्सेना’ वायुसेना के बारे में गलत तथ्य प्रस्तुत करने पर विवादों में आई और बुरी तरह असफल रही। बॉलीवुड अब तक समझ नहीं सका है कि दर्शकों को थियेटर तक लाने के लिए उसे और भी कई तरीके अपनाने होंगे। बॉलीवुड के ड्रग्स कनेक्शन और सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण के चलते दर्शक जो नाराज़ हुआ, तो आज तक उसे मनाया नहीं जा सका है।
लगातार एक वर्ष तक कमाई न होने का बुरा असर इंडस्ट्री पर पड़ रहा है। नए अनुबंध न होने के कारण अब बड़े फिल्म स्टार विदेश जाकर सस्ते में शो करने के लिए भी तैयार हैं। कई सितारों ने अपनी फीस कम कर दी है, ताकि उन्हें काम मिल सके। बॉलीवुड पर संकट के गहरे बादल छाए हुए हैं।
जान्हवी कपूर की ‘रुही’ को एक पैमाना मान लेना चाहिए। यदि ये फिल्म औसत और हिट के बीच भी रहती है तो इंडस्ट्री को विशेष लाभ नहीं होगा। फिल्म इंडस्ट्री को अब दक्षिण भारतीय सितारें उबार सकते हैं। हिन्दी बेल्ट के दर्शक इन्हे पसंद करते हैं।
व्यावसायिक सोच वाले करण जौहर ने दर्शकों का रुख भांप लिया है। उन्होंने अब अपने प्रोडक्शन में दक्षिण भारतीय फ़िल्में बनाने की शुरुआत कर दी है। क्या इसे संकेत समझा जाए कि हिन्दी फिल्म उद्योग अपने ही भारी-भरकम आर्थिक बोझ से ढहता जा रहा है।